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    राष्ट्रीय शिक्षा नीति छात्रों के सर्वांगीण विकास के लिए महत्वपूर्णः बण्डारू दत्तात्रेय

    Publish Date: अगस्त 11, 2023
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    केयू के 33वें दीक्षांत समारोह में गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत तथा गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद को यूनिवर्सिटी की तरफ से दी डाक्टर आफ लिट्रेचर (डि.लिट्) की मानद उपाधि, भारत के पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द ने कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के 9 विद्यार्थियों को गोल्ड मैडल व मैरिट प्रमाण पत्र देकर किया सम्मानित, यूनिवर्सिटी के 33वें दीक्षान्त समारोह में 1660 विद्यार्थियों को वितरित की डिग्रियां

    कुरुक्षेत्र, 11 अगस्त। भारत के माननीय पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द ने कहा कि एक विद्यार्थी की सफलता के पीछे समाज के अनेक लोगों का संकल्प एवं तपस्या होती है। यह सफलता सभी के सामूहिक प्रयासों से ही मिलती है। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय अन्य शिक्षण संस्थानों से कई प्रकार से अलग है। भारतीय संस्कृति में कुरुक्षेत्र का अपना एक विशेष महत्व है। कुरुक्षेत्र की पावन स्थली पर भगवान् श्री कृष्ण ने अपनी दिव्य वाणी से श्रीमद्भगवद गीता का संदेश दिया था। इस पुण्य भूमि से ही दुनिया को कर्मयोग का संदेश मिला। शिक्षा का उद्देश्य डिग्री प्राप्त करना नहीं होता बल्कि अच्छा इंसान बनना होता है। शिक्षण संस्थान भविष्य के निर्माता होते हैं। वे न केवल छात्रों को शिक्षा प्रदान करते हैं बल्कि उन्हें अच्छा नागरिक व सफल कर्मी बनाते हैं। शिक्षक विश्वविद्यालयों में सबसे प्रमुख शिक्षा प्रदान करना राष्ट्र निर्माण के लिए भी महत्वपूर्ण होता है।

    भारत के माननीय पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के आडिटोरियम हॉल में 33वें दीक्षान्त समारोह में बतौर मुख्यातिथि के रूप में बोल रहे थे। इससे पहले पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द व उनकी धर्मपत्नी सविता कोविन्द, हरियाणा के राज्यपाल बण्डारू दत्तात्रेय, गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत, मुख्य मंत्री मनोहर लाल, गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद, उच्च शिक्षा मंत्री मूल चंद शर्मा, कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा, कुलसचिव प्रो. संजीव शर्मा व डीन एकेडमिक अफेयर्स प्रो. अनिल वशिष्ठ ने दीपशिखा प्रज्ज्वलित कर विधिवत् रूप से 33वें दीक्षान्त समारोह का शुभारंभ किया तथा स्मारिका का विमोचन भी किया।

    इस दौरान कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलाधिपति एवं राज्यपाल बण्डारू दत्तात्रेय ने कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा के आग्रह पर परम्परानुसार दीक्षान्त समारोह को शुरू करने की घोषणा की। 33वें दीक्षांत समारोह में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय की तरफ से गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत तथा गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद को यूनिवर्सिटी की तरफ से डॉक्टर ऑफ लिट्रेचर (डी.लिट) की मानद उपाधि से अलंकृत किया गया। इसके साथ ही 33वें दीक्षांत समारोह में पीजी और यूजी पाठ्यक्रमों के सभी यूटीडी छात्र (2021-22 में उत्तीर्ण), पीएचडी 2023 के 88 डिग्री धारकों को डिग्रियां वितरित की।

    पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द ने कला एवं भाषा संकाय के चिराग शर्मा, समाज विज्ञान संकाय की जाह्नवी, जीव विज्ञान संकाय की हेमलता, फार्मास्यूटिकल साइंस संकाय की निशा, विज्ञान संकाय की भव्या, शिक्षा संकाय की अरूणा कुमारी, प्राच्य विद्या संकाय की कृति शर्मा, विधि संकाय की तुलसी तथा वाणिज्य एवं प्रबंधन संकाय की कमलप्रीत कौर को गोल्ड व मेरिट सर्टिफिकेट देकर सम्मानित किया। इसके साथ ही मुख्यातिथि पूर्व राष्ट्रपति, राम नाथ कोविन्द ने कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के बेसिक सर्टिफिकेट कोर्स इन जैपनिज़ लैंग्वेज एंड कल्चर के प्रथम बैच के विद्यार्थियों हरियाणा के मुख्य मंत्री मनोहर लाल, वैंकटेशन उमाशंकर, कुलपति प्रो. सोमनाथ, अनंत प्रकाश पांडे, योगेन्द्र चौधरी व पवन कुमार को सर्टिफिकेट देकर सम्मानित किया।

    पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द ने कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय को देश में सबसे पहले राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को सम्बन्धित कॉलेजों तथा प्रदेश में सबसे पहले केयू में लागू करने और इस मुकाम तक पहुंचाने के लिए राज्य सरकार और विश्वविद्यालय के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय, मुख्यमंत्री मनोहर लाल व कुलपति प्रो. सोमनाथ की प्रशंसा करते हुए कहा कि इस पावन धरा पर कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय हरियाणा का पहला ए प्लस श्रेणी का विश्वविद्यालय है। विश्वविद्यालय ने हरियाणा ही नहीं अपितु पूरे देश में खेल, शोध, सांस्कृतिक गतिविधियों सहित अपनी एक अलग पहचान बनाई है। उन्होंने कहा कि किसी समाज का विकास सही मायनों में तभी होता है जब उस समाज की नारी शक्ति शिक्षित व सशक्त हो। एक शिक्षित बेटी दो परिवारों को शिक्षा और ज्ञान के महत्व से अवगत कराती है।

    हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने डिग्रियां हासिल करने वाले विद्यार्थियों को शुभकामनाएं और 33वें दीक्षांत समारोह के सफल आयोजन पर विश्वविद्यालय प्रशासन को बधाई देते हुए कहा कि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय ने पूरे प्रदेश में सर्वप्रथम राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को अपने यूजी प्रोग्राम्स में लागू करके सराहनीय कार्य किया है। इसके साथ ही अब इस सत्र से देश में सर्वप्रथम अपने सम्बन्धित महाविद्यालयों एवं संस्थानों के यूजी प्रोग्राम्स में राष्ट्रीय शिक्षा नीति को इसके सभी प्रावधानों के साथ लागू करके छात्रों के सर्वांगीण विकास के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाया है। उन्होंने मुख्यमंत्री को जापानी भाषा का सर्टिफिकेट मिलने पर बधाई दी। उन्होंने कहा कि एक बार विद्यार्थी का अर्थ जीवन भर विद्यार्थी है यह मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने साबित किया है।

    राज्यपाल बण्डारू दत्तात्रेय ने कहा कि संकायो में नौ गोल्ड मेडल लेने वालें विद्यार्थियों में से 8 बेटियां है और विद्यार्थियों को जो गोल्ड मेडल दिया गया है 55 में से 41 महिला हैं और 14 लड़के हैं। यह आंकडे ऐसे लगते हैं कि महिला आगे बढ़ रही हैं। महिलाएं हर क्षेत्र में आगे आ रही हैं। बिना टैक्नॉलाजी, नवाचार व शोध के बिना हम आगे नहीं बढ़ सकते।
    गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने उन्हें मानद् उपाधि प्रदान करने के लिए हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय, मुख्यमंत्री मनोहर लाल तथा कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा को प्राकृतिक कृषि के क्षेत्र में, प्राकृतिक चिकित्सा, योग और राष्ट्र में की गई विभिन्न सामाजिक गतिविधियों के लिए जो सम्मान दिया गया उसका आभार प्रकट किया।

    हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बतौर विशिष्ट अतिथि 33वें दीक्षांत समारोह में हरियाणा की 2 करोड़ 80 लाख जनता की ओर से कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का स्वागत करते हुए हरियाणा की कुरुक्षेत्र की पावन धरा एवं ज्ञान की भूमि पर अभिनंदन किया। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि शिक्षा लेने के बाद आज विद्यार्थियों की दीक्षा हो रही है। आज का दिन परीक्षा पास करने के बाद ज्ञान के नाते तो सही है लेकिन कर्तव्य की परीक्षा अभी बाकी है। समाज में शिक्षा का उपयोग करके सेवा का काम करना है तथा सही अर्थ में दीक्षा तभी होगी इसलिए हमें ऐसा संकल्प लेकर जाना चाहिए। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने गुजरात के माननीय राज्यपाल आचार्य देवव्रत एवं गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानन्द जी महाराज को डॉक्टरेट ऑफ लिट्रेचर की मानद उपाधि मिलने पर कहा कि इससे देश एवं समाज की सेवा करने की प्रेरणा जागृत होती है।

    मुख्यमंत्री ने जापानी भाषा का सर्टिफिकेट मिलने पर प्रसन्नता प्रकट करते हुए कहा कि कुवि कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा सहित अन्य अधिकारी सहपाठी रहे है। उन्होंने कहा कि जापानी भाषा में 30 दिन की सभी ऑनलाइन कक्षाएं लगाई। उन्होंने जापानी भाषा सीखाने के लिए जापान के शिक्षकों का भी धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि सामने वाले की भाषा में एक शब्द बोलने से भी घनिष्ठ संबंध बनता है।
    गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद ने कहा कि भगवद गीता का अध्ययन करने से पता चलता है कि कर्तव्यनिष्ठा अपने आप में सबसे बड़ा पुरस्कार व उपहार है। मैं जहां हूं क्या मैं अपने कर्तव्य को कुशलता से समर्पित संकल्पित निष्ठा से निभा पा रहा हूं भगवद् गीता के अनुसार वो अपने आप में डिग्री व अवार्ड है। योग में स्थित होकर कर्म करना चाहिए।

    उच्च शिक्षा मंत्री मूल चन्द शर्मा ने कहा कि नैक से मान्यता प्राप्त ए-प्लस कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय ने पूरे प्रदेश में सर्वप्रथम राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को अपने यूजी प्रोग्राम्स में तथा इस सत्र से देश में सर्वप्रथम सम्बन्धित महाविद्यालयों एवं संस्थानों के यूजी प्रोग्राम्स में राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करके छात्र हित में महत्वपूर्ण कदम उठाया है। विश्वविद्यालय खेल, सांस्कृतिक व शोध सभी क्षेत्रों में सराहनीय कार्य कर रहा है।
    कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने विश्वविद्यालय के 33वें दीक्षान्त समारोह में पहुंचे मेहमानों का स्वागत करते हुए कहा कि ए-प्लस ग्रेड प्राप्त कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय हरियाणा का सबसे पुराना व सबसे बड़ा विश्वविद्यालय है। हरियाणा के मुख्यमंत्री के संकल्प के अनुसार व कुलाधिपति की प्रेरणा व उच्च शिक्षा मंत्री के मार्गदर्शन में केयू ने एनईपी-2020 को सभी प्रावधानों के साथ पूरे देश में सबसे पहले लगाया है। खेल, सांस्कृतिक गतिविधि व शोध के क्षेत्र में भी केयू ने सराहनीय कार्य किया गया है।

    इस मौके पर पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द की धर्म पत्नी सविता कोविन्द, आचार्य देवव्रत की धर्मपत्नी दर्शना देवी, उपायुक्त शांतनु शर्मा, कुलसचिव प्रो. संजीव शर्मा, पुलिस अधीक्षक सुरेन्द्र भौरिया, डीन एकेडमिक अफेयरर्स प्रो. अनिल वशिष्ठ, छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रो. शुचिस्मिता शर्मा, परीक्षा नियंत्रक डॉ हुक्म सिंह व डॉ. अंकेश्वर प्रकाश, प्रो. संजीव अग्रवाल, लोक सम्पर्क विभाग के निदेशक प्रो. ब्रजेश साहनी, उप-निदेशक डॉ. दीपक राय बब्बर, मुख्य सुरक्षा अधिकारी प्रो. अनिल गुप्ता, डीवाईसीए के निदेशक डॉ. महासिंह पूनिया, सहायक कुलसचिव डॉ. जितेन्द्र जांगडा, विश्वविद्यालय के डीन, डायरेक्टर, चैयरपर्सन, शिक्षक, कर्मचारी एवं विद्यार्थी मौजूद थे।
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