Close

    हैदराबाद में राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन

    Publish Date: जून 4, 2023

    हैदराबाद में एल-20, जी-20 शिखर सम्मेलन के देशों में श्रमिक वर्ग का प्रतिनिधित्व करने वाले अति महत्वपूर्ण सहभागिता समूहों में से एक द्वारा ‘सभी अनौपचारिक श्रमिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा-कार्यक्षेत्र, अवसर, चुनौतियां और भविष्य की राह‘ तलाशने के कल्याणकारी महत्वपूर्ण विषय पर भारतीय मजदूर संघ, तेलंगना द्वारा आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन

    राष्ट्रीय संगोष्ठी के आयोजन तथा श्रमिक संगठन से जुड़े सभी पदाधिकारीगण, मेहनतकश श्रमिक भाईयों एव बहनों एवं देवियों और सज्जनों, पत्रकार बंधुओं!
    सबसे पहले इस भव्य एवं जनकल्याणकारी महत्वपूर्ण कार्यक्रम में शामिल होने पर मैं आप सभी का हार्दिक अभिनंदन और स्वागत करता हूं।
    मुझे आज हैदराबाद में एल-20, जी-20 शिखर सम्मेलन के देशों में श्रमिक वर्ग का प्रतिनिधित्व करने वाले अति महत्वपूर्ण सहभागिता समूहों में से एक द्वारा ‘सभी अनौपचारिक श्रमिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा-कार्यक्षेत्र, अवसर, चुनौतियां और भविष्य की राह‘ तलाशने के कल्याणकारी महत्वपूर्ण विषय पर भारतीय मजदूर संघ, तेलंगाना द्वारा आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी में भाग लेकर बेहद खुशी का अनुभव हो रहा है और इस शानदार आयोजन के लिए मैं भारतीय मजदूर संघ और आप सब को हृदय से मुबारकबाद और शुभकामनाएं प्रदान करता हूं। मेरा दृढ़ विश्वास है कि यह आयोजन हम सब के लिए विशेषकर श्रमिकों के लिए बहु-उपयोगी एवं कारगर सिद्ध होगा।
    हम सभी जानते हैं कि स्L20 G20 देशों में श्रमिक वर्ग का प्रतिनिधित्व करने वाला सबसे महत्वपूर्ण कार्य समूह है। हमारे लिए यह गर्व की बात है कि भारतीय मजदूर संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष एल-20 का सफल नेतृत्व कर रहे हैं।
    यह बात महत्वपूर्ण है कि जी-20 एम्प्लॉयमेंट वर्किंग ग्रुप प्रमुख प्राथमिकता वाले क्षेत्रों और डिलिवरेबल्स पर केंद्रित है। वर्तमान और भविष्य की कौशल आवश्यकताओं का आकलन करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय कौशल अंतर मानचित्रण पोर्टल, कौशल और योग्यता के सामंजस्य के लिए एकीकृत रूपरेखा, सामान्य कौशल वर्गीकरण पर ध्यान केंद्रित करता है।

    इसी तरह, प्लेटफॉर्म और गिग इकॉनमी में श्रमिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा कवरेज का विस्तार, राष्ट्रीय सांख्यिकीय क्षमताओं को बढ़ाना और गिग और प्लेटफॉर्म के कार्य सहित नए प्रकार के कार्य को मजबूती देने के लिए पद्धति गत दृष्टिकोण पर ध्यान दिया जा रहा है।
    भारत ने यह सुनिश्चित करने के लिए कई उपाय किए हैं कि असंगठित क्षेत्र में अधिकतम कार्यबल का अच्छी तरह से ध्यान रखा जाए। ई-श्रम पोर्टल के माध्यम से उनका पंजीयन किया जा रहा है ताकि वे बिना किसी परेशानी के सरकारी योजनाओं का लाभ उठा सकें।
    अठाईस दिसंबर, दो हजार बाईस तक, राष्ट्रीय स्तर पर अठाईस करोड़ से अधिक असंगठित श्रमिकों को ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकृत किया गया था। हरियाणा में यह बावन लाख तैंतालीस हजार एक सौ सत्रह और तेलंगाना में चालीस लाख से अधिक था।
    ई-श्रम-आधार से जुड़े असंगठित श्रमिकों का एक केंद्रीकृत डेटाबेस-कॉमन सर्विस सेंटर, राज्य सेवा केंद्र, मोबाइल एप्लिकेशन और वेब एप्लिकेशन जैसे कई चैनलों के माध्यम से पहुँचाया जा सकता है।
    ई-श्रम के लिए एक पूर्ण विकसित कॉल सेंटर स्थापित किया गया है। कॉल सेंटर साल में तीन सौ पैसठ दिन लगातार काम करता है और हिंदी और अंग्रेजी के अलावा आठ क्षेत्रीय भाषाओं में सहायता प्रदान करता है। एक व्यापक शिकायत प्रबंधन तंत्र मौजूद है जो वर्ष में तीन सौ पैसठ दिन उपलब्ध रहता है।
    इस तथ्य से इनकार नहीं किया जा सकता है कि केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा अनौपचारिक क्षेत्र के श्रमिकों के कल्याण के लिए बहुत कुछ किया जा रहा है, जो देश में कुल कार्यबल का नब्बै प्रतिशत से अधिक का गठन करते हैं।
    हमारी सरकारें कुछ व्यावसायिक समूहों के लिए कुछ सामाजिक सुरक्षा उपाय लागू कर रही हैं। यह सुनिश्चित करने के लिए कि उनमें से कोई भी पीछे न छूटे, सभी हितधारकों को उनके लिए पूर्ण सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक साथ आने की आवश्यकता है।
    नौ वर्षों में, भारत असंगठित श्रम शक्ति का हिस्सा बनने वाले बच्चों पर रोक लगाने में सक्षम रहा है। श्रम संशोधन अधिनियम, 2016 एक मील का पत्थर साबित हुआ है। मैंने केंद्रीय श्रम और रोजगार (स्वतंत्र प्रभार) मंत्री के रूप में इसकी सफलता को बखुबी देखा था।

