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    समाजसेवा में जुटे समाजसेवी व संगठन निभा रहे महत्वपूर्ण सामाजिक भूमिका: राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय

    Publish Date: जून 14, 2023

    -नि:स्वार्थ भाव से किया जाने वाला हर कार्य होता है अनमोल, सामाजिक एकता की भावना को हो विस्तार
    -वर्ष में एक बार अवश्य करें सम्मेलन ताकि आपसी प्रेम व आत्मीयता को मिले बल
    -सर्किट हाउस में राज्यपाल ने सामाजिक संगठनों व समाजसेवियों से किया सीधा संवाद
    चंडीगढ़, 14 जून : हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने इन पंक्तियों के जरिये सामाजिक संगठनों तथा समाजसेवियों को नियमित रूप से नि:स्वार्थ भाव के साथ समाजसेवा जारी रखने का प्रोत्साहन दिया। उन्होंने कहा कि समाज अलग है और सरकार अलग है। सरकार अपना कार्य कर रही है। वहीं समाज सेवा का कार्य करने वाले यह महत्वपूर्ण कार्य करते हुए सरकार को विशेष सहयोग प्रदान कर रहे हैं, जिससे सामाजिक सुरक्षा को बल मिलता है।
    राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय के नूंह प्रवास के अंतिम दिन सर्किट हाउस में आयोजित किये गये आखिरी सत्र में संवाद कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें राज्यपाल ने सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों, समाजसेवियों, उद्योगपतियों, स्वयं सहायता समूहों, आंगनवाड़ी वर्कर-हैल्परों इत्यादि से संवाद स्थापित किया। इस दौरान समाजसेवियों तथा गैर सरकारी स्वयंसेवी संगठनों के पदाधिकारियों ने जानकारी दी कि वे समाज सेवा के क्षेत्र में समर्पित भाव से कार्यरत है। विशेष रूप से शिक्षा के क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं। स्वयं सहायता समूह महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में मजबूती से कार्यरत हैं। उद्योगपतियों ने बताया कि उन्होंने कुछ गांव गोद ले रखे हैं, जिनके सर्वांगीण विकास में वे जुटे हुए हैं। आंगनवाड़ी वर्कर-हैल्पर ने बताया कि बेटियों के संरक्षण के लिए लागू बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ तथा आपकी बेटी हमारी बेटी आदि योजनाओं को जन-जन तक पहुंचा रही हैं, जिसके सकारात्मक परिणामों के रूप में नूंह जिला के लिंगानुपात में वृद्घि हुई है। कुछ संगठनों के प्रतिनिधियों ने बताया कि सिलाई सेंटर व कंप्यूटर शिक्षा की दिशा में कार्य कर रहे हैं और कुछ ने रक्तदान के क्षेत्र में दिए जा रहे योगदान से अवगत करवाया।
    राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने सभी संगठनों के पदाधिकारियों व समाजसेवियों इत्यादि को उनके सामाजिक योगदान के लिए शुभकामनाएं दी। उन्होंने पश्चिम की व्यवस्था से तुलना करते हुए बताया कि पश्चिम में सरकार हर व्यक्ति को सामाजिक सुरक्षा देती है किंतु भारत में परिवार यह सुरक्षा प्रदान करता है। इस प्रकार समाज सेवा करने वाले लोग सरकार को महत्वपूर्ण योगदान प्रदान कर रहे हैं। उन्होंने प्रोत्साहन दिया कि नि:स्वार्थ भावना के साथ सामाजिक सेवा करते रहिये। यह बेहद सुखद है।
    इस दौरान राज्यपाल ने अपने जीवन का उदाहरण प्रस्तुत करते हुए हर किसी को पूर्ण समर्पण व नि:स्वार्थता के साथ समाजसेवा के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने बताया कि वे बीस वर्र्षो तक समाजसेवा के कार्य में जुटे रहे। उन्होंने बताया कि 1977 में आंध्रप्रदेश में आई बाढ़ से हजारों लोगों की मृत्यु हुई। उस दौरान वे दो वर्ष तक वहीं रहे और लोगों के पुनर्वास के लिए कार्य किया। इस प्रकार उन लोगों को नया जीवन दिया गया। उन्होंने कहा कि समाज सेवा आत्मिक शांति प्रदान करती है। उन्होंने समाजसेवियों व संगठनों के प्रतिनिधियों को प्रोत्साहित किया कि वे वर्ष में कम से कम एक बार अवश्य उनसे जुड़े सभी लोगों का सम्मेलन आयोजित करें, जिससे आत्मीय संबंधों को मजबूती व बढ़ावा मिलेगा। समाज एक है ऐसी भावना विकसित होनी चाहिए। साथ ही उन्होंने कहा कि नूंह पिछड़ा इलाका है जिसके विकास के लिए एकजुटता के साथ प्रयास जारी रखने होंगे।
    इस दौरान उपायुक्त प्रशांत पंवार, पुलिस अधीक्षक वरूण सिंगला, अतिरिक्त उपायुक्त रेनू, एसडीएम डा. चिनार चहल, एसडीएम पुन्हाना मनीषा शर्मा, सीईओ जिला परिषद प्रदीप अहलावत, नगराधीश गजेन्द्र सिंह, सिविल सर्जन डा. सर्वजीत सिंह, डीएचओ दीन मोहम्मद आदि अधिकारीगण व गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे।