राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस, मोहाली परिसर में जन योजनाओं में उन्नत प्रबंधन‘‘ कार्यक्रम में छात्रों को संबोधित करते हुए
चण्डीगढ़ 8 अगस्त- देश के सरंचनात्मक ढांचे को और अधिक मजबूती प्रदान करने व जन नीतियों के क्रियान्वयन में सरकारी व निजी क्षेत्र की संस्थाओं व शिक्षण संस्थाओं का महत्वपूर्ण योगदान है। इसलिए इनको जवाबदेही, ढृढ़ संकल्प, परिदर्शिता, सकारात्मक सोच और ईमानदारी के साथ गरीबों, दलितों व वंचितों की आवाज बनकर उनके कल्याण के लिए कार्य करना चाहिए तभी देश मेें हर जरूरत मंद व्यक्ति तक योजनाओं का लाभ पहूॅंच पाएगा और देश तरक्की करेगा। यह उद्गार हरियाणा के राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय ने सोमवार को इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस, मोहाली परिसर में जन योजनाओं में उन्नत प्रबंधन‘‘ कार्यक्रम में छात्रों को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। इस अवसर पर उन्होंने परिसर में पौधारोपण भी किया।
उन्होंने कहा कि शिक्षण संस्थाएं सरकार की जन कल्याणकारी नीतियों, कार्यक्रमों को सरलता से समझ कर उनके क्रियान्वयन के पाठ्यक्रम की रूपरेखा तैयार करने में सहायक बने, जिससे इन कल्याणकारी योजनाओं व कार्यक्रमों का लक्ष्य पूरा होगा। उन्होंने कहा कि प्रशासनिक अधिकारी मिशन भावना से नीतियां और कार्यक्रम लागू करने में शत प्रतिशत दें। उन्होनें भरूच (गुजरात) जिले के क्लैक्टर का उदाहरण दिया और कहा कि तुशार शर्मा क्लैक्टर ने कई योजनाओं को शत प्रतिशत रूप में जरूरत लोगों तक पहूॅचाया है।
उन्होंने कहा कि सरकारी व निजी क्षेत्र की संस्थाओं को अपनी रणनीति व क्रियान्वयन की खाई को पाटना होगा तभी बेहतर लक्ष्य की और आगे बढ़ पाएगें। उन्होंने कहा कि देश के नागरिकों में बेहतर जीवन जीने का सपना होता है। इस दिशा में देश ने बहुत कुछ हासिल किया है। विगत आठ वर्षों मंे केन्द्र और राज्य की सरकार ने शिक्षा, उद्योग, बुनियादी ढांचे और सुशासन को बढ़ावा देकर आम आदमी का जीवन बेहतर व सरल किया है।
श्री दत्तात्रेय ने कहा कि किसी भी प्रशासन व व्यवसाय का प्रबंधन चुनौतिपूर्ण होता ही है, इस प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए नवीनतम प्रौद्योगिकयों से जुड़कर जन आकांक्षाओं पर खरा उतरना जरूरी है। आज भारत इस दिशा में आगे बढ़ चुका है। भारत ने आज 100 युनिकोर्न को पार कर लिया है और भविष्य में कई ओर युनिकोर्न क्लब में शामिल होने की संभावना है। देश में अमेरिका और चीन के बाद दुनिया का सबसे बड़ा स्टार्ट-अप इकोसिस्टम स्टार्ट हो चुका है जो समावेशी भारत के लिए सराकात्मक कदम है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के कार्यकाल में सुशासन के साथ सबका-साथ, सबका-विकास, सबका- विश्वास और सबका प्रयास के सिद्धांत पर कार्य हुआ है।
इस समारोह में भारतीय स्कूल ऑफ बिजनेस के डिप्टी डीन प्रो0 रामभद्रान त्रिमुला ने स्मृति चिन्ह दिया। कार्यक्रम में प्रौ0 अश्विनी छतरे। श्री डी.एन.वी. कुमारा गुरू तथा श्री जे.संदीप, एसोसिएट डायरेक्टर व श्री अमर जीत सिन्हा सहित संस्थान के पदाधिकारी, फैकल्टी व विद्यार्थी उपस्थित थे।