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    राजभवन में विजय दिवस के स्वर्ण जयंती अवसर पर आयोजित ‘‘एक शाम शहीदों के नाम’’ समारोह

    Publish Date: दिसम्बर 16, 2021
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    चण्डीगढ़, 16 दिसंबर – सन् 1971 के भारत-पाक युद्ध में पाकिस्तान के दांत खट्टे कर बांग्लादेश को आजाद करवाने वाले वीर सपूतों के अदम्य साहस को भारत कभी नहीं भूलेगा। यह बात हरियाणा के राज्यपाल श्री बंडारु दत्तात्रेय ने आज राजभवन में विजय दिवस की 50वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित ‘‘एक शाम शहीदों के नाम’’ समारोह में कही। उन्होंने इस समारोह में 1971 के युद्ध में शामिल रहे पूर्व सेना अधिकारियों को सम्मानित किया।
    उन्होंने कहा कि आज देश में आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है। साथ ही देश में विजय दिवस की 50वीं वर्षगांठ मनाई जा रही है। इन दोनों शुभ पर्वों की देश व प्रदेश की जनता को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी।
    श्री दत्तात्रेय ने कहा कि आज से 50 साल पहले भारतीय सेना ने फील्ड मार्शल जनरल सैम मानेकशाह के नेतृत्व में पाकिस्तानी सेना को मात्र 13 दिन के युद्ध में आत्मसमर्पण करने पर मजबूर कर दिया था और पाकिस्तान का गुरूर चूर-चूर किया था। 16 दिसम्बर 1971 को पाकिस्तानी सेना के जनरल ए.ए.के. नियाजी ने 93000 सैनिकों के साथ लैफिटनैंट जनरल जगजीत सिंह अरोड़ा के सामने सरैंडर किया।
    राज्यपाल श्री दत्तात्रेय ने कहा कि केन्द्र सरकार के साथ-साथ राज्य सरकारें शहीदों के परिवारों व स्वतंत्रता सैनानियों को तथा उनके आश्रितों को अनेक सुविधाएं प्रदान कर रही हैं। केन्द्र सरकार ने रक्षा पेंशन की मंजूरी और वितरण के स्वचालन के लिए एक एकीकृत प्रणाली (स्पर्श) लागू की है। केन्द्र सरकार द्वारा वन पेंशन वन रैंक योजना शुरू की गई है इससे लाखों पूर्व सैनिकों को लाभ हुआ है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने भारतीय सेना को अत्याधुनिक राफेल फाइटर जेट, एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम, ब्राहमोस मिसाईल उपलब्ध करवाया है। इसके साथ-साथ बहुत ही आधुनिक हाइपरसोनिक मिसाइल भी विकसित होने की बहुत ही एडवांस स्टेज में हैं।
    उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में स्वदेशी डिफेंस इंडस्ट्री का आधुनिकीकरण किया गया है। प्रधानमंत्री जी ने देश में पहली बार तीनों सेनाओं के समन्वय के लिए चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ का पद सृजित किया। इस पद पर पहली बार जनरल बिपिन रावत की नियुक्ति की गई। जनरल रावत ने सेना के आधुनिकीकरण और सामरिक क्षेत्र को मजबूती प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। जनरल रावत गत 8 दिसम्बर को हेलिकॉप्टर दुर्घटना में वीर गति को प्राप्त हुए।
    राज्यपाल श्री दत्तात्रेय ने कहा कि हरियाणा में सैनिक, पूर्व सैनिक व उनके परिवारों के कल्याण के लिए अलग से विभाग का गठन किया है। विभाग के माध्यम अनेक योजनाएं लागू की गई हैं। 60 वर्ष व इससे अधिक आयु के भूतपूर्व सैनिक व उनकी विरांगनाओं व भूतपूर्व सैनिकों के अनाथ बच्चों तथा 1962, 1965 व 1971 की युद्ध विधवाओं को दी जाने वाली आर्थिक सहायता 2016 से 2000 रुपये से बढ़ाकर 5000 रूपयें मासिक की गई है। इस राशि में प्रति वर्ष हरियाणा दिवस के अवसर पर 400 रुपये की वृद्धि की जाती है। उन्होंने इन योजनाओं को क्रियान्वित करने के लिए विशेष रूप से मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल जी को बधाई दी।
    इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री श्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि भारतीय थल सेना में 10 प्रतिशत, वायु सेना में 12 प्रतिशत तथा नौसेना में 16 प्रतिशत जवान हरियाणा के हैं। इसलिए हरियाणा में ऑफिसर ट्रेनिंग एकेडमी बनाने की आवश्यकता है। इस पर इस साल प्रभावी कार्य किया जाएगा।
    इस कार्यक्रम में पूर्व सेना अध्यक्ष श्री वी.पी. मलिक व कर्नल श्री एस.एस. कालिया ने भी अपने 1971 के भारत पाक युद्ध के अनुभव साझा किए।
    इस अवसर पर श्री ज्ञानचंद गुप्ता, विधानसभा अध्यक्ष, श्री कंवर पाल, शिक्षा मंत्री हरियाणा, श्री मूलचंद शर्मा जी, परिवहन मंत्री, श्री रणजीत सिंह, बिजली मंत्री, श्री बनवारी लाल, सहकारिता मंत्री, श्री रणबीर गंगवा, उपाध्यक्ष हरियाणा विधानसभा, श्री अनूप धानक, पुरातत्व एवं संग्रहालय राज्य मंत्री, श्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा नेता प्रतिपक्ष, श्री संजीव कौशल, मुख्य सचिव हरियाणा, मुख्यमंत्री हरियाणा, श्री वीरेन्द्र सिंह कुंडू, अतिरिक्त मुख्य सचिव सैनिक एवं अर्धसैनिक कल्याण विभाग तथा पूर्व सेना अधिकारियों सहित गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
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