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    सातवां दीक्षांत समारोह एम0वी0एन0 विश्वविद्यालय, पलवल

    Publish Date: जनवरी 7, 2023

    श्री वरूण शर्मा जी, प्रधान, एम0वी0एन0 सोसायटी, पलवल
    श्रीमती कांता शर्मा जी, प्रबंध निदेशक, एम0वी0एन0 सोसायटी, पलवल
    श्रीमती संतोष शर्मा जी, कुलाधिपति, एम0वी0एन0 विश्वविद्यालय, पलवल
    डॉ0 जे0वी0 देसाई जी, कुलपति
    डॉ. राजीव रतन, कुलसचिव
    उपस्थित शिक्षकगण, अभिभावकगण, अन्य महानुभाव, उपाधि प्राप्त करने वाले प्रिय विद्यार्थियों, भाईयों-बहनों और मीडिया के बंधुओं!
    एम0वी0एन0 विश्वविद्यालय के सातवें दीक्षांत समारोह मंे आप सबके बीच आकर मुझे हार्दिक प्रसन्नता का अनुभव हो रहा है। सर्वप्रथम मैं आज उपाधियां प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को हार्दिक बधाई देता हूं। साथ ही उन सब शिक्षकांे, अभिभावकों, आपके मित्रों को भी बधाई देता हूं जिनका आपकी इस उपलब्धि में महत्वपूर्ण योेगदान रहा है।
    प्यारे विद्यार्थियों!
    आज आप एक नई यात्रा की दहलीज पर हैं। आप में से कुछ लोग उच्च अध्ययन की दिशा में आगे बढ़ेगें तो कुछ लोग रोजगार व स्वरोजगार का दायित्व ग्रहण करेगें। आज जहां भी जाएं अपने उस परिवार, समाज, देश, प्रदेश का ऋण चुकाने के लिए हमेशा प्रयत्नशील रहें जो जीवन के महत्वपूर्ण चरण में आपके साथ खड़े रहे हैं। आप अपने छात्र समुदाय के आदर्श बनें ताकि वे भी अच्छी शिक्षा प्राप्त कर सकें।
    आज विश्वविद्यालय द्वारा अपने 7वें दीक्षांत समारोह में कुल 365 विद्यार्थियों को उपाधि प्रदान की जा रही है। इनमें भी लड़कियों की संख्या काफी मात्रा में है। इससे पता चलता है कि आज हमारी बेटियां हर क्षेत्र में तरक्की कर रही हैं। इसके लिए भी मैं आपको शुभकामनाएं देता हूं।
    मैं यह भी कहना चाहूंगा कि आज जो विद्यार्थी विभिन्न उपाधियों से विभूषित हो रहे हैं वे उन चन्द युवाओं में से हैं जिन्हें उच्च व उच्चतर शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिला है। इस समय भारत में उच्च शिक्षा हेतु पंजीकरण कराने वालों का अनुपात एक चौथाई से भी कम है, जबकि अमेरिका में यह 83 प्रतिशत है। भारत के पास दुनिया की तीसरे नंबर की सबसे बड़ी शिक्षा व्यवस्था है। उसके आगे सिर्फ अमेरिका और चीन ही हैं। भारत हर साल 25 लाख से भी अधिक स्नातक तैयार करता है। आप उन्हीं सौभाग्यशाली युवाओं में से हैं और देश आपकी ओर आशाभरी निगाहों से देखता है।

    भाईयों-बहनों!
    आज देश में शिक्षा के लिए ढांचागत सुविधाएं सुदृढ़ की जा रही हैं, जिनका लाभ हमारे युवाओं को मिल रहा है। आजादी के समय देश में केवल 27 विश्वविद्यालय थे। आज आजादी के अमृत काल में इनकी संख्या बढ़कर 1070 हो गई है। इनमें 54 केंद्रीय विश्वविद्यालय, 430 निजी विश्वविद्यालय, 459 राज्यों के अधीन विश्वविद्यालय और 127 डीम्ड विश्वविद्यालय हैं। देश की आबादी को देखते हुए फिर भी यह संख्या कम है। पूरे भारत में सैंकड़ों और नए विश्वविद्यालय खोले जाने की जरूरत है।
    इस सबके लिए भारी धन की जरूरत होगी जो अकेले सरकार मुहैया नहीं करा सकती। इसलिए शिक्षा में निजी क्षेत्र के निवेश का बहुत महत्व है। मुझे खशी है कि आपका यह विश्वविद्यालय निजी क्षेत्र से है। मैं मॉडर्न विद्या निकेतन सोसायटी की सराहना करता हूं कि क्षेत्र के लिए शिक्षा की जरूरत को समझते हुए 2012 में यह विश्वविद्यालय स्थापित किया गया।
    उच्चतर शिक्षा के साथ ही मैं देश में तकनीकी शिक्षा की हालत का भी जिक्र करना चाहूंगा। विज्ञान, तकनीक व सूचना प्रौद्योगिकी के इस युग में जापान और अमेरिका जैसे विकसित देशों की उन्नति का कारण यही है कि उन देशों में उच्च किस्म की उपयुक्त विज्ञान और तकनीकी क्षमता है। भारत में केवल 16 प्रतिशत शिक्षित युवाओं ने ही व्यावसायिक शिक्षा ग्रहण की है। जबकि कोरिया में 96 प्रतिशत, जापान में 81 प्रतिशत और जर्मनी में 75 प्रतिशत व्यावसायिक शिक्षा प्राप्त हैं।
    भारत में तकनीकी और व्यवसायिक शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 लागु की गई है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति में शिक्षा का मूल उद्देश्य कौशल, टैक्नोलोजी, डिजीटलीकरण, इनोवेशन, रोजगारपरक, विश्व स्तरीय शिक्षा, व्यावहारिक, नैतिक शिक्षा प्रदान कर तकनीकी ज्ञान, और विशेषज्ञता के साथ अच्छे इंसान तैयार करना है।
    देश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को पूरी तरह लागु करने की सबसे अधिक जिम्मेवारी विश्वविद्यालयों की है, क्योंकि विश्वविद्यालयों से ही राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 का आधार तैयार होना है। युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए सभी विश्वविद्यालय Internet of Things, Artificial Intelligence, Machine Learning, Robotic Process Automation, Edge Computing, Quantum Computing, Virtual Reality and Augmented Reality, Blockchain Technology, Cyber Security and Space Technology से संबंधित विषयों को पाठ्यक्रम के साथ जोड़ें। इससे आने वाले समय में करोड़ों युवाओं के लिए रोजगार के रास्ते खुलेगें।
    विश्वविद्यालयों व शिक्षण संस्थानों में आधुनिक किस्म की लेब, इन्क्यूबेशन सैंटर, इनोवेशन व प्लैसमेंट सैंटर होगें तो उच्च स्तर का शोध व अनुसंधान होगा और हमारे विद्यार्थियों का भविष्य उज्जवल होगा व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी शोध और रोजगार में पहचान बना पाएगें। विश्वविद्यालय को विश्व के विकसित देशों व बड़े बड़े संस्थानों के साथ एम0ओ0यू0 करने होगें ताकि दूसरे संस्थानों की फैकल्टी, प्रोफेसर एक-दूसरे संस्थानों में आएं और उनके द्वारा की गई शोध का छात्रों को लाभ हो।
    नई प्रौद्योगिकी व टैक्नोलोजी की शिक्षा को देश में आत्म निर्भर बना सके, इसके लिए प्रदेश सरकार ने शिक्षा का एक मजबूत ढांचा तैयार किया है। इस समय प्रदेश में चार दर्जन बड़े विश्वविद्यालय और अन्य बड़े शिक्षण संस्थान हैं। महिला शिक्षा के लिए इस समय प्रदेश में निजी क्षेत्र के अलावा 60 राजकीय महिला महाविद्यालय स्थापित है। प्रदेश में छात्राओं को मुफ्त यात्रा सुविधा के साथ-साथ मुफ्त शिक्षा उपलब्ध करवाई जा रही है। उमरी (कुरूक्षेत्र) उत्तर भारत का पहला NID मुरथल में CIEPT और पंचकुला में NIFT स्थापित किया गया है। इसके साथ-साथ सोनीपत, झज्जर, रेवाड़ी और नीलोखेड़ी में SIIET स्थापित किए गए हैं।
    प्रिय विद्यार्थियो!
    प्रतियोगिता के इस दौर में छात्रों को उत्कृष्ट व गुणवत्ता की शिक्षा प्रदान करना विश्वविद्यालयों का कर्तव्य है। मुझे उम्मीद है कि एम0वी0एन0 विश्वविद्यालय इस कसौटी पर खरा उतरेगा। अन्त में मैं इस ऐतिहासिक दिवस पर आज उपाधि प्राप्त करने वाले सभी विद्यार्थियों को पुनः बधाई देता हूं तथा आपके शानदार उज्जवल भविष्य की कामना करता हूं। आप दृढ़ आत्मविश्वास, पक्के इरादे और सत्त परिश्रम के साथ आगे बढ़ें, सफलता निश्चत रूप से आपके चरण चूमेगी। मुझे विश्वास है कि आप वैश्वीकरण के इस युग में सफल विश्व नागरिक बनकर उभरेगें। मेरा आशीर्वाद और शुभकामनाएं हर कदम पर आप के साथ रहेगें।
    जयहिन्द!