विकसित भारत संकल्प यात्रा के तहत राज्यपाल ने किया विश्वविद्यालयों के शोधार्थियों से संवाद
-ध्येय पैसा कमाने का नहीं समाजसेवा का होना चाहिए, नौकरी देने वाले बने: राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय
-विदेशों में सृजित होंगे तीन करोड़ रोजगार, प्रतिभा के बल पर भारतीय हासिल करेंगे इनमें दो करोड़ रोजगार
-समाजसेवा का अपना उदाहरण किया प्रस्तुत, त्याग की भावना ने आज पहुंचाया उच्च मुकाम पर
-प्रधानमंत्री देश को विश्वगुरु बनाने की दिशा में बढ़ा रहे आगे, आपका सहयोग अपेक्षित
-शिक्षा में तकनीक, नवाचार और शोध बेहद महत्वपूर्ण, नई शिक्षा नीति में इन पर रहेगा फोकस
-भक्त फूल सिंह महिला विश्वविद्यालय में किया गया शोधार्थी संवाद का आयोजन
– ओपी जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी में हुआ अखिल भारतीय वाणिज्य सम्मेलन का आयोजन
चंडीगढ़, 15 दिसंबर। विकसित भारत संकल्प यात्रा के अंतर्गत हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने भक्त फूल सिंह महिला विश्वविद्यालय खानपुर कलां के शोधार्थियों व शिक्षकों से सीधा संवाद करते हुए राष्ट्र एवं समाज सेवा के लिए प्रोत्साहन दिया। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों का ध्येय पैसा कमाने की बजाय सेवा का होना चाहिए जिसके लिए उन्हें ज्ञानार्जन कर समाज एवं राष्ट्र सेवा की दिशा में समर्पित होना चाहिए। साथ ही उन्होंने और ओपी जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी में अखिल भारतीय वाणिज्य सम्मेलन को भी संबोधित किया।
शुक्रवार को भक्त फूल सिंह महिला विश्वविद्यालय खानपुर कलां और ओपी जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी में राज्यपाल के संवाद कार्यक्रमों का सफल आयोजन किया गया। शोधार्थियों से संवाद करते हुए उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को विश्वगुरु बनाने की दिशा में आगे बढ़ा रहे हैं, जिसमें आपका सहयोग भी होना चाहिए। इसके लिए समाज के लिए काम करने की जरूरत है। राज्यपाल ने स्वयं का उदाहरण प्रस्तुत करते हुए बताया कि वे आर्थिक रूप से कमजोर परिवार में जन्मे थे और उनकी माता सब्जी बेचकर गुजारा करती थी। शुरुआत से ही उनके अंदर सेवा की भावना थी, जिसे युवावस्था में विशेष बल मिला। उन्होंने एक झुग्गी बस्ती में बच्चों के स्वास्थ्य के लिए स्वच्छता की ओर बढ़ाने का प्रयास किया। बस्ती के 15 लडक़ों व 15 लड़कियों को उन्होंने नहलाना शुरू किया, जिसके कुछ दिन बाद वे स्वयं नहाने लगे। इसके बाद उनके खान-पान पर ध्यान देते हुए दूध पिलाने की व्यवस्था की। बच्चों को शिक्षा के लिए प्रोत्साहन दिया। बाद में उनमें से दो बच्चे डॉक्टर बने और दो बच्चे इंजीनियर बने। आज उसी त्याग व सेवा की भावना के बूते वे राज्यपाल के रूप में आपके समक्ष है, जबकि उन्हें शिक्षा पूर्ण करने उपरांत बैंक की नौकरी मिल रही थी, जो उन्होंने नहीं की।
राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि शोधार्थियों को नौकरी मांगने वाले नहीं अपितु देने वाले बनने की ओर अग्रसर होना चाहिए। नकारात्मकता को सदैव दूर रखें। जिज्ञासा व सकारात्मकता के साथ आगे बढ़ें। लक्ष्य रखकर आगे बढ़ें। शिक्षा में तकनीक, नवाचार व शोध होना चाहिए। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में इन पर फोकस रहेगा। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि नित नये परिवर्तन हो रहे हैं। तकनीक विकसित हो रही है। नई शिक्षा नीति में रोजगार देने वाला बनाने पर बल रहेगा। अच्छी स्किल होनी चाहिए। आने वाले समय में दुनियाभर में करीब तीन करोड़ रोजगार सृजित होंगे। उन्होंने विश्वास जताया कि अपनी मेहनत व प्रतिभा के दम पर उनमें से दो करोड़ रोजगार भारतीय लोग हासिल करेेंगे। उन्होंने कहा कि ज्ञान एक बड़ी ताकत है, पैसा नहीं। इसे समझना चाहिए। राज्यपाल ने अच्छे स्वास्थ्य के लिए नियमित रूप से योग-व्यायाम के लिए प्रोत्साहित करते हुए पोषक खान-पान पर बल दिया। उन्होंने कहा कि हरियाणा की बेटियों ने खेलों में अच्छा नाम कमाया है। सांस्कृतिक क्षेत्र में भी आगे बढ़ना चाहिए। संस्कृति का संरक्षण भी जरूरी है जो कि हमारी पहचान है। अपनी परंपराओं व राष्ट्र की मजबूती के लिए योगदान देना चाहिए। साथ ही उन्होंने शुभकामनाएं दी कि भक्त फूल सिंह महिला विश्वविद्यालय एक आदर्श महिला विश्वविद्यालय के रूप में स्थापित हो।
शोधार्थियों ने मांग व सुझाव के साथ दी अपने लक्ष्य की जानकारी: राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने विश्वविद्यालयों के शोधार्थियों से सीधा संवाद करते हुए उन्हें शोध कार्य के दौरान आने वाली समस्याओं तथा उनके लक्ष्य की जानकारी ली। इस दौरान मैनेजमेंट स्टडीज की शोधार्थी कोमल, दीप मल्हान व जान्हवी खुराना तथा दीपिका कथूरिया, अंग्रेजी की वंृदावत व तमन्ना, कंप्यूटर साइंस की रूबी, सोशल वर्क की प्रीति डबास व रेणू, अर्थशास्त्र की दीपिका, गणित की पारुल, कॉमर्स की काजल व मोनिका, फूड न्यूट्रिशन की अनुराधा, लॉ की श्वेता व अंजूबाला तथा फैशन टैक्रॉलोजी की रितिका शर्मा और इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की शोधार्थी नैन्सी कटियाल ने नाममात्र दिक्कतों की चर्चा करते हुए अपने लक्ष्यों से अवगत करवाया। अधिकांश शोधार्थी सुधार की दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रयासरत नजर आये, जिनका लक्ष्य समाज व राष्ट्र सेवा की दिशा में योगदान देना था। साथ ही उन्होंने स्टेट यूनिवर्सिटी में शोध व शोधार्थियों के लिए डाटा एकत्रितकरण के लिए फंड व अन्य सुविधाओं की आवश्यकता भी जताई।
भक्त फूल सिंह की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर लौह पुरुष को दी श्रद्धांजलि: शोधार्थी संवाद कार्यक्रम में शामिल होने से पहले राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने शिक्षाविद भक्त फूल सिंह की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया। साथ ही उन्होंने बहन सुभाषिनी का भी स्मरण किया। इसके उपरांत उन्होंने लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की पुण्यतिथि के मौके पर उनकी तस्वीर पर पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संबोधन भी सीधा प्रसारित किया गया।
ओपी जिंदल यूनिवर्सिटी में हुआ अखिल भारतीय वाणिज्य सम्मेलन का आयोजन: ओपी जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी में 74वें अखिल भारतीय वाणिज्य सम्मेलन का आयोजन किया गया, जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने संबोधित किया। उन्होंने कहा कि यह आयोजन बौद्धिक चर्चा को बढ़ावा देने के साथ-साथ हमारे राष्ट्र भारत में वाणिज्य और प्रबंधन शिक्षा के भविष्य को मूर्त रूप देने में आधारशिला के रूप में कार्य कर रहा है। दूरदर्शी बुद्धिजीवियों और उद्योगपतियों ने एक ऐसा मंच बनाया जो न सिर्फ चर्चा और विचार-विमर्श करे अपितु चिंतनशील भी हो और राष्ट्र को एक नवीन दिशा प्रदान करने में अपनी अहम भूमिका निभा सके। प्रतिवर्ष आयोजित होने वाला यह अखिल भारतीय वाणिज्य सम्मेलन, सम्मेलनों की निर्बाध परंपरा के साथ अपने सदस्यों के एकजुट नेटवर्क के उत्साह और धैर्य का प्रमाण व पर्याय बन गया है।
राज्यपाल ने कहा कि दिल्ली विश्वविद्यालय अपनी प्रतिष्ठित विरासत और अंतर्राष्ट्रीय प्रशंसा के साथ भावी पीढ़ी के निर्माण में कार्यरत एक प्रमुख संस्थान है। आज का युग एक आधुनिक युग है जहां पर हर एक चीज डिजिटल प्लेटफार्म पर उपलब्ध है। पहले लोग इन्टरनेट के प्लेटफार्म को सिर्फ जानकारियों के अदान प्रदान करने हेतु प्रयोग में लाते थे। परंतु अब ऑनलाइन प्लेटफार्म सिर्फ जानकारियां ही नहीं बल्कि बिजनेस के क्षेत्र में में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। इसकी सहायता से हम घर बैठे ही अपने देश से लेकर विदेशों तक में बिजनेस का विस्तार कर रहे हैं। ऑनलाइन प्लेटफार्म में यूट्यूब चैनल, ब्लॉगिंग, ट्रांसलेशन, डिजिटल मार्केटिंग, ऑनलाइन लैंग्वेज ट्रेनिंग, ऐप मेकिंग, वीडियो क्रिएटर, पेटीएम, गूगल पै जैसे अनेक सॉफ्टवेयर का प्रयोग करके नये बिजनेस आइडियाज ढूंढकर व्यापार और औद्योगिकी के क्षेत्र में आगे बढ़ सकते हैं।
वर्ष 2020 में भारत का डिजिटल मार्केटिंग मार्केट उन्नीस हजार नौ सौ करोड़ रुपये (19900 करोड़) रुपये का था, जो 2015 के मुकाबले चार हजार सात सौ करोड़ (4700 करोड़) रुपये ज्यादा था। वर्ष 2024 तक डिजिटल मार्केटिंग सेक्टर बढक़र तिरेपन हजार नौ सौ करोड़ (53900 करोड़) रुपये का होने की उम्मीद है। अमेरिका, चीन, जापान और जर्मनी के बाद भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है।
जहां तक उद्योग 4.0 से 5.0 उद्योग तक व्यापार के भविष्य की बात है, औद्योगिक क्रांति को संदर्भित करता है, जो उन्नत प्रौद्योगिकियों के एकीकरण और विनिर्माण प्रक्रियाओं में डिजिटलीकरण की विशेषता दर्शाता है। यह इंटरनेट ऑफ थिंग्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, बिग डेटा एनालिटिक्स और ऑटोमेशन जैसी तकनीकों का लाभ उठाते हुए मशीनों, प्रणालियों और मनुष्यों की इंटरकनेक्टिविटी पर ध्यान केंद्रित करता है। साथ ही 5.0 उद्योग में सहयोगात्मक रोबोट, मानव रचनात्मकता को सशक्त बनाना, अनुकूलन और वैयक्तिकरण, संवर्धित वास्तविकता, नैतिक विचार जैसी प्रणालियों पर भी ध्यान केंद्रित करता है।
भारत ने नवाचार (इनोवेशन) और स्टार्टअप्स के क्षेत्र में बड़ी ऊंचाई हासिल की है। ये ऊंचाई ऐसी है जिसकी चर्चा पूरी दुनिया में हो रही है। इनोवेशन और स्टार्टअप्स जैसे क्षेत्र ऐसे हैं जिनमें रोजगार की अपार संभावनाएं हैं। माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी व्यक्तिगत तौर पर इन दोनों क्षेत्रों को विकास का इंजन मानकर चलते हैं। केंद्र सरकार ने नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए अटल इनोवेशन मिशन (एआईएम), गुणक अनुदान योजना (एमजीएस), डेयरी उद्यमिता विकास योजना (डीईडीएस), स्टार्टअप इंडिया पहल, स्टार्टअप इंडिया सीड फंड योजना जैसी अनेक पहल करके देश को नयी ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए निरंतर प्रयासरत हैं। हरियाणा सरकार भी इस विषय पर गंभीरता से ध्यान दे रही है। सरकार ने स्टार्टअप, इनोवेशन और उद्यमिता को प्रोत्साहित करने के लिए स्टार्टअप नीति-2022 लागू की है, जिसका उद्देश्य उद्यमियों के लिए विश्व स्तरीय इनक्यूबेटर सुविधा स्थापित करना है।
सतत विकास लक्ष्य- आज दुनिया के सामने आने वाली विभिन्न सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय चुनौतियों का समाधान करने के लिए संयुक्त राष्ट्र (यूएन) द्वारा निर्धारित गरीबी की पूर्णतः: समाप्ति, भुखमरी की समाप्ति, अच्छा स्वास्थ्य और जीवनस्तर, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, लैंगिक समानता, स्वच्छ जल एवं स्वच्छता, सस्ती और स्वच्छ ऊर्जा, अच्छा काम और आर्थिक विकास, उद्योग, नवाचार और बुनियादी ढांचा, असमानता में कमी, टिकाऊ शहरी और सामुदायिक विकास, जिम्मेदारी के साथ उपभोग और उत्पादन, जलवायु कार्रवाई, पानी के नीचे जीवन, भूमि पर जीवन, शांति और न्याय के लिए संस्थान, लक्ष्य प्राप्ति में सामूहिक साझेदारी जैसे अनेक वैश्विक उद्देश्यों का एक समूह है। ये लक्ष्य 2030 तक अधिक न्यायसंगत, समावेशी और टिकाऊ दुनिया बनाने की दिशा में देशों को मिलकर काम करने के लिए एक साझा खाका प्रदान करते हैं।
इस अवसर पर भक्त फूल सिंह महिला विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. सुदेश, इंडियन कॉमर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रो. डब्ल्यूके सर्वदे, अखिल भारतीय वाणिज्य सम्मेलन के सचिव प्रो. अजय सिंह, ओपी जिंदल यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. सी. राजकुमार, इंडियन कॉमर्स एसोसिएशन के सचिव डा. कुलदीप शर्मा, अतिरिक्त उपायुक्त अंकिता चौधरी, डा. नीलम मलिक, एसडीएम आशीष कुमार, प्रो. संकेत विज, प्रो. श्वेता सिंह, प्रो. अशोक वर्मा, प्रो. नीलम, डा. सुनील कुमार, ले.कर्नल अनिल बल्हारा, ईशानी तथा मंच संचालक के रूप में प्रो. रवि भूषण आदि मौजूद थे।