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    प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, घासेड़ा का निरिक्षण तथा स्वास्थ्य लाभ पाने वाले रोगियों से संवाद

    Publish Date: जून 13, 2023

    मुझे प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, घासेड़ा में आने से पहले सबसे ज्यादा खुशी इस बात की है कि मैं आज आजादी के परवानों की कुर्बानियों से विख्यात मेवात के एतिहासिक गांव घासेड़ा में आने का सौभाग्य मिला है।
    गांव घासेड़ा के जाब़ाज, बहादुर, देश भक्त लोगों ने अंग्रेजी हुकुमत की खिलाफत करके स्वतंत्रता संग्राम में भाग लिया जिसमें एतिहासिक गांव घासेड़ा के काफी लोग शहीद हुए थे। इसीलिए इस पावन पवित्र धरती को शहीदों की जन्मभूमि भी कहा जाता है।
    सन् उन्नीस सौ सैतालीस में भारत-पाकिस्तान के बटवारे के समय मेवात क्षेत्र के लोग जब पाकिस्तान जा रहे थे तब राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी यहां गांव घासेड़ा में आए थे और लोगों को पाकिस्तान जाने से रोका था। इसीलिए इस गांव को गांधी ग्राम घासेड़ा भी कहा जाता है।
    मैं इस पावन धरती को तथा आजादी के उन सभी महान शहीदों को नमन करता हूं और उन्हें अपनी तथा हरियाणा सरकार की ओर से भावभीनी श्रद्धंजलि अर्पित करता हूं तथा सभी स्वतंत्रता सेनानियों को भी मैं नत मस्तक होकर उन्हें नमन करता हूं तथा उनके सुखमय मंगलमय स्वस्थ जीवन की कामना करता हूं।
    मैं इस गांव के युवाओं को एक बात कहना चाहूंगा कि आप अपने अमर शहीद हुए परिवार के बुजूर्गों की देश भक्ति और कुर्बानियों से सीख लेकर अपने अंदर देश भक्ति का जज्बा पैदा करें तथा अपने आप को एक सामर्थ सभ्य शिक्षित नागरिक बनाकर राष्ट्र के निर्माण में योगदान देने के लिए आगे आएं।
    मेरा गांव के प्राथमिक स्वास्थय केन्द्र में आने का मुख्य उद्देश्य यह रहा है कि मैं राज्य का मुखिया होने के फलस्वरूप यह सुनिश्चित कर सकूं कि हरियाणा सरकार ने जो स्वास्थ्य सेवाएं व योजनाएं लागू की हैं उनका लाभ प्रदेश की जनता को उचित समय और पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हो रहा है।
    यह हम सब के लिए बेहद खुशी की बात है कि इस एतिहासिक गांव में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के साथ-साथ राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक कन्या एवं बाल विद्यालय, राजकीय कन्या एवं बाल माध्यमिक विद्यालय, राजकीय प्राथमिक कन्या एवं बाल पाठशाला, राजकीय पशुचिकित्सालय, गुडगांवा कोपरेटिव बैंक, सर्व हरियाणा ग्रामीण बैंक जैसी सभी सरकारी सुविधाएं उपलब्ध हैं जोकि हमारे सर्वांगीण विकास और प्रगति में सहायक हैं।
    इस प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र की स्थापना वर्ष उन्नीस सौ पचासी में हुई थी और इस केन्द्र के माध्यम से इस इलाके के सताईस गांव के लगभग सत्तर हजार ग्रामीणों को अपनी स्वास्थ सेवाएं प्रदान की जा रही है।
    जय हिन्द!