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    राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने किया डीसीआरयूएसटी मुरथल में मुद्रित इलेक्ट्रॉनिक्स और स्मार्ट पैकेजिंग विषय पर आयोजित अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का शुभारंभ

    Publish Date: सितम्बर 4, 2022

    – गुणवत्ता के साथ कार्य करते हुए इलेक्ट्रॉनिक्स और प्रौद्योगिकी क्षेत्र में देश को बनाए आत्मनिर्भर
    – भारत को विश्व गुरु बनाने के लिए ईमानदारी, समाज सेवा और सच्चाई के साथ करने होंगे एकजुट प्रयास

    – एमएसएमई मंत्रालय भारत सरकार के सहयोग से आयोजित अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में भारत सहित 7 देशों ने लिया भाग

    चंडीगढ़, 04 सितंबर। सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) मंत्रालय भारत सरकार तथा ऑफसेट प्रिंटर्स एसोसिएशन के सहयोग से दीनबंधु छोटूराम विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मुरथल में मुद्रित इलेक्ट्रॉनिक्स और स्मार्ट पैकेजिंग विषय पर आयोजित अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का मुख्यातिथि के रूप में शुभारंभ करते हुए हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने हर प्रकार के क्षेत्र व सभी कार्यों में गुणवत्ता लाने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि देश को इलैक्ट्रोनिक्स व प्रौद्योगिकी क्षेत्र में गुणवत्ता स्थापित करते हुए देश को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कदम बढ़ायें।
    डीसीआरयूएसटी में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में भारत सहित कुल 07 देशों ने भाग लिया, जिनमें बांग्लादेश, भूटान, श्रीलंका, नेपाल, इंडोनेशिया तथा ग्रीस शामिल हैं। देश-विदेश के प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि देश व दुनिया में मुद्रित इलेक्ट्रॉनिक्स और स्मार्ट पैकेजिंग का व्यापार लगातार तेजी से आगे बढ़ रहा है। क्योंकि आज के समय में हर व्यक्ति कहीं न कहीं इसके साथ जुड़ा है और वो उसी चीज को ज्यादा अहमियत देता है जिसकी गुणवत्ता सबसे अच्छी हो। इसलिए हमें इलेक्ट्रॉनिक्स और प्रौद्योगिकी क्षेत्र में गुणवत्ता के साथ कार्य करते हुए भारत को आत्मनिर्भर बनाना होगा। उन्होंने कहा कि एक अनुमान के अनुसार, भारत के मुद्रित इलेक्ट्रॉनिक्स बाजार 2021 में 0.78 बिलियन अमेरिकी डॉलर था। जो 2029 तक 3.11 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है।
    राज्यपाल ने कहा कि भारत को दोबारा विश्व गुरु बनाने के लिए हमें मिलकर पूरी ईमानदारी, समाज सेवा व सच्चाई के साथ कार्य करना होगा। कोरोना महामारी के समय भारत ने यह करके भी दिखाया है। विश्व के बहुत से देश ये सोचते थे कि भारत को अन्य किसी देश से कोरोना वैक्सीन लेनी पड़ेगी लेकिन हमारे वैज्ञानिकों ने इस क्षेत्र में दिन-रात कार्य करते हुए स्वदेशी कोरोना वैक्सीन बनाई और देश के लोगों के साथ-साथ विश्व के अन्य देशों को भी कोरोना वैक्सीन उपलब्ध करवाई।
