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    विश्व परामर्थ फाउण्डेशन, पंचकूला द्वारा आयोजित संगोष्ठी ‘‘हमारा एक ही सरोकार, नशा हो जीवन से बाहर‘‘ कार्यक्रम

    Publish Date: जून 9, 2023

    विधानसभा अध्यक्ष श्री ज्ञान चंद गुप्ता जी,
    विश्व परामर्थ फाउण्डेशन के संस्थापक श्री श्री 108 श्रोत्रिय ब्रह्म निष्ठ अग्निहोत्री सम्पूर्णानन्द ब्रह्मचारी जी महाराज,
    राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक श्री प्रेम चंद गोयल जी,

    कार्यक्रम में उपस्थित संस्था के सभी पदाधिकारीगण, पत्रकारगण तथा बहनों और भाईयों!

    विश्व परामर्थ फाउण्डेशन, पंचकूला द्वारा आयोजित संगोष्ठी ‘‘हमारा एक ही सरोकार, नशा हो जीवन से बाहर‘‘ मानव कल्याणकारी कार्यक्रम में उपस्थित होकर मैं खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं।
    यह बेहद सराहनीय एवं प्रेरणादायक बात है कि विश्व परामर्थ फाउण्डेशन के संस्थापक श्री अग्निहोत्री सम्पूर्णानन्द ब्रह्मचारी जी महाराज के कुशल नेतृत्व में संस्था गत दस वर्षों से नशा मुक्ति, पर्यावरण, नारी सशक्तिकरण, बाल कल्याण, सामाजिक समरसता, आदिवासी समुदाय, पिछड़ा एवं शौसित वर्ग तथा असहाय लोगों के कल्याणा एवं उत्थान के लिए उन्हें नई दिशा दिखाने का पावन कार्य कर रही है। इस प्रकार के सराहनीय जन कल्याणकारी तथा समाज उत्थान के कार्य करने के लिए मैं संस्था तथा संस्था के सभी पदाधिकारियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं प्रदान करता हूं।
    संस्था ने आज जो ‘‘हमारा एक ही सरोकार, नशा हो जीवन से बाहर‘‘ विषय पर कार्यक्रम का आयोजन किया है, यह बहुत ही महत्वपूर्ण समय की आवश्यकता के अनुसार जन कल्याणकारी कार्य है। निःसंदेह इस प्रकार के कार्यक्रमों के आयोजनों से हम समाज में भटके हुए लोगों को विशेषकर युवाओं को इस भयंकर बिमारी से छुटकारा दिलाने में कामयाब हो सकेंगे।
    हम सभी इस बात से भलीभांति परिचित है कि नशा एक ऐसी जानलेवा बुराई है, जिससे इंसान का अनमोल जीवन समय से पहले ही समाप्त हो जाता हैै। हमारे समाज के कुछ भटके हुए लोग विशेषकर युवा नशे के लिए समाज में शराब, गांजा, भांग, अफीम, जर्दा, गुटखा, तम्बाकू और ध्रूमपान, चरस, कोकिन इत्यादि जैसे घातक मादक दवाओं और पदार्थाे का उपयोग करके अपना जीवन नष्ट करने पर तुले हुए हैं। वे शायद इस बात से अंजान है कि इन जहरीले और नशीले पदार्थाे के सेवन से न केवल उन्हें शारीरिक, मानसिक और आर्थिक हानि हो रही है बल्कि इससे सामाजिक वातावरण भी प्रदूषित हो रहा है।
    भारत सरकार के सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्रालय द्वारा नशा मुक्ति के लिए अनेकों ठोस प्रयास किए गए हैं, जिसके अंतर्गत नशा मुक्त भारत अभियान की शुरूआत बत्तीस राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों के दो सौ बहत्तर जिलों में की गई है, जिन्हें देश में ड्रग्स के उपयोग के मामले में सबसे कमजोर जिलों के रूप में पहचाना गया है।

    व्यापक राष्ट्रीय सर्वेक्षण के निष्कर्षों और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) द्वारा प्रदान किए गए इनपुट के आधार पर इन कमजोर जिलों की पहचान की गई थी। सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा किए गए राष्ट्रीय व्यापक सर्वेक्षण के अनुसार देश में साठ मिलियन से अधिक ड्रग उपयोगकर्ता हैं जिनमें बड़ी संख्या में 10-17 वर्ष की आयु के उपयोगकर्ता शामिल हैं।
    भारतीय नौसेना को गत वर्ष गुजरात में पाकिस्तान से समुद्री रास्ते से भारत में लाई जा रही ड्रग्स की बड़ी खेप पकड़ने में कामयाबी हासिल हुई थी, जिस ड्रग्स की कीमत लगभग दो हजार करोड़ रूपए आंकी गई थी।

    पंजाब के फाजिल्का जिले गत दिनों में दो प्लास्टिक के कट्टे चेक करने पर दोनों में से उन्तीस पैकेट में बंद इकतीस किलो बीस ग्राम हेरोइन बरामद की गई। इसकी कीमत एक सौ पचपन करोड़ रुपये बताई जा रही है। इसी प्रकार देश में कई ऐसे राज्य हैं जहां पाकिस्तान द्वारा ड्रग्स की भारी मात्रा में तस्करी की जाती रही है।
    हरियाणा सरकार तथा भारतीय रैडक्रास सोसाइटी हरियाणा शाखा द्वारा समाज को इस बुराई से छुटकारा दिलवाने के लिए तथा भटके हुए लोगों को नशे की बिमारी से मुक्त कराने के लिए राज्य स्तर तथा सभी जिलों में नशामुक्ति केन्द्रों, परामर्श एवं पुनर्वास केन्द्रों तथा साईकैट्रिक नर्सिंग केन्द्रों के माध्यम से ठोस कदम उठाए गए हैं।
    मुझे खुशी है कि सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों के साथ-साथ विश्व परामर्थ फाउण्डेशन जैसी अनेकों सामाजिक संस्थाएं भी सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर इस जनकल्याणकारी कार्य में सहयोग कर रही है। मैं पुनः संस्था की सफलता तथा उज्जवल भविष्य की कामना करता हूं।
    जय हिन्द!