Close

    ‘मन की बात‘ कार्यक्रम, राजभवन

    Publish Date: अप्रैल 30, 2023

    उपस्थित अधिकारीगण, मन की बात कार्यक्रम के प्रतिभागीगण, महानुभावों। आप सभी का मन की बात कार्यक्रम में स्वागत है।
    मैं मन की बात के प्रतिभागियों श्री सुनील जागलान जी, सुश्री रजनी जी, श्री प्रशांत सिंह कन्हैया जी, श्री संदीप कुमार जी, श्री वीरेंद्र यादव जी, श्री लछमन दास जी, श्री सुभाष कांबोज जी, श्री पवन सैनी जी, सुश्री तनु मलिक जी को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं देता हूं।
    हमारे हरियाणा प्रदेश के लिए बड़े गौरव की बात है कि आज के मन की बात कार्यक्रम में प्रधानमंत्री जी ने हरियाणा के जिला जींद के गांव बीबीपुर के पूर्व सरपंच श्री सुनील जागलान द्वारा शुरू किए गए Selfie With Daughter अभियान का विशेष तौर पर जिक्र किया। ऐसे ही अनेकों प्रयासों का परिणाम है कि आज हरियाणा प्रदेश के लिंगानुपात में सुधार आया है।
    आदरणीय श्रोतागणों!
    भारत जैसे अदुभूत सांस्कृतिक राष्ट्र के संचालन के लिए जन मानस के साथ नियमित अंतराल में सम सामयिक विषयों पर संवाद करने वाले सक्षम नेतृत्व की बहुत अधिक आवश्यकता है। केवल दूरदृष्टि और समानुभूति वाला नेतृत्व ही जन मानस के मन को समझकर उन्हें अपनी बात भी समझा सकता है।
    प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी सही अर्थों में समानुभूति रखने वाले सम्पूर्ण व्यक्ति हैं। वे राष्ट्र के पुनर्निर्माण के लिए कृत-संकल्पित हैं। वर्ष 2014 में दायित्व को संभालते ही उन्होंने जनता के प्रति किए वायदों पर अमल शुरू किया। 3 अक्तूबर 2014 को जनमानस से सीधे संवाद हेतु ‘मन की बात‘ कार्यक्रम की शुरूआत की जिसका रेडियो प्रसारण रविवार को प्रातः 11 बजे होता है। इसी महीने कार्यक्रम में सौ एपिसोड पूर्ण हो जाएंगे।
    प्रधानमंत्री जी ने ‘मन की बात‘ के प्रथम एपिसोड में ही बुराई पर अच्छाई की विजय की बात की। अब तक वह जनमानस से स्वच्छ भारत, एक भारत-श्रेष्ठ भारत, परीक्षा पे चर्चा, जल संरक्षण, पर्यावरण संरक्षण, स्टार्टअप इंडिया, मेक इन इंडिया, फिट इंडिया, बेटी बचाओ-बेटी पढाओ, स्वस्थ भारत, कोविड सुरक्षा के अंतर्गत-कोविड वरियर, नर्सों और पुलिस के सहयोग, महामारी के समय एकजुटता आदि के साथ, योग, गीत, संगीत, म्यूजिक इन्स्ट्रूमेंट से दोस्ती, किताब के प्रति प्रेम, स्थानीय कलाओं और देसज कारीगरों को पहचान और ब्रांड की कीमत, ऐसे अनेक विषय हैं जिस पर प्रधानमंत्री ने अब तक के अपने 99 एपिसोड में परिचर्चा की।
    उन्होंने हर घर तिरंगा, खेलो-इंडिया हो या भारतीय सेना के जवानों को सम्मान देने की बात पर हमेशा बल दिया। अमृत महोत्सव के समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह कोशिश की कि वे अपने अमर शहीदों के लिए सम्मान प्रकट करें। बाबू सुभाष चन्द्र बोस, भगत सिंह, सरदार पटेल, गुरू गोविंद सिंह, भगवान बिरसा मुंडा जैसे नायकों को मन की बात में भरपूर सम्मान मिला और वे जन-जन की जुबान पर अपनी शान के साथ स्मरण किए गए। बच्चों को अपने जन-नायकों, आज़ादी के नायकों के बारे में जानने के लिए उन्होंने आह्वान किया और साथ ही यह संदेश दिया कि वे उनके बारे में ज्यादा से ज्यादा पढ़ें, लिखें और उन युवाओं के लिए प्रेरणा के स्रोत बनें जो अपने जीवन में सर्जनात्मक कार्य करके अपनी एक अलग पहचान बनाना चाहते हैं।
    मन की बात कार्यक्रम में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कुछ अत्यंत महत्वपूर्ण पहलुओं पर जन मानस को जागृत करने का कार्य भी किया।
    ‘आत्मनिर्भर भारत की संकल्पना‘ के लिए मन की बात में उन्होंने विश्वास दिलाया कि जनता के इस प्रयास में सरकार उनके साथ है। उद्योग लगाने हेतु तमाम बाध्यताओं एवं अड़चनों को उन्होंने दूर किया। परिणामस्वरूप देश आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर है। उनका ‘वोकल फार लोकल‘ का उद्बोध भारत को आत्मनिर्भर बनाना है। इसमें स्थानीय उत्पादों एवं व्यवसायों को बढ़ाने का प्रण है।
    21वीं सदी ‘तकनीकी दक्षता‘ की है। मोदी युवाओं को प्रेरित करने हेतु ‘मन की बात‘ कहते हैं कि हमें तकनीकी विकास पर जोर देना है। युवा चाह लें तो तकनीकी क्षेत्र में हम शीर्ष पर पहुंच सकते हैं। इसको फलीभूत करने हेतु 2023 के बजट में कई प्रावधान हैं जैसे कोडिंग, आर्टीफिशियल इंटेलीजेंस, रोबोटिक्स, मैक्ट्रॉनिक्स, इंटरनैट आफ थिंग्स एवं 3-डी प्रिंटिंग, ड्रोन आदि तकनीकी विषयों में युवाओं का कौशल विकास।
    ‘प्रतिभा परिश्रम‘ को प्रोत्साहन ‘मन की बात‘ को विशेष बनाता है। इसमें प्रधानमंत्री जी देश में सराहनीय कार्य करने वालों को चिन्हित कर उनका परिचय देशवासियों से करवाते हैं। इनमें से कई लोगों को पद्म पुरस्कारों से भी सम्मानित किया गया है।
    अंग्रेजों ने सदियों से संचालित सर्वसमावेशी शिक्षा व्यवस्था में हस्तक्षेप करके व्यक्तित्व विकास, चरित्र निर्माण एवं कौशलयुक्त गुरुकुल शिक्षा व्यवस्था को तहस-नहस किया। मैकालियन शिक्षा प्रणाली से मुक्ति पाने हेतु छात्र एवं भारत केंद्रित राष्ट्रीय-शिक्षा नीति 2020 लाई गई। प्रधानमंत्री ने विश्वास दिलाया कि यह शिक्षा नीति भारत को पुनः विश्वगुरु बनाएगी। इसके सफल क्रियान्वयन से युवाओं हेतु वैश्विक स्तर की असीमित संभावनाएं बनेंगी।
    आज के कार्यक्रम में प्रधानमंत्री जी ने देश में घरेलू पर्यटन के विकास के बारे में चर्चा की। जैसा कि उन्होंने बताया कि हमें विदेशों में पर्यटन करने से पहले कम-से-कम पन्द्रह घरेलू पर्यटक स्थलों पर जरूर जाना चाहिए। इस क्षेत्र में थोड़े निवेश से अधिक रोजगार के अवसर उत्पन्न होंगें।
    प्रधानमंत्री जी ने मन की बात कार्यक्रम से देश के दूर दराज ग्रामीण क्षेत्रों में समाज सेवा के लिए निस्वार्थ भाव से उल्लेखनीय सेवा करने वाले अनेकों बेनाम कर्मठ समाज सेवियों को अपनी आवाज दी। इस प्रकार उन्होंने जन सामान्य को समाज सेवा के प्रति प्रेरित किया।
    स्पष्ट है कि प्रधानमंत्री मोदी ‘लोकतंत्र‘ जिसका आशय ऐसी व्यवस्था निर्मित करना है जो ‘जनता की, जनता द्वारा एवं जनता हेतु हो‘ को स्थापित करने में तन्मय हैं। भारत जैसे जनसंख्या बहुल विविधतापूर्ण, आकांक्षाओं से परिपूर्ण देश में संवाद अत्यधिक प्रासंगिक है। प्रधानमंत्री जी लगातार देशवासियों को ‘सामाजिक समरसता का संकल्प‘ दिलाते हैं।
    इससे सम्पूर्ण भारत सामंजस्यपूर्ण वातावरण में निश्चित दिशा में आगे बढ़ेगा। ‘मन की बात‘ में ऐसे विषय होते हैं जो सीधे जन सरोकारों से संबद्ध हैं। इसके जरिए मोदी देश को पूरब से पश्चिम एवं उत्तर से दक्षिण तक जोड़ रहे हैं। राजनीति से ऊपर उठकर इसे प्रधानमंत्री की राष्ट्रहित की संकल्पना मानकर जनमानस अपनी भागीदारी सुनिश्चित कर इसे ऐतिहासिक बनाएं।
    जय हिन्द!