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    योग हमारी भारत की प्राचीन परम्परा का एक अमूल्य उपहार है -राज्यपाल

    Publish Date: जून 21, 2023

    चंडीगढ़ 21 जूनः- योग हमारी भारत की प्राचीन परम्परा का एक अमूल्य उपहार है तथा यह दिल दिमाग और शरीर को एकता के सूत्र में पीरोता है और हमारे अंदर अनुशासन की भावना पैदा करता है। योग करने से मनुष्य न केवल शारीरिक तौर पर स्वस्थ रहता है बल्कि मन और आत्मा से भी स्वस्थ रहता है। आज घर-घर में योग को स्वैच्छा से अपनाया गया है, जोकि एक अच्छा प्रयास है।
    हरियाणा के राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय ने यह उद्गार आज हरियाणा राजभवन में आयोजित 9वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस-2023 समारोह के पावन अवसर पर सभी प्रदेशवासियों को हार्दिक मुबारकबाद एवं शुभकामनाएं देते हुए प्रकट किए।

    इस अवसर पर राज्यपाल हरियाणा के सचिव श्री अतुल द्विवेदी, एडीसी टू गवर्नर स्क्वाड्रन लीडर श्री मोहन कृष्णा पी, संयुक्त सचिव श्री अमरजीत सिंह, ओएसडी श्री बखविंदर सिंह व अन्य अधिकारीगण/कर्मचारीगण भी उपस्थित थे। उन्होंने कहा कि आज 21 जून के दिन यह योग दिवस हरियाणा राज्य सहित पूरे देश और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मनाया जा रहा है, जोकि भारत के लिए गर्व की बात है। श्री दत्तात्रेय ने हरियाणा राजभवन में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस-2023 समारोह में स्वयं भी व्यावहारिक रूप से योग किया तथा उनके साथ समारोह में आए अन्य लोगों ने भी विभिन्न मुद्राओं में योगाभास किया।

    श्री बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की सबसे बड़ी महत्वता और उल्लेखनीय बात यह है कि हमारे भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज अमेरीका की धरती न्यूयार्क में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया तथा उन्होंने इस अवसर पर वहां से अपना महत्वपूर्ण संदेश देश और दुनिया को दिया। उन्होंने कहा कि मैं उनका अभिनंदन करता हूं और उन्हें भारत की अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एक अलग पहचान बनाने के लिए उन्हें हार्दिक मुबारकबाद प्रदान करता हूं।

    उन्होंने कहा कि पहली बार 21 जून, 2015 को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया, जिसकी पहल हमारे भारत के यशस्वी एवं ओजस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने 27 सितम्बर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने ओजस्वी एवं प्रेरणादायक भाषण से की थी। जिसके बाद 11 दिसम्बर 2014 को संयुक्त राष्ट्र के 170 सदस्यों द्वारा 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस को मनाने के प्रस्ताव को मंजूरी मिली और प्रधानमंत्री मोदी जी के इस प्रस्ताव को 90 दिन के अन्दर पूर्ण बहुमत से पारित किया गया, जो संयुक्त राष्ट्र संघ में किसी दिवस प्रस्ताव के लिए सबसे कम समय की अवधि है।

    श्री बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में योग भारत की एक प्राचीन सफल विद्या है तथा स्वस्थ जीवन जीने की एक शानदार कला है। योग के माध्यम से ही व्यक्ति स्वयं को अध्यात्मिकता से जोड़कर जीवन में ज्ञान की ज्योति प्रज्जवलित करके आगे बढ़ सकता है। आज के भौतिकवाद के इस युग में योग को जीवन मे अपनाकर ही हम सब जीवन की हर प्रकार की चुनौतियों पर सफलता प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने विशेषकर शिक्षण संस्थानों में शिक्षा ग्रहण कर रहे छात्र-छात्राओं का आह्वान किया कि वे शिक्षा के साथ-साथ अपने जीवन में योग को अपनायें।