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    रक्तदान शिविर, गुरूग्राम

    Publish Date: अगस्त 7, 2022

    श्री निशांत कुमार यादव, उपायुक्त गुरूग्राम

    श्रीमती सुष्मा गुप्ता जी, उपाध्यक्ष, रैड क्रॉस सोसायटी, हरियाणा

    श्री मुकेश अग्रवाल, महासचिव, रैड क्रॉस सोसायटी हरियाणा

    श्रीमती सुष्मा शर्मा जी, कोषाध्यक्ष, रैड क्रॉस सोसायटी, हरियाणा

    डा आर.सी गर्ग, प्रधानाचार्य, राजकीय कन्या महाविद्यालय, गुरूग्राम

    उपस्थित अधिकारीगण, भाईयों व बहनों तथा मीडिया बन्धुओं!

    सबसे पहले मैं आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष में अयोजित रक्तदान शिविर के लिए आयोजकों को हार्दिक बधाई देता हूँ और साथ ही रक्तदाताओं को भी शुभकामनाएं देता हूँ।
    देश में इस वर्ष आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है, जो देशवासियों के लिए बहुत ही गर्व का विषय है। इस वर्ष देश-विदेश में आजादी की घटनाओं व समाजिक कार्यों से जुड़े कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे है। मार्च 2021 से 15 अगस्त 2023 तक यह अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है।
    अब तक भारत सहित विश्व के एक सौ पचास (150) देशों में पचपन हजार (55000) से भी अधिक कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं। प्रतिदिन 109 से अधिक राष्ट्रीय स्तर के कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। पिछले 16 माह में आजादी के अमृत महोत्सव में ऐसी पहल का रूप ले लिया है जो भारत की जनता की महत्वकांक्षाओं और आशाओं से उर्जा और मार्गदर्शन प्राप्त करती है। युवाओं को चाहिए कि वे इन कार्यक्रमों में ज्यादा से ज्यादा संख्या में जुड़े।
    कहा जाता है कि स्वास्थ्य ही जीवन है क्योंकि अच्छा स्वास्थ्य ही खुशहाल जीवन का आधार है। रक्तदान को अच्छे स्वास्थ्य के लिए बहुत ही उत्तम प्रक्रिया माना गया है। रक्तदान से व्यक्ति जहां दूसरे जरूरतमंद व्यक्ति को जीवन प्रदान करता है वहीं रक्तदाता स्वयं भी अनेक प्रकार की गम्भीर बीमारियों से सुरक्षित रहता है।
    भारतवर्ष एक समृद्ध संस्कृति को संजोए हुए है। यहां परोपकार, जनसेवा, राष्ट्र सेवा तथा देश प्रेम की भावना प्राचीन काल से ही हर व्यक्ति के अन्दर कूट-कूट कर भरी हुई है। इन्हीं भावनाओं से ओत-प्रोत होकर देश और प्रदेश में रक्तदान के क्षेत्र का विस्तार हुआ है।
    भाईयों और बहनों !
    भारतीय इतिहास दानी वीरों से भरा पड़ा है। महर्षि दधीचि जिन्होंने मानव कल्याण के लिए अपनी अस्थियों (हड्डियों) तक का दान कर दिया था। देवताओं के मुख से यह जानकर कि केवल दधीचि की अस्थियों से बनाए गए धनुष से ही असुरों का संहार किया जा सकता है, यह सुनकर महर्षि दधीचि ने अपना शरीर त्याग कर अस्थियों का दान कर दिया था। देवताओं ने महर्षि दधीचि की हड्डियों का धनुष बनाकर वृत्रासुर राक्षस का वध किया। आज भी देश के लोगों में वही भावना है और रक्तदान के मामले में विशेष कर युवा बढ़-चढ़ कर भाग लेते हैं।
    आज देश में तीन हजार तीन सौ बाईस (3322) ब्लड बैंक है। इनके माध्यम से रोगी व्यक्ति की रक्त सम्बन्धी जरूरतें पूरी की जा रही हैं।
    कारोना के चलते जब रोगियों को प्लेटलैट्स, प्लाज्मा और लाल रक्त कौशिकाओं की जरूरत पड़ी तो हमारे युवाओं ने आगे बढ़कर रक्तदान किया परिणामस्वरूप किसी भी कोरोना पीड़ित व्यक्ति की रक्त की कमी से मृत्यु नहीं हुई।
    हरियाणा को वीर भूमि के नाम से जाना जाता है। भारत की तीनों सेनाओं एवं सुरक्षा बलों में यहां के सबसे अधिक जवान देश की सेवा कर रहे हैं। इसलिए हमारे प्रदेश के युवाओं को रक्तदान जैसे महान कार्यों में बढ़-चढ़ कर भाग लेने की जिम्मेवारी और अधिक बढ़ जाती है।
    आज विज्ञान ने हर क्षेत्र में उन्नति की है। परन्तु रक्त का निर्माण किसी भी प्रयोगशाला में नहीं हो सकता। रक्त का निर्माण मनुष्य के शरीर में ही होता है, इसलिए हमंे बढ़-चढ़ कर रक्त दान करना चाहिए ताकि जरूरतमंदों का जीवन बचाया जा सके।
    मानव सेवा के लिए रक्त दान, नेत्रदान, देहदान व आर्थिक रूप से दान करने के कार्यो में हमारी सरकारीध् गैर सरकारी, सामाजिक संस्थाएं हमेशा से आगे रही हैं। ये सभी संस्थाएं सरकार के कार्यक्रमों को आगे बढ़ाने में सदैव आगे रहती है।
    केन्द्र व हरियाणा सरकार के सी.एस.आर. व अन्य योजनाओं के तहत समाज में गरीबों, वंचितों, पिछड़ों का जीवन स्तर उठाने के लिए कई कार्यक्रम बनाए हैं। हरियाणा सरकार ने सामाजिक क्षेत्र की योजनाओं व कार्यक्रमों पर वर्ष 2022-23 में तेरह (13) हजार करोड़ रूपए से भी अधिक की राशि का प्रावधान किया है।
    मेरी सभी युवाओं से अपील है कि वे सरकार की नीतियों, योजनाओं व कार्यक्रमों का लाभ उठाकर समाज से कुरितियों को उखाड़ फैकने में काम करें। युवा शक्ति ही दहेज, मद्यपान, नशे के खिलाफ प्रभावी अभियान चला सकती है। हमारे देश की पैंसठ (65) प्रतिशत जनता युवा है और वे राष्ट्र को अतुल्य भारत बनाने में सक्षम है।
    मेरी सभी सरकारी/गैर-सरकारी सामाजिक व धार्मिक संस्थाओं से भी अपील है कि वे युवाओं को संस्थाओं से जोडं़े। विशेष रूप से एन.सी.सी. स्काउट्स, रैडक्रास व अन्य संस्थाओं से जोड़ कर राष्ट्र व समाज कल्याण के कार्यों में युवा शक्ति का उपयोग करें और समय-समय पर नशा मुक्ति, दहेज विरोधी और समाज में फैली अन्य कुरितियों के उन्मूलन के लिए अभियान चलाएं।
    आज के इस रक्तदान के कार्यक्रम में मैं सभी रक्तदाताओं को स्नेहपूर्ण आशिर्वाद देता हूं। इसके साथ ही युवाओं से आहवान करता हूं कि वे स्वैच्छिक रक्तदान करें और इसके लिए अन्य लोगों को भी जागरूक करें। इसलिए रक्तदान को अपनाएं, दूसरों की जान बचाएं।
    जय हिन्द-जय हरियाणा!