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    हस्तकरघा (हैंडलूम) न केवल भारतीय प्राचीन ग्रामीण उद्योग है बल्कि एक मनमोहक शानदार कला भी है – राज्यपाल

    Publish Date: अगस्त 7, 2023

    चंडीगढ़ 7 अगस्त —– हस्तकरघा (हैंडलूम) न केवल भारतीय प्राचीन ग्रामीण उद्योग है बल्कि एक मनमोहक शानदार कला भी है! शहरी क्षेत्र के उद्योगों के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्र में संचालित होने वाले इन लघु उद्योगों का ज्यादा से ज्यादा प्रसार होना चाहिए ! हरियाणा के राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय ने यह उद्गार आज हरियाणा राजभवन में राष्ट्रीय हस्तकरघा दिवस के अवसर पर हस्तकरघा उद्योग से जुड़े उद्यमियों निर्यातको तथा तथा कारीगरों को सम्मानित करने के उपरांत संबोधित करते हुए प्रकट किए !

    उन्होंने इस अवसर पर श्री प्रदीप तायल, श्री संदीप कुमार, श्री रचिन गर्ग, श्री अमित अग्रवाल , श्री अंकित गोयल, श्री विनय चुग, श्री विनीत पुनीत, श्री कपिल जिंदल को अपने कर कमलों से सम्मानित किया ! उन्होंने कहा कि यह प्राचीन उद्योग धंधा कबीर जी के जमाने से हमारे देश की धरोहर रही है और आज भी यह उद्योग धंधा और कला अपना वजूद बनाय हुए हैं ! हमारे घरों में हमारी बहन बेटियों ने इस प्राचीन लघु उद्योग को कला का रूप देकर हमारे जीवन में खूबसूरती के रंग भरे हैं उनके हाथों से क्रोशिए से बनाए हुए खूबसूरत आइटम हर किसी को अपनी ओर आकर्षित करते हैं तथा हमारे घर आंगन की शोभा को बढ़ाते हैं !

    इस अवसर पर राज्यपाल हरियाणा के एडीसी (पी ) श्री अर्श वर्मा, संयुक्त सचिव श्री अमरजीत सिंह तथा ओएसडी श्री बखविन्दर सिंह सहित अन्य अधिकारीगण भी उपस्थित थे !