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    प्रथम दीक्षंात समारोह, पलवल

    Publish Date: अप्रैल 15, 2023

    डा0 पुनीत गोयल जी, चैयरमेन, Advance Institute of Technology and Management, Palwal

    डा0 पूनम गोयल जी, चैयरपर्सन, Advance Institute of Technology and Management, Palwal

    डा0 रणपाल सिंह जी, कुलपति, चौ0 रणबीर सिंह विश्वविद्यालय, जींद

    प्रो0 एस.के. तोमर जी, जे.सी बोस विज्ञान एवं तकनीकी विश्वविद्यालय, फरीदाबाद

    प्रो0 अनीता सक्सेना, कुलपति, पंडित बी.डी शर्मा स्वास्थ्य एवं विज्ञान विश्वविद्यालय, रोहतक

    उपस्थित सभी गणमान्य अतिथिगण, अभिभावकगण, शिक्षकों, विद्यार्थियों व मीडिया के बंधुओं!

    आज Advance Institute of Technology and Management के दीक्षांत समारोह मंे आप सबके बीच आकर मुझे हार्दिक खुशी का अनुभव हो रहा है। इस अवसर पर सर्वप्रथम मैं आज के समारोह में उपाधि प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को हार्दिक बधाई देता हूं।
    मैं शिक्षकों एवं आपके माता-पिताओं को भी बधाई देना चाहूंगा, जिन्होंने आपको आज के शुभ दिन तक पहुंचाने में अपना भरपूर योगदान दिया है। निःसन्देह यह दीक्षांत समारोह आपके लिए, इस संस्थान के लिए व हम सभी के लिए गर्व का क्षण है। मुझे पूरा विश्वास है कि आप अपनी उपलब्धियों से न केवल अपना बल्कि इस संस्थान का नाम रोशन करेंगे।
    इस संस्थान के चैयरमैन डा0 पुनीत गोयल तथा डा0 पूनम गोयल उच्च शिक्षा के प्रसार में गत बीस वर्षों से अपना योगदान दे रहे हैं। हिसार में भी वे ओम स्टर्लिंग ग्लोबल विश्वविद्यालय के कुलाधिपति तथा प्रतिकुलाधिपति के रूप में कार्य कर रहे हैं।
    मुझे विदित हुआ है कि इस संस्थान की स्थापना दो हजार छः में Technology, Management तथा Education के विभिन्न पाठ्यक्रमों के साथ की गई थी। तब से लेकर आज तक यह संस्थान तकनीकी, प्रबंधन कौशल तथा अन्य क्षेत्रों में कुशल, मेधावी Engineers, Entrepreneurs और Professional समाज को प्रदान कर रहा है। इस संस्थान द्वारा आर्थिक रुप से कमजोर विद्यार्थियों के लिए निशुल्क शिक्षा तथा जरुरतमंद विद्यार्थियों को Corporate Social Responsibility के तहत छात्रवृति प्रदान की जा रही है।
    प्रिय विद्यार्थियो! आज का युग युवाओं के नाम है। किसी भी राष्ट्र की शक्ति का स्रोत उसका युवा वर्ग होता है। भारत उन चुनिंदा भाग्यशाली देशों में से एक है जिसकी सत्तर प्रतिशत आबादी युवा है। सन् दो हजार पच्चीस तक देश की तीन-चौथाई आबादी काम करने की आयु के अर्न्तगत होगी। इतनी ज्यादा युवा शक्ति जिस राष्ट्र के पास हो तो वह विकास की चरम सीमा को आसानी से पा सकता है। लेकिन इसके लिए हर युवा का तकनीकी रूप से दक्ष होना जरूरी है।
    सरकार ने कौशल विकास को राष्ट्रीय प्रमुखता माना है ताकि देश की जरूरत के अनुसार मानव संसाधन की मांग व आपूर्ति में सामंजस्य हो सके। इसीलिए सरकार ने कौशल विकास का अलग मंत्रालय बनाया है। कौशल विकास के तहत करीब चालीस करोड़ युवाओं को प्रशिक्षित किया जा रहा है।
    इस अभियान के तहत देश में ‘स्किल इंडिया’ के तालमेल के लिए पूरे देश में स्किल डेवलेपमेंट पालिसी जारी की गई है। ’प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना’ और ‘कौशल ऋण योजना’ के तहत पांच साल में चौंतीस लाख कुशल बेरोजगारों को ऋण की सुविधा प्रदान की जा रही है। इस योजना से अब व्यापारिक कंपनियां औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों, आई.टी.आई के छात्रों को दस हजार से अधिक नौकरियों की पेशकश कर चुकी हैं।
    प्रधानमंत्री की ‘मेक इन इण्डिया’ योजना का उद्देश्य देश को वैश्विक निर्माण का केन्द्र बनाना है तथा बड़े पैमाने पर रोजगार सृजित करने के अलावा व्यापार तथा आर्थिक वृद्धि को गति देना है।
    प्रिय विद्यार्थियो! वर्तमान में वैश्विक परिदृश्य निरंतर बदल रहा है। रूस व यूक्रेन युद्ध ने दुनिया में नई परिस्थितियां पैदा की हैं और विश्व को नई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। चीन और ताइवान के बीच होने वाला तनाव भी एक नई वैश्विक व्यवस्था की ओर जा रहा है, जहां विश्व शक्ति कहे जाने वाले संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोप के प्रभुत्व को नई चुनौती मिल रही है। इस तरह की परिस्थितियों से दुनिया कीSupply Chain पर गहरा असर पड़ा है।
    दुनिया के Manufacturing Hub कहे जाने वाले चीन से अमेरिका और यूरोपीय देशों की कम्पनियां चीन से अपना व्यापार समेटने की तैयारियां कर अपने उद्यम अन्यंत्र स्थापित कर रही हैं। भारत ने मजबूत नेतृत्व और संगठित विदेश नीति के बूते पर अपनी नई पहचान बनाई और वैश्विक व्यापार को अपने हित में कर लिया है। भारत की मजबूत अर्थव्यवस्था के चलते चीन से निकलने वाली कम्पनियां और यूरोप से नए निवेशक भारत पर भरोसा जताते हुए देश का रूख कर रहे हैं।

    मैं इस बात का जिक्र इसलिए कर रहा हूं कि ताकि आपको भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की दूरदर्शिता और भविष्य की सोच वाली नीतियों के बारे में पता चल सके। उन्हें बदलती परिस्थितियों को अपने पक्ष में करना बखूबी आता है और इसकी तैयारी उन्होंने कौशल विकास, स्किल इंडिया, मेक इन इंडिया के द्वारा बहुत अच्छी तरह से कर इनका क्रियान्वयन आप सभी नौजवानों के हित में किया। जितना अधिक आप प्रशिक्षित होेगें, उतना ही भारत आगे बढ़ेगा।
    हमारा देश आज एक मजबूत नेतृत्व के चलते किसी भी दबाव में न आते हुए स्वतंत्र विदेश नीति द्वारा रूस से सस्ता तेल खरीद कर मुद्रा स्फीती को पूरी तरह से नियंत्रण रखे हुए है। यूक्रेन, रूस युद्ध के चलते दुनिया को कृषि उत्पादों के अभाव का भी सामना करना पड़ रहा है। ऐसे काल में भारत ने खाद्यानों का यूरोप, खाड़ी और अफ्रीकन देशों को निर्यात कर दुनिया को न केवल भूखमरