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    विद्या भारती की पंजाब प्रांत की ईकाई सर्वहितकारी शिक्षा समिति तथा डॉ. भीमराव अंबेडकर राष्ट्रीय तकनीकी संस्थान जालंधर के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित शिक्षा महाकुंभ

    Publish Date: जून 10, 2023

    विद्या भारती की पंजाब प्रांत की ईकाई सर्वहितकारी शिक्षा समिति तथा डॉ. भीमराव अंबेडकर राष्ट्रीय तकनीकी संस्थान जालंधर के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित शिक्षा महाकुंभ National Conference on Recent Advances in School Education (RASE – 2023) अत्यंत प्रशंसनीय व प्रासंगिक प्रयास है।
    यह हर्ष का विषय है कि भारतीय संस्कारों को बच्चों रूपी मोती में पिरोकर भारत माता को गौरवान्वित करने का कार्य विद्या भारती 1952 से कर रही है। शिक्षा संस्कारों के साथ भविष्य की चुनौतियों का समाधान करने में सक्षम हो ऐसा शिक्षा का मॉडल विद्या भारती ने ना सिर्फ़ देश को दिया है बल्कि विश्व के समक्ष प्रस्तुत किया है।
    जब बात की जाती है कि शिक्षा सबके लिए तो शिक्षा जैसे विषय में भागीदारी भी सबकी होनी चाहिए। समय के साथ शिक्षा में कई बदलाव आते है जिनको समयानुसार ऐड्रेस करने से समाज एवं देश को लाभ होता है।
    किसी भी देश की प्रगति और सुनहरे भविष्य का आधार उसका मजबूत शिक्षा तंत्र ही होता है। इसी उद्देश्य से प्रधानमंत्री माननीय श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में 34 वर्ष के बाद राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 तैयार की गई है। यह शिक्षा नीति भारत के नव-निर्माण की आधारशिला है। इस शिक्षा नीति में देश के एक सौ तीस (130) करोड़ लोगों की आकांक्षाआंे को प्रतिबिंबित किया गया है।
    राष्ट्रीय शिक्षा नीति में शिक्षा का मूल उद्देश्य कौशल, नई टैक्नोलोजी, डिजीटलीकरण, इनोवेशन, रोजगारपरक, विश्व स्तरीय शिक्षा प्रदान कर तकनीकी ज्ञान और विशेषज्ञता के साथ अच्छे इंसान तैयार करना है।
    वैसे भी समाज के समक्ष उत्पन्न होने वाले नित नए संकट, चुनौतियों व प्रश्नों के समाधान ढूंढने एवं बदलते समय में उत्पन होने वाले अवसरों का उपयोग करने के लिए नई पीढ़ी को तैयार करने के लिए चिंतन- मंथन करने की हमारे देश में कुंभ की श्रेष्ठ परंपरा सदियों से रही है।
    संघ के वरिष्ठ प्रचारक एवं विद्या भारती उत्तर क्षेत्र के संगठन मंत्री श्रीमान विजय नड्डा जी के मार्गदर्शन में इसरो के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉक्टर ठाकुर सुदेश रौनिजा जी के नेतृत्व में शिक्षा महाकुंभ जैसी पहल हमारी इसी पुरातन एवं महान परंपरा का युगानुकुल प्रयास है।
    मुझे बताया गया है कि पिछले साल नवम्बर से इस शिक्षा महाकुंभ की तैयारियाँ शुरू हुयी। विद्या भारती पंजाब ने इस शिक्षा महाकुंभ को व्यक्तिगत निमंत्रण एवं पत्रकार वार्ताओं के माध्यम से सम्पूर्ण देश में जन आंदोलन बनाकर जन भागीदारी का विषय बनाया। मुझे यह भी बताया गया हैं कि तीन दर्जन पत्रकार वार्ता पूरे देश में की गयी और हज़ारों की संख्या में व्यक्तिगत निमंत्रण का कार्य स्कूल, कॉलेज एवं यूनिवर्सिटी में किया गया। यह बेहद सराहनीय बात है कि इस शिक्षा महाकुंभ में देश के समस्त शिक्षा मंत्रियों, राज्यपालों एवं मुख्यमंत्रियों के साथ-साथ 1078 विश्वविद्यालयों के कुलपतियों, 161 नैशनल इम्पॉर्टन्स के संस्थानों के निदेशकों को व्यक्तिगत निमंत्रण, ईमेल एवं पत्रों के माध्यम से आमंत्रित किया गया। खुशी की बात है कि इनमें से कई दर्जन महानुभाव आने वाले है। ये अति प्रशंसनीय कार्य है।
    मुझे बताया गया है कि मुझे बताया गया है कि शिक्षा में जन भागीदारी हो इसलिए इस शिक्षा महाकुंभ में पहली बार शिक्षा के ऊपर पत्र समाज के सभी वर्ग के लोगों से मँगवाए गए, बच्चों की प्रतिभा को मंच मिले उसके लिए यह बेहद सराहनीय बात है कि देशभर के सभी बच्चों से आह्वान करके उनकी प्रतिभा को भी मंच इस शिक्षा महाकुंभ में दिया गया। वे सब बधाई के पात्र हैं जिन्हें आज समाज में शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने के लिए सम्मानित भी किया जाएगा। ये शुरुआत बेहद ख़ास है इसके माध्यम से हमारे स्कूल्ज़ में शोध लिखने का चलन बढ़ेगा। और अगर ये पूरी तरह से जन भागीदारी का विषय बन जाए तो हमारे देश में 15 लाख स्कूल साल में करोड़ों शोध पत्र लिख कर प्च्त् के क्षेत्र में बड़ा रिकॉर्ड किया जा सकता है। इसके साथ ही कौशल एवं अनुसंधान को भी बढ़ाया जा सकता है।
    यह गर्व की बात है कि आने वाले तीन दिनों में देश के कौने कौने से आए शिक्षाविदों, वैज्ञानिकों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, बच्चों एवं शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े उद्योगपतियों के द्वारा शिक्षा महाकुंभ के पाँच बिंदुओं – स्कूल की शिक्षा राष्ट्रीय विषय बने, शिक्षा में जन भागीदारी के लिए वार्षिक शिक्षा महाकुंभ लगे, गुरुकुल पद्धति को जिवांत करके आधुनिक शिक्षा के साथ जोड़कर सस्टैंबल शिक्षा पद्धति विकसित की जाए, स्कूल की शिक्षा कौशल युक्त बने और उच्च शिक्षा संस्थानों का इंटेग्रेशन एलेमेंटरी शिक्षा संस्थानों के साथ हो पर गहन चिंतन मंथन किया जाएगा है।
    मुझे बड़ी ख़ुशी है कि विद्या भारती का ये प्रयास कामयाब हो रहा है। पहले शिक्षा कुम्भ की बेटन पंजाब विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो रेनू विज़ जी ने एवं दूसरे शिक्षा महाकुंभ की बेटन भारतीय तकनीकी संस्थान के निदेशक प्रो राजीव आहूजा जी, राष्ट्रीय तकनीकी संस्थान के निदेशक प्रो बिनोद कनौजीया जी से लेंगे है।
    मुझे पूर्ण विश्वास है कि आजादी के अमृतकाल में आयोजित हुए इस शिक्षा महाकुंभ में चिंतन मंथन से निकला अमृत शिक्षा की चुनौतियों के समाधान ढूंढने एवं राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वन के साथ-साथ हमारी शिक्षा व शिक्षकों को भविष्य के लिए तैयार करने में सहायक होगा। आने वाले शिक्षा कुम्भ एवं शिक्षा महाकुंभ भी शिक्षा के क्षेत्र में नए आयाम गढ़ेंगे। मैं उनके सफल आयोजन के लिए शुभकामनाएँ देता हूँ।
    जय हिन्द!