Close

    विश्वविद्यालयों के कुलपति व कुलसचिवों की एक दिवसीय बैठक में सम्बोधन

    Publish Date: मार्च 10, 2023

    मुझे यह जानकर खुशी हो रही है कि कुलपतियों तथा कुलसचिवों की पिछले वर्ष हुई कार्यशाला में हमने राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 शिक्षा में सुधार करने से सम्बन्धित 15 विषयों पर कार्य करने की सहमति जताई थी और उस पर काफी काम भी हुआ है, लेकिन मैं महसूस करता हूं कि हमे अपनी गति को और अधिक बढ़ाने की जरूरत है ताकि एक निर्धारित समयावधि में हम अपने नौजवानों को विश्व स्तरीय गुणवत्तापूर्वक और रोजगारोन्मुखी शिक्षा प्रणाली प्रदान कर सकें।
    मैं चाहूंगा कि हमारे विश्वविद्यालय इन बिन्दुओं पर इस वर्ष अपना ध्यान विशेष तौर पर केंद्रित करें।
    हमें विश्वविद्यालयों को बहु-विषयक प्रकृति के तौर पर विकसित करना चाहिए।
    सीखने के प्रत्येक स्तर पर कौशल विकास और मूल्यों को तय किया जाना चाहिए ताकि व्यावहारिक, व्यावसायिक और रोजगारोन्मुखी शिक्षा के लिए वातावरण तैयार किया जा सके। बच्चों को भारतीय मूल्यों पर आधारित शिक्षा देना अति महत्वपूर्ण है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भी इसका उल्लेख है। अतः इस पर काम होना चाहिए और यह काम जमीनी स्तर से आरंभ करना चाहिए।
    ऑपन डिस्टैंस लर्निंग को बढ़ावा दिया जाना चाहिए।
    विश्वविद्यालय वैश्विक स्तर के अग्रणी विश्वविद्यालयों के साथ अनुबंध करें। विद्यार्थियों को दूसरे देशों में भी जाकर अध्ययन करने के लिए प्रेरित करना चाहिए और हमें दूसरों देशों के बच्चों को भी अपने यहां शिक्षा ग्रहण करने के लिए आकर्षित करना चाहिए। इसके साथ ही प्रत्येक विश्वविद्यालय में मातृभाषा में शिक्षा देने को भी प्रोत्साहित करना चाहिए।
    सभी उच्चतर शैक्षणिक संस्थानों में व्यावसायिक कार्यक्रमों को चरणबद्ध तरीके से शिक्षा में एकीकृत किया जाना चाहिए और इसके साथ ही सभी छात्रों को कम से कम एक व्यावसायिक विषय चुनना आवश्यक होना चाहिए। हमें ऐसे विषय भी ढूंढने चाहिएं जोकि विश्व के पटल पर उभरते हुए क्षेत्रों मंे गिने जाते हैं और उन्हें पढ़ाने की व्यवस्था करनी चाहिए।
    विश्वविद्यालयों में सुचारु प्रशासनिक प्रक्रियाओं का डिजिटलीकरण किया जाना चाहिए।
    विश्वविद्यालयों में केजी से लेकर पीजी तक की शिक्षा की व्यवस्था होनी चाहिए।
    मैं कहना चाहंूगा कि जी-20 की अध्यक्षता हमारे विश्वविद्यालयों के लिए एक बेहतरीन अवसर है, जिसमें हम वहां के विश्वविद्यालयों के साथ विश्व स्तरीय तकनीक, प्रबंधन और आर्थिक एवं विज्ञान के क्षेत्र में मिलकर काम कर सकते हैं और अपने नौजवानों के लिए नए रोजगारों के सृजन के अवसर प्रदान कर सकते हैं। इसके लिए हमे तुरंत ही कार्य योजना बनाने की जरूरत है और इस जी-20 की अध्यक्षता के स्वर्णीम अवसर को व्यर्थ में नही जाने देना चाहिए।
    हमे अपने छात्रों को रोजगारोन्मुखी बनाने हेतू औद्योगिक सहयोग की दिशा में सतत् प्रयास करते रहना चाहिए। विश्वविद्यालयों को व्यवसायिक घरानों के साथ सतत सम्पर्क में रहना चाहिए ताकि उद्योग जगत में जिस प्रकार के प्रशिक्षण की आवश्यकता नियुक्तियों के लिए है, विश्वविद्यालयों को शिक्षण के साथ-साथ कौशल सम्बन्धी शिक्षा भी प्रदान करनी चाहिए। इसके लिये विश्वविद्यालयों में ढांचा सुदृढ़ करने एवं सुविधाएं बढ़ाने हेतू उद्योग जगत और पुराने विद्यार्थी जोकि उच्च पदों पर आसीन हैं या उद्योग जगत में प्रतिष्ठित हैं, उनका योगदान भी प्राप्त करना चाहिए।
    हरियाणा सरकार मुख्यमंत्री मनोहर लाल जी के नेतृत्व में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में सरहानीय कार्य कर रही है।
    राज्य में उच्चतर शिक्षा प्रणाली में हाल के वर्षों में प्रभावशाली सुधार आया है और यह आने वाले वर्षों में भी जारी रहने की उम्मीद है। हरियाणा में उच्चतर शिक्षा में सकल नामांकन अनुपात वर्तमान में बत्तीस प्रतिशत है। सरकार ने वर्ष दो हजार तीस तक इसे चालीस प्रतिशत तक पहुंचाने का लक्ष्य तय किया है।
    वर्ष दो हजार तेईस-चौबीस में मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में विद्युत वाहन, मैन्युफैक्चरिंग, एविएशन, फार्मेसी और ग्रीन टेक्नोलाजीज में उत्कृष्टता केन्द्र स्थापित किए जाएगें।
    मै आपसे अनुरोध करता हूं कि उच्चतर शिक्षा के क्षेत्र में आप सभी हरियाणा सरकार के रोडमैप को गंभीरता और पारदर्शिता के साथ लागू करें ताकि हमारे नौजवानों के लिए रोजगार के बेहतरीन अवसर प्रदान कर सके।
    हमारे कुछ विश्वविद्यालयों के पास काफी मात्रा में जमीन उपलब्ध है और इमारतों के अलावा काफी कुछ भू-भाग खाली पड़े हैं। यदि यह जमीनें किसी प्रयोग में नही लाई जा रही हों तो विश्वविद्यालय के लिए अतिरिक्त राजस्व प्राप्त करने में प्रयोग में लाई जा सकती है। जैसे कि कृषि अथवा स्वयं सहायता समूहों के लिए व्यवसायों की व्यवस्था के कार्य योजना बनाई जा सकती है। मैं चाहूगां कि संबंधित कुलपतिगण इस विषय में अनुपयोगी जमीनों से अतिरिक्त राजस्व प्राप्त करने के कदमों के बारे में अपने विचार साझा कर सकते हैं।
    जय हिन्द!