    चैदह वर्ष की आयु पूरी नहीं करने वाले बच्चे को किसी भी व्यवसाय या प्रक्रिया में नियोजित या काम करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। चैदह से अठारह वर्ष के बीच के बच्चे को खतरनाक व्यवसायों में नहीं लगाया जा सकता है। हालांकि, अधिनियम एक बच्चे को अपने परिवार या पारिवारिक उद्यम में मदद करने की अनुमति देता है, जो किसी भी खतरनाक व्यवसाय या प्रक्रियाओं के अलावा है लेकिन उसकी स्कूली शिक्षा की कीमत पर नहीं।
    मैं अपने बाल्यकाल का अनुभव सांझा करते हुए बताना चाहूंगा कि एक बच्चे के रूप में, मैं भी अपनी मां ईश्वरम्मा की मदद किया करता था, जो स्कूल के समय के बाद ही एक अस्थायी दुकान में प्याज बेचा करती थीं। हालाँकि, यह अधिनियम 2016 के बच्चे से पहले एक दंडनीय कार्य था।
    मैं आपके साथ केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्री के रूप में मेरे कार्यकाल के दौरान की गई कुछ महत्वपूर्ण निर्णयों/पहलों को सांझा करना चाहता हूं। बोनस भुगतान अधिनियम संशोधन-2015 एक ऐसा ही सराहनीय कदम था जहां हमने पात्रता सीमा को 10,000 रुपये से बढ़ाकर 21,000 रुपये कर दिया।
    मातृत्व अधिनियम और ईएसआई अधिनियम के तहत मातृत्व अवकाश को 12 सप्ताह से बढ़ाकर 26 सप्ताह किया गया। न्यूनतम मजदूरी भुगतान अधिनियम के तहत न्यूनतम मजदूरी को 245 रुपये से संशोधित कर न्यूनतम स्तर पर 350 रुपये प्रतिदिन किया गया।
    इसी तरह, असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को भी ईएसआई लाभ देने के लिए कदम उठाए गए और ईएसआई कवरेज की सीमा को 15,000 रुपये से बढ़ाकर 21,000 रुपये किया गया। कर्मचारी मुआवजा अधिनियम, 1923 के तहत मुआवजे की गणना के लिए वेतन को 8,000 रुपये से बढ़ाकर 15,000 रुपये कर दिया गया।
    ग्रेच्युटी भुगतान अधिनियम, 1972 के प्रावधानों के अनुसार 29 मार्च, 2018 से ग्रेच्युटी राशि की ऊपरी सीमा 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 20 लाख रुपये कर दी गई थी। इसी तरह, ईपीएफ ग्राहकों के लिए मृत्यु बीमा कवरेज की ऊपरी सीमा को बढ़ा दिया गया था। 15 फरवरी, 2018 से प्रभावी 2.5 लाख रुपये के न्यूनतम आश्वासन लाभ के साथ 3.6 लाख रुपये से 6 लाख रुपये तक बढा़ दिया गया।
    जैसा कि मैंने पहले कहा, बहुत कुछ किया गया है लेकिन हम सभी इस तथ्य से सहमत होंगे कि आगे का रास्ता चुनौतियों से भरा है और एक मजबूत और अधिक समावेशी भारत की नींव रखने के लिए असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को एक संपूर्ण तरीके से सशक्त बनाने का अवसर है।
    विभिन्न अध्ययनों ने संदेह से परे दुनिया भर में असंगठित श्रम शक्ति पर कोविड-19 महामारी के हानिकारक प्रभाव को साबित किया है। हमारे लिए सौभाग्य की बात है कि भारत के यशस्वी एवं ओजस्वी तथा दूरदर्शी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के कुशल नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के द्वारा युद्ध स्तर पर उठाए गए अति महत्वपूर्ण अभूतपूर्ण उपायों के फलस्वरूप भारत आज बहुत बेहतर स्थिति में है।
    जैसा कि हम आजाद की अमृत काल के दौरान एक नए और विकसित भारत के निर्माण के लिए अपनी पूरी कोशिश कर रहे हैं, आइए हम खुद को श्विजन श्रमेव जयते-2047′ के लिए समर्पित करें, जो काम के न्यायोचित और न्यायसंगत भविष्य, गिग और प्लेटफॉर्म कार्यकर्ताओं को सामाजिक सुरक्षा, लैंगिक समानता पर केंद्रित है।
    काम पर समानता और महिलाओं के लिए बेहतर अवसर।
    मुझे यकीन है कि ‘सभी अनौपचारिक श्रमिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा-कार्यक्षेत्र, अवसर, चुनौतियां और भविष्य का राह‘ पर आज का विचार-विमर्श अनौपचारिक क्षेत्र में हमारे कर्मयोगियों के लिए एक समावेशी, सक्षम और उन्नत पारिस्थितिकी तंत्र बनाने में एक लंबा मार्ग तय करेगा।
    जय हिन्द!