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    राष्ट्रीय शिक्षा नीति

    माननीय भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी, शिक्षा मंत्री श्री धर्मेन्द्र प्रधान जी व कार्यक्रम से जुड़े सभी महानुभाव आप सभी को नमस्कार।
    सबसे पहले मैं प्रधानमंत्री जी का हार्दिक धन्यवाद करता हूँ जिनके रहनुमाई में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति लांच की जा रही है। शिक्षा मंत्री श्री धर्मेन्द्र प्रधान का भी हार्दिक आभार कि उन्होंने वेबिनार का आयोजन कर देश को इस कार्यक्रम से जोड़ा है। मैं देश में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू होने पर देशवासियों को बधाई एवं शुभकामनाएं देता हूँ ।

    हरियाणा में सरकार, प्रशासन, विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों व स्कूल स्तर पर नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन के लिए कई बार वर्चुअल मिटिंग की जा चुकी है। हरियाणा नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने पूरी तरह तैयार है। प्रदेश में शिक्षा की ढांचागत सुविधाएं पहले से ही सुदृढ़ है। वर्चुअल मिटिंग, सेमीनार, डिजिटल कॉन्क्लेव, वीडियो कान्फ्रेंस व कार्यशालाओं के माध्यम से शिक्षाविदों और अध्यापकों को भी तैयार कर दिया गया है। माननीय प्रधानमंत्री जी मैं पूरी तरह आश्वस्त हूं कि हरियाणा नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू करने वाला पहला प्रदेश है।

    मैं यहां बताना चाहूगां कि विगत 18 अगस्त से 21 अगस्त तक हरियाणा में राज्य उच्च शिक्षा परिषद् द्वारा नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन की रूप रेखा तैयार करने के लिए चार दिवसीय डिजिटल कॉन्क्लेव का आयोजन किया गया था।
    इस डिजिटल कॉन्क्लेव की शुरूआत राजभवन में ही की गई और समापन कार्यक्रम भी राजभवन में ही किया गया। डिजिटल कॉन्क्लेव में प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों, शिक्षण संस्थाओं के पदाधिकारी, महाविद्यालयों के प्राचार्यों व प्रदेश के जाने माने शिक्षाविदों सहित 250 से भी अधिक विद्वानों ने भाग लिया।

    कॉन्क्लेव में लगातार चार दिन तक सभी शिक्षाविदों और विद्वानों ने विद्यालयी शिक्षा, उच्च शिक्षा, हरियाणा के सन्दर्भ में शिक्षा नीति तथा हरियाणा के सन्दर्भ में शिक्षा नीति की कार्य योजना पर चार कार्यशालाएं आयोजित की। इन कार्यशालाओं में नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन पर गहन विचार मंथन किया।

    नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में प्रावधान है कि शत-प्रतिशत बच्चे 12वीं तक की शिक्षा ग्रहण करें और पचास प्रतिशत विद्यार्थी उच्च शिक्षा हासिल करें। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए राज्य की सभी शिक्षण संस्थाओं ने पूरी तैयारी की है। इसके साथ-साथ परीक्षाओं को अधिक व्यावहारिक व पारदर्शी कैसे बनाया जाए जिससे पूरी शिक्षा विद्यार्थी केन्द्रित भी हो। उच्च शिक्षण संस्थाओं में वर्तमान मांग के अनुसार नए पाठ्यक्रम तैयार किए गए हैं।
    राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत अनुसन्धान, नए अन्वेंषणों तथा रोजगारोन्मुखी कार्यक्रमों को लगातार तीव्रता प्रदान करने के लिए पहले से ही सकल घरेलू उत्पाद का 6 प्रतिशत हिस्सा शिक्षा के लिए तय किया गया है। ऐसा देश में पहली बार हुआ है।
    जैसा कि हम सब को पता है कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में आंगनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से दी जा रही पूर्व औपचारिक शिक्षा से लेकर उच्च स्तर की शिक्षा को जोड़ा गया है। इसलिए सभी शिक्षण संस्थाओं ने नई शिक्षा नीति को बेहतर क्रियात्मक रूप देने के लिए सभी तरह के शैक्षिणक व एकैडमिक स्तर पर फ्रेमवर्क और मजबूत किया है।
    नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में कौशल, रोजगार, तकनीकी ज्ञान और विशेषज्ञता को प्राथमिकता दी गई है। इन्हीं सब पैमानों पर खरा उतरने के लिए हरियाणा में विश्वविद्यालयों को उद्योगों से जोड़ने की प्रक्रिया पर भी कार्य शुरू कर दिया गया है।
    नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में सामाजिक रूप से दबे-कुचले लोगों की शिक्षा के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं। इन प्रावधानों को पूरी तरह अम्ल में लाना हम सब के लिए चुनौती होगी। इसके लिए हमें निजी संस्थानों के साथ बेहतर सामंजस्य करने की जरूरत है।
    माननीय प्रधानमंत्री महोदय महत्वपूर्ण बात यह है कि नई शिक्षा नीति के तहत शिक्षा तंत्र में शहरी व ग्रामीण शिक्षा की खाई को मिटाना होगा जिससे सभी को शिक्षा के समान अवसर मिल पाएगें। देश में समान शिक्षा होगी तो वर्गविहीन समाज होगा और नव भारत का निर्माण होगा।

    देश में लोक-कलाओं और प्रादेशिक भाषाओं का खजाना है। उच्च शिक्षा स्तर पर प्राचीन लोक-कलाओं पर अनुसंधान कार्य करना होगा जिससे युवा इन्हें कैरियर के रूप में अपनाकर अध्ययन कर पाएगें।
    हरियणा में शिक्षा के क्षेत्र में ढांचागत सुविधाएं बेहतर अवस्था में हैं। छोटे से प्रदेश में 45 विश्वविद्यालय है जिनमें 21 विश्वविद्यालय तो सरकारी क्षेत्र के हैं। नई शिक्षा नीति को अमलीजामा पहनाने के लिए सरकार के स्तर पर व विश्वविद्यालयों के स्तर पर सभी पहलुओं पर विस्तार से चर्चा करके तैयारी की गई है।

    नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के सफल क्रियान्वयन के लिए आज देश की नजर कुलपति, शिक्षाविदों, प्रोफेसर व अध्यापक वर्ग पर टिकी है। इसलिए अध्यापक वर्ग को जवाबदेह बनाने के साथ-साथ प्रशिक्षण आदि से संबंधित सुविधाएं भी प्रदान करनी की आवश्यकता है।

    अंत में मैं माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी का एक बार फिर धन्यवाद करते हुए आश्वासन देता हूं कि हरियाणा राज्य नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति प्रभावी रूप से लागू करने में पहले राज्यों की श्रेणी में शुमार होगा। माननीय प्रधानमंत्री जी द्वारा देश में लागु की गई नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के निकट भविष्य में क्रान्तिकारी परिणाम सामने आएंगे देश में एक नई व्यवस्था होगी। युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, हर हाथ का काम होगा और देश विकसित देशों की श्रेणी में शुमार होगा।

    जयहिन्द!

    • Author : श्री बंडारू दत्तात्रेय
    • Language : Hindi
    • Year : 2021