समाज में रह रहे दीन-दुखी, जरूरतमंद, बेसहारा, गरीब एवं घायल लोगों की सेवा करना महान पुण्य का कार्य है – राज्यपाल
चंडीगढ़ 08, मई- समाज में रह रहे दीन-दुखी, जरूरतमंद, बेसहारा, गरीब एवं घायल लोगों की सेवा करना महान पुण्य का कार्य है। इसलिए रैडक्रास सोसायटी के सभी स्वयंसेवक बिना किसी भेदभाव के सच्चे दिल और मन से अपना दायित्व निभाए।
हरियाणा के राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय ने यह उद्गार आज बुधवार को सैक्टर-16 स्थित रैडक्रास भवन में भारतीय रैडक्रास सोसायटी हरियाणा शाखा द्वारा रैडक्रास आंदोलन के जन्मदाता सर हैनरी डयूना की वार्षिक जयंती के अवसर पर आयोजित विश्व रैडक्रास दिवस समारोह में संबोधित करते हुए प्रकट किए। उन्होंने सबसे पहले रैडक्रास आंदोजन के जन्मदाता सर हैनरी डयूना के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की तथा दीप शिखा प्रज्वलित करके कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
उन्होंने कहा कि इस वर्ष विश्व रैडक्रास दिवस का थीम- “Keeping Humanity Alive” (मानवता को जिन्दा रखना) है। यह थीम इस बात को प्रदर्शित करता है कि रैडक्रास के सार्वभौमिक, मानवीय एवं विविध पहलुओं को प्रमुखता से मध्यनजर रखते हुए स्वयंसेवकों की समाज में भागीदारी पर ध्यान केन्द्रित करना है। इस वर्ष विश्व रैडक्रास दिवस का विषय ‘‘मानवता को जीवित रखना‘‘ अन्तर्राष्ट्रीय रैडक्रास और क्रेसेंट आन्दोलन की स्थायी टिप्पणियों के मार्मिक अनुस्मारक के रूप में कार्य करता है ताकि मानव गरिमा को बनाए रखा जा सके, कष्टों का निवारण कर विशेष रूप से दूरदराज के क्षेत्रों में विकट परिस्थितियों का सामना करने वाले लोगों की मदद की जा सके।
उन्होंने कहा कि यह बेहद खुशी की बात है कि आज हरियाणा रैडकास न केवल हरियाणा प्रदेश अपितु अन्य राज्यों में भी अपनी कल्याणकारी गतिविधियों का प्रचार-प्रसार करके जरूरतमन्द लागों की मदद करती है। हरियाणा राज्य रैडक्रास शाखा तथा इसकी जिला शाखाओं द्वारा रैडक्रास के उद्देश्यों के आधार पर मानवता के उत्थान के लिए विभिन्न कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं और मैं यह भी आशा करता हूँ कि वह भविष्य में और प्रगति कर मानवता के हितों को ध्यान में रखते हुए और कई नई योजनाओं को क्रियान्वित करेंगे जिससे हरियाणा प्रदेश का नाम देशभर में ऊँचा होगा।
श्री दत्तात्रेय ने कहा कि स्वैच्छिक रक्तदान सेवा के क्षेत्र में हरियाणा राज्य रैडक्रास हमेशा अग्रणीय रही है और इसका मुख्य उद्देश्य यह है कि हरियाणा राज्य में कोई भी व्यक्ति जरुरत पड़ने पर खून की कमी महसूस न करें। वर्ष 2023-24 में 5512 स्वैच्छिक रक्तदान शिविरों के आयोजन द्वारा 3,86,128 यूनिट रक्त एकत्रित किया गया, जो कि पिछले वर्षों की तुलना में रिकार्ड रक्त यूनिट है, जिसके लिए रैडक्रास बधाई की पात्र हैं।
उन्होंने कहा कि दिव्यांगों की सेवा में भी हरियाणा रैडकास अग्रणी भूमिका निभा रहा है। दिव्यांग लोगों को निःशुल्क कृत्रिम अंगों एवं उपकरणों का वितरण अल्मिकों कानपुर के सहयोग से तथा रैडकास द्वारा स्वयं के संसाधनों से किया जाता है। वर्ष 2023-24 में जिला रैडकास शाखाओं के माध्यम से 25,374 कृत्रिम अंग दिव्यांगजनों एवं बुर्जुगों को वितरित किए गए। जिस पर 16,84,80,386 रुपये की राशि खर्च हुई है, जोकि महान पुण्य का कार्य है।
उन्होंने रैडक्रास की स्थापना के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि सैलफीनों की युद्ध भूमि में हजारों सैनिकों की दुखभरी कराहट को सुन कर ड्यूना के मन में यह प्रश्न बार-बार उठा! ‘‘क्या कोई ऐसी संस्था नहीं बनाई जा सकती जो घायल सैनिकों को बिना किसी भेदभाव के सहायता कर सकें‘‘ ताकि सैनिकों के अमूल्य जीवन को बचाया जा सके। इसी के परिणाम स्वरूप 1863 में रैडक्रास का शुभारम्भ हुआ। तभी से रैडक्रास मानव सभ्यता से जुड़े लोगांे के दुःखों को कम करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
उन्होंने कहा कि रैडकास के राष्ट्रीय मुख्यालय द्वारा प्राथमिक सहायता एवं गृहपरिचर्या प्रशिक्षण का ऑन लाईन परीक्षा कराने के लिए हरियाणा प्रदेश को पायलट प्रोजैक्ट के लिए चयनित किया गया है और हरियाणा रैडकास इस पायलेट प्रोजेक्ट में खरा उतर रहा है, जिसके लिए भारतीय रैडक्रास समिति, हरियाणा राज्य शाखा बधाई की पात्र है।