    राज्यपाल दत्तात्रेय ने कहा कि आज देश के 11 करोड़ से अधिक लोग एमएसएमई क्षेत्र से जुड़े हुए हैं। इसलिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए लगातार कार्य कर रही है। केन्द्र सरकार ने एमएसएमई उद्यमियों को आपातकाल की स्थित में आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी योजना लागू की। जिसके तहत केंद्र सरकार ने कोरोना काल के दौरान एमएसएमई के लिए 3.5 लाख करोड़ रुपये का बजट अलॉट किया, जिसका परिणाम ये रहा कि कोरोना के समय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों में कार्य करने वाले 1.5 करोड़ नौकरियों को बचाने में मदद मिली। इसी तरह, वैश्विक स्मार्ट पैकेजिंग बाजार के 2027 तक 43.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है। दक्षिण एशिया में, 2031 के अंत तक भारत की बाजार हिस्सेदारी लगभग 45 प्रतिशत होगी।भारत में खाद्य और पेय उद्योग के बीच क्यूआर कोड को अपनाने के साथ-साथ स्मार्ट और कनेक्टेड पैकेजिंग की बढ़ती मांग देश में बुद्धिमान पैकेजिंग बाजार के लिए कई विकास अवसर पैदा करेगी।
    राज्यपाल ने कहा कि हमारा खाद्य क्षेत्र भी केवल क्यूआर कोड को स्कैन करके उत्पाद जानकारी प्रदान करने के साथ-साथ ग्राहक जुड़ाव सुनिश्चित करने के लिए कनेक्टेड पैकेजिंग को अपना रहा है। उन्होंने कहा कि मुद्रित इलेक्ट्रॉनिक्स और स्मार्ट पैकेजिंग एक प्रौद्योगिकी संचालित क्षेत्र है। मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि भारत सरकार पात्र उद्योग संघों को दुनिया भर से सर्वोत्तम तकनीकी प्रथाओं को समझने और अपनाने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करती है। इस दौरान राज्यपाल ने संबंधित विषय पर रचित पुस्तक इंप्रिंट ऑफ ए प्रिंटर का भी विमोचन किया।
    इस मौके पर डीसीआरयूएसटी के कुलपति प्रोफेसर राजेन्द्र कुमार अनायत ने कहा कि एक सब्सट्रेट पर कागज पर स्याही जोड़ने की तकनीक के रूप में छपाई का काम पहले ही खत्म हो चुका है। अब, वैज्ञानिक बेहतर मूल्य संस्करणों की तलाश में हैं। अधिकांश इलेक्ट्रॉनिक्स और डिजिटल सिस्टम का भविष्य प्रिंटेड इलेक्ट्रॉनिक्स के माध्यम से होगा। नैनो साइंस ने हमें लगभग सभी सामग्रियों को नीचे लाने में मदद की है और जिन्हें चुनिंदा सब्सट्रेट पर नियंत्रित तरीके से जमा किया जा सकता है। तो इस तरह हर उत्पादन की लागत बहुत कम होगी शायद अगले 5 वर्षों में आप एक मोबाइल फोन को एक विजिटिंग कार्ड की तरह देख सकते हैं जो एक कागज पर छपा होगा और यह पुन: प्रयोज्य और टिकाऊ है। प्रिन्टेड इलेक्ट्रॉनिक्स गैजेट्स और पैच का उपयोग चिकित्सा उपयोगों के लिए भी किया जाता है, यहां तक कि रोगी की स्थिति और इसी तरह के अनुप्रयोगों को जानने के लिए भी। इसलिए प्रिंटेड इलेक्ट्रॉनिक्स इलेक्ट्रॉनिक्स कई नैनो स्केल अनुप्रयोगों को अपने हाथ में लेने जा रहा है। तो यह अधिक पुनर्गठित, पुनर्निर्मित है और यह आने वाले समय में इंजीनियरिंग और ब्रह्मांड के विकास में एक बहुत बड़ी भूमिका निभाने जा रहा है।
    इस मौके पर राई हलका विधायक मोहनलाल बड़ौली ने विशेष उपस्थिति दर्ज करवाते हुए अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के सफल आयोजन की बधाई दी। इस दौरान इंटरनेशनल रिलेशन ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ मास्टर प्रिंटर एसोसिएशन के चेयरमैन प्रो० कमल चोपड़ा ने कहा कि दीनबंधू छोटूराम ने देश में शिक्षा के क्षेत्र में विशेष अलख जगाई।

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    राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय डीसीआरयूएसटी मुरथल में मुद्रित इलेक्ट्रॉनिक्स और स्मार्ट पैकेजिंग विषय पर आयोजित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए

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