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    ब्रह्माकुमारी द्वारा आयोजित कार्यक्रम में 9 फरवरी 2023 को गुरूग्राम में दिए जाने वाले भाषण का प्रारूप

    Publish Date: फ़रवरी 9, 2023

    ब्रह्माकुमारी द्वारा आयोजित कार्यक्रम में 9 फरवरी 2023 को गुरूग्राम में दिए जाने वाले
    भाषण का प्रारूप
    भारत की महामहिम राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी,
    हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल जी,
    ब्रह्माकुमारीज संस्था की अतिरिक्त प्रमुख राजयोगिनी बहन मोहिनी जी,
    ब्रह्माकुमारीज संस्था के अतिरिक्त महासचिव राजयोगी बी. के. बृज मोहन जी,
    ब्रह्माकुमारीज महिला विंग की चेयरपर्सन राजयोगिनी बी. के. चक्रधारी जी,
    केन्द्रीय मंत्री राव इन्द्रजीत सिंह जी,
    ब्रह्माकुमारीज सिस्टर बी. के. शिवानी जी,
    राजयोगिनी बी. के. आशा जी।

    ब्रह्माकुमारी संस्था के पदाधिकारीगण, इस कार्यक्रम में उपस्थित बहनों व भाइयों, पत्रकार एवं छायाकार बंधुओं तथा प्रिय बच्चों।

    ओ३म शांति-
    ब्रह्माकुमारीज बहनों द्वारा आयोजित इस सुन्दर एवं प्रेरणादायक कार्यक्रम में पहंुचकर मुझे अति प्रसन्नता हो रही है। यह मेरा सौभाग्य है कि मुझे इस सुंदर परिसर में आपका सानिध्य प्राप्त हुआ है। इसके लिए आप सभी का आभार व्यक्त करता हूं और इस सुन्दर आयोजन के लिए बधाई देता हूं।
    मैं, महामहिम राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी का भी कृतज्ञ हूं और हम आपके आगमन से अति उत्साहित हैं। हरियाणा की धरती पर पहुंचने पर मैं आपका हार्दिक अभिनन्दन एवं स्वागत करता हूं।
    यह हर्ष का विषय है कि आपकी यह संस्था प्रजापति ब्रह्माकुमारीज ईश्वरीय विश्वविद्यालय एक महिला प्रधान संस्था हैं। दुनिया के अनेक देशों में भारत की प्राचीन सभ्यता, संस्कृति और विचारों को फैलाने में आपका महत्वपूर्ण योगदान रहा है। आपके इस भागीरथी प्रयास से लोगों को शांति और समृद्ध जीवन जीने की कला समझने का अवसर मिल रहा है।
    आप द्वारा आयोजित यह राष्ट्रीय सेमिनार महिलाओं के लिए वास्तव में मूल्यनिष्ठ समाज की नींव बनने में सहायक होगा, जोकि वर्तमान समय में बहुत ही प्रासंगिक है। इस प्रकार के आयोजन देशभर में करने का आपका संकल्प सराहनीय है।
    आज समाज में नैतिक मूल्यों की स्थापना और सुधार में महिलाओं की भूमिका अहम् है। हमारे शास्त्रों में तो नारी को देवी का स्वरूप माना है, इस पर कहा गया है कि..
    यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते, रमन्ते तत्र देवताः
    जहां नारी का सम्मान होता है, वहां देवता निवास करते हैं। माता-बहनों का त्याग, तपस्या, संयम और सर्म्पणभाव अतुलनीय है, उसकी जितनी प्रसंशा की जाए कम है। उनके इन गुणों में यदि समाज सुधार की भावना समाहित हो जाए तो सोने पर सुहागे का कार्य होगा।
    मुझे गर्व है कि हमारी महामहिम राष्ट्रपति महोदया भी ऐसे ही आदर्शों की प्रतिमूर्ति हैं। आपका सम्पूर्ण जीवन भी एक तपस्या का स्वरूप रहा है। आपकी निःस्वार्थ समाज सेवा और लगन से ही आज आप इस मुकाम तक पहुंची हैं। आपके जीवन से हमें शिक्षा ग्रहण करनी चाहिए।
    आज महिलाओं को शिक्षित और स्वावलम्बी होने की आवश्यकता हैं। केन्द्र एवं हरियाणा सरकार इस दिशा में प्रयासरत हैं। इसके फलस्वरूप आज देश की बेटियां अध्यापक व चिकित्सक से लेकर सेना में बड़े पदों पर आसीन हैं। हाल ही में शिवांगी सिंह ने भारत की पहली महिला राफेल पायलट बनकर देश का नाम रोशन किया है।
    भारत और भारतीय संस्कृति बहुत पुरातन है। विश्व ने संस्कृति और सभ्यता का पाठ भारत से ही सीखा है। हमारे देश में सीता, अनसूईया, मदालसा, मैत्री, गार्गी जैसी विद्वान माताओं ने जहां अध्यात्म का पाठ पढ़ाया, वहीं झांसी की रानी लक्ष्मीबाई ने समय आने पर युद्ध के मैदान में अपना जौहर भी दिखाया है।
    परन्तु आज की युवा पीढ़ी पाश्चात्य विचारों से प्रेरित होकर नशा, दुराचार और अनेक वासनाओं के मक्कड जाल में फंस रही है। इसलिए इन नकारात्मक भावों को त्याग कर उन्हें सदाचार, सादगी और संतोष जैसे सकारात्मक विचारों को अपनाने की आवश्कता है।
    मैं समझता हूं कि ब्रह्माकुमारीज संस्था इन्हीं मूल्यों और आदर्शों से एक मूल्यनिष्ठ समाज का निर्माण कर रही हैं। इसके लिए मैं अपनी बहनों को बहुत-बहुत साधुवाद देता हूं।
    इसके साथ ही मैं महामहिम राष्ट्रपति महोदया का पुनः अभिनन्दन करता हूं। इस कार्यक्रम में स्नेह आमन्त्रण पर भी मैं आपका धन्यवाद करता हैं।
    आप सभी धन्यवाद।

    जयहिन्द।

    ओ३म शांति