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    श्री हनुमान जी की 51 फीट की प्रतिमा का अनावरण कार्यक्रमः- (कैथल)

    Publish Date: अप्रैल 10, 2022

    श्रीमती कमलेश ढाण्डा जी, महिला एवं बाल विकास मंत्री, हरियाणा
    श्री नायब सिंह सैनी जी, सांसद, कुरूक्षेत्र
    श्री लीला राम, विधायक, कैथल
    श्री कैलाश भगत, चेयरमैन हैफेड, हरियाणा
    श्री मदन मोहन छाबडा, मानद सचिव, कुरूक्षेत्र विकास बोर्ड
    उपस्थित अधिकारीगण, श्रद्धालु, भाईयों व बहनों, पत्रकार एवं छायाकार बन्धुओं!

    हमारी संस्कृति पर्व, परम्पराओं, त्यौहारों, उत्सवों की समृद्ध संस्कृति से परिपूर्ण है। ये सभी पर्व व्यक्ति में नए उत्साह व नई उर्जा का संचार करते हैं। इसलिए देशवासी त्यौहारों को पूरे उल्लास व खुशी के साथ मनाते है। कल रामनवमी का पवित्र पर्व है और एक सप्ताह बाद 16 अप्रैल को हनुमान जयंती है। दोनों ही शुभ मूहुतों के अवसर पर श्री हनुमान जी महाराज की 51 फीट ऊंची प्रतिमा की स्थापना होना इस क्षेत्र और पूरे प्रदेश के लिए बहुत ही फलदाई और लाभदायक है। मैं आज आप सभी को और प्रदेश की जनता को हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं देता हूं।
    भगवान श्रीराम, श्री हनुमान जी के साथ-साथ हम सबके आराध्य और आदर्श है। आज उन्हीं के परम भक्त श्री हनुमान जी की प्रतिमा की स्थापना होने से जन-जन में श्रद्धा की भावना प्रज्जवलित होगी। इस शुभ अवसर पर मैं भगवान श्रीराम व श्री हनुमान जी को कोटि-कोटि नमन करता हूँ।
    कुरुक्षेत्र की पावन धरा को भारतीय संस्कृति की क्रीड़ास्थली कहा जाता है। इसी पावन भूमि में भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश दिया।
    कहते है- ‘गंगा के तो केवल जल से ही मुक्ति प्राप्त होती है और वाराणसी की भूमि और जल में ही मोक्ष देने की शक्ति है, परन्तु कुरूक्षेत्र के जल, थल और वायु-तीनों ही मुक्ति प्रदाता है।
    इसी विशिष्टता के कारण कुरुक्षेत्र की 48 कोस की परिधि में आने वाले क्षेत्र को धर्मक्षेत्र भी कहा गया है। कैथल जिला यानि कपिस्थल धर्मस्थान भी इसी परिधि का हिस्सा है।
    देश में धाम, पीठ, मठ, मंदिर व सांस्कृतिक विरासतें भारतीय संस्कृति को और समृद्ध बनाते हैं। यही संस्कृति देश में अनेकताओं के चलते देश को एकसूत्र में पिरो कर रखने का कार्य करती हैं।
    आजादी के अमृत महोत्सव के श्रंृखला में भारतीय संस्कृति को और समृद्धता प्रदान करने के लिए केन्द्रीय संस्कृति मंत्रालय द्वारा सांस्कृतिक समारोह अनुदान योजना, टैगोर राष्ट्रीय फैलोशिप योजना, सांस्कृतिक विरासत नेतृत्व कार्यक्रम, अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की सुरक्षा के लिए योजना, इंटरनेशनल कल्चरल रिलेशन को बढ़ावा देने के लिए अन्य योजनाएं शुरू की गई है। इन योजनाओं को मूर्त रूप देने के लिए केन्द्रीय सरकार द्वारा चालू वित्त वर्ष के बजट में 3 हजार करोड़ से भी अधिक राशि का प्रावधान किया गया है। केन्द्र और राज्य सरकार संस्कृति के विकास के लिए प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है। इन योजनाओं के पूरा होने से आत्म निर्भर भारत अभियान को बल मिलेगा। हरियाणा में केन्द्र सरकार के सहयोेग से श्रीकृष्णा सर्किट भी विकसित किया जा रहा है, जिसमें कुरूक्षेत्र के आस-पास के तीर्थांे का जीर्णोद्धार होगा।
    कपिस्थल धर्मस्थान यानि कैथल का कुरूक्षेत्र की 48 कोस की भूमि में एक महत्वपूर्ण स्थान माना गया है। कैथल में वृद्ध केदार तीर्थ के किनारे बने इस अति प्राचीन दक्षिणमुखी श्री हनुमान जी के मंदिर का महाभारत काल से विशेष नाता रहा है।
    माना जाता है कि महाभारत काल में यहां भीम की श्री हनुमान जी से साक्षात् भेंट हुई थी। इसी भेंट में हनुमान जी ने भीम की परीक्षा ली और प्रसन्न होकर भीम को उपहार मांगने को कहा। इस पर भीम ने श्री हनुमान जी से कहा कि बस आप की कृपा बनी रहे। इसी से खुश होकर हनुमान जी ने भीम को कपिध्वज प्रदान किया। बाद में कपिस्थल के इसी स्थान पर ही भीम ने अर्जुन के साथ यहीं पर कपिध्वज फहराया। इस प्रकार इस स्थान का नाम कपिस्थल पड़ा।
    मुझे यह जानकर बेहद खुशी हो रही है कि जब राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन हो रहा था तो इसी मंदिर से कपिध्वज अयोध्या जी पहुंचाया गया और पूर्ण विधि-विधान से पूजा-पाठ के साथ श्रीराम मंदिर अयोध्या में यह ईषान कोण पर फहराया गया।
    मैं अपना सौभाग्य मानता हूँ कि आज इसी धर्मस्थान कपिस्थल यानि कैथल में श्री हनुमान जी की मूर्ति का अनावरण किया है। इस प्राचीन मन्दिर में मूर्ति स्थापना से यहां के लोगों में आस्था का और अधिक संचार होगा। यहां के लोगों के जीवन में सार्थकता आएगी तथा पूरा क्षेत्र धन-धान्य से फले-फूलेगा।
    मैं कपिस्थल धर्मस्थान एवं वृद्ध केदार तीर्थ सुधार सभा को साधुवाद देता हूं कि सभा द्वारा कोरोना काल में जिस प्रकार से जरूरतमंद व्यक्तियों की सेवा की गई है वे अपने आप में एक महान कार्य है। सभा द्वारा जिला प्रशासन व रैडक्रास सोसाइटी के सहयोग से गरीबों व जरूरतमंद व्यक्तियों राशन और खाने के पैकेट उपलब्ध करवाने के साथ-साथ लोगों को कोरोना रोधि टीकाकरण करवाने का भी कार्य किया है। सभा के कार्यकर्ताओं ने कोरोना काल में कोरोना युद्धा के रूप में लोगों की सेवा की है। निश्चित रूप से सभा की यह सेवा का कार्य सभी के लिए प्रेरणादायक है।
    एक बार फिर मैं जन-जन के आराध्य श्री हनुमान जी की प्रतिमा स्थापना के लिए कपिस्थल धर्मस्थान एवं वृद्ध केदार तीर्थ सुधार सभा व सभी प्रदेशवासियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं देता हूँ।
    जयहिन्द!