राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय राजभवन में वारंगल एनआईटी के छात्रों से बातचीत करते हुए
चण्डीगढ़, 10 सितम्बर- हरियाणा के राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय ने शनिवार को राजभवन में वारंगल (तेलंगाना) एनआईटी से एक भारत-श्रेष्ठ भारत कार्यक्रम के तहत हरियाणा आए छात्रों से बातचीत की और उनके साथ हरियाणा और तेलंगाना के अनुभव सांझा किए। इस मौके पर इन छात्रों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए। ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत‘ कार्यक्रम के अंतर्गत सांस्कृतिक आदान-प्रदान के लिए हरियाणा और तेलंगाना दोनों आपस में सहभागी राज्य हैं।
बातचीत के इस कार्यक्रम में राज्यपाल श्री दत्तात्रेय ने कहा कि देश में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में चलाए गए ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत‘ कार्यक्रम से राष्ट्रीय एकता को मजबूती मिली है। इस कार्यक्रम के तहत सभी राज्यों के लोगों को एक दूसरें राज्यों की संस्कृति, सभ्यता, परंपराओं, भाषा, लोक कलाओं को जानने का मौका मिला है। उन्होंने कहा कि इस समय भारत में आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है और सभी राज्यों के लोगों को स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले अन्य राज्यों के स्वतंत्रता सेनानियों, शहीदों और घटनाओं व स्थानों के बारे में जानकारी मिल रही है।
उन्होंने छात्रों को संबोधित करते हुए यह भी कहा कि आप लोग अपने विद्यार्थी जीवन के दौरान पूरे भारत वर्ष का दौरा कर देश की विभिन्न क्षेत्रों की संस्कृति, वेशभूषा, भाषा, बोली, कला साहित्य तथा परंपराओं के बारे में जानंे, जिससे आपके व्यक्तित्व का विकास होगा और राष्ट्रीय एकता की भावना को और अधिक बल मिलेगा।
उन्होंने छात्रों से अपील की कि वे राष्ट्रीय एकता और देश भक्ति के कार्यक्रमों में ज्यादा से ज्यादा भाग लें और संकल्प ले कि भारत को दूनिया में नंबर एक श्रेष्ठ भारत बनाना है। इस कार्यक्रम में एनआईटी वारंगल के छात्रों ने तेलंगाना, आंध्र प्रदेश की संस्कृति से ओत-प्रोत गीत, नृत्य और स्किट की प्रस्तृति दी।
छात्रों की टीम के साथ एनआईटी, कुरूक्षेत्र के निदेशक प्रो0 बी.वी रमना रेड्डी भी थे। उन्होंने छात्रों के इस दौरे के बारे में विस्तारपूर्वक बताया और एनआईटी की तरफ से राज्यपाल श्री दत्तात्रेय को शाल भेंट की। इस मौके पर सचिव राज्यपाल श्री अतुल द्विवेदी जी, श्रीमती कविता रेड्डी, बी. श्रीनिवास वारंगल तथा एनआईटी, कुरूक्षेत्र टीम के डीन स्टूडेंटस वैलफेयर प्रो0 दीक्षित गर्ग भी उपस्थित थे।