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    विश्वविद्यालयों के कुलपति व कुलसचिवों की एक दिवसीय कार्यशाला में सम्बोधन

    Publish Date: अगस्त 9, 2021

    सबसे पहले मैं आज की इस कार्यशाला में हरियाणा के मुख्यमंत्री माननीय श्री मनोहर लाल जी, गृह मंत्री श्री अनिल विज जी, शिक्षा मंत्री श्री कंवर पाल जी, हरियाणा राज्य उच्चतर शिक्षा परिषद् के चेयरमैन प्रो. बी. के. कुठियाला जी, चिकित्सा विज्ञान एवं अनुसंधान विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री आलोक निगम जी, उच्चतर शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव श्री आनन्द मोहन शरण जी तथा उच्चतर शिक्षा विभाग के महानिदेशक श्री विजय दहिया जी व राज्य के विश्वविद्यालयों के कुलपतिगण व कुलसचिवगण के साथ-साथ अन्य अधिकारीगण का राजभवन प्रांगण में हार्दिक स्वागत एवं अभिनन्दन करता हूँ।
    आज विश्वविद्यालयों के कुलपतिगण और कुलसचिवगण के साथ यह मेरी पहली बैठक है जिसका उद्देश्य आपसे परिचय व समन्वय स्थापित करना है तथा आप लोगों द्वारा किए गए कार्यों की समीक्षा करना भी है।
    मैं प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 लागू करने पर आप सभी को बधाई देता हूँ। साथ ही साथ मुख्यमंत्री जी व हरियाणा सरकार को भी प्रदेश में सबसे पहले ‘‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020’’ की शुरूआत करने पर शुभकामनाएँ देता हूँ। मेरा विश्वास है कि नई शिक्षा नीति के लागु होने से पूरे देश में एक नए युग की शुरूआत हुई है, जिससे नए भारत का नव-निर्माण होगा और युवाओं का भविष्य स्वर्णिम करने मंे सहयोगी होगी।
    राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को देश में सफलतापूर्वक रूप से लागू करने में विश्वविद्यालयों की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। इस नीति के तहत विश्वविद्यालयों में वर्तमान की मांग के अनुसार नए रोजगारोन्मुखी पाठ्यक्रम शुरू किए जाने हैं। मुझे पता चला है कि कुछ विश्वविद्यालय तो नए पाठ्यक्रमों की शुरूआत कर चुके हैं। इसलिए मैं इन सभी कुलपति व विश्वविद्यालयों के प्रशासन को साधुवाद देता हूँ।
    जैसा की आप सबको पता है नई शिक्षा नीति-2020 में मल्टीपल एंट्री और एग्जिट (बहु स्तरीय प्रवेश एवं निकासी) व्यवस्था लागू की गई है। यह छात्रों के हित में बड़ा फैसला है क्योंकि एक साल के बाद सर्टिफिकेट, दो साल के बाद डिप्लोमा और 3 साल के बाद डिग्री देने का प्रावधान है।
    इस शिक्षा नीति के तहत शिक्षकों को प्रभावकारी एवं पारदर्शी प्रक्रियाओं के जरीये भर्ती करने का भी प्रावधान किया गया है। शिक्षा नीति में फैसला किया गया है कि योग्यता के आधार पर पद्धोन्नति दी जाएगी, जो कि एक ऐतिहासिक फैसला है।
    इस नीति की एक और विशेषता यह है कि सभी तरह के वैज्ञानिक एवं सामाजिक अनुसंधान कार्यों को ‘‘नैशनल रिसर्च फाउडेशन’’ बनाकर नियंत्रित किया जाएगा। जिससे शोद्यार्थियों को विशेष सुविधाएं उपलब्ध होंगी।
    मैं हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल जी का विशेष रूप से धन्यवाद करता हूँ कि इन्होंने हरियाणा में शिक्षा के प्रचार-प्रसार के लिए शिक्षा सम्बन्धी बजट में किसी तरह की कमी नहीं रहने दी।
    साथ ही साथ हरियाणा के गृह मंत्री श्री अनिल विज, शिक्षा मंत्री श्री कंवर पाल ने भी प्रदेश के विश्वविद्यालयों में ढांचागत सुविधाएं उपलब्ध करवाने में पूरा सहयोग दिया है। इसी तरह से वित्त सचिव श्री टी.वी.एस.एन. प्रसाद ने भी विश्वविद्यालयों के आर्थिक मामलों में हमेशा सकारात्मक रूख अपनाकर योजनाओं को सिरे चढ़ाया है।
    हरियाणा सरकार के सहयोग से राष्ट्रीय शिक्षा नीति में शामिल कार्यक्रमों को पूरी तरह लागू किया जाएगा। इन कार्यक्रमों में स्वयं (SWAYAM), सार्थक (SARTHAK)] , विद्या प्रवेश (VIDYA PARVESH) , दिक्षा (DIKSHA), सफल (SAFAL), नैडर (NDEAR) ,नेट्फ (NETF) निष्ठा-2.0 (NISHTHA 2.0) कार्यक्रम शामिल हैं।
    इसके साथ-साथ ही नई शिक्षा नीति में सांकेतिक एवं चिन्हित भाषा का प्रयोग, एक भारत-श्रेष्ठ भारत तथा वन नेशन वन डिजिटल प्लेटफार्म आदि कार्यक्रमों को भी पूरी तरह लागू करने में राज्य सरकार का महत्वपूर्ण योगदान रहेगा। पिछले दिनो सरकार द्वारा कई कार्यक्रम भी लागू किए गए। इसके लिए मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल व उनकी टीम बधाई की पात्र हैं।
    अंत में मैं एक बार फिर आप सभी का धन्यवाद करते हुए गुजारिश करूंगा कि शिक्षा की इस क्रान्ति में हम सब बढ़-चढ़ कर भाग लें और भारत के भविष्य की नई पीढ़ी को नई शिक्षा नीति के अनुरूप ढ़ालंे। यह देश हित के साथ-साथ हम सब के हित में होगा।
    धन्यवाद जय हिन्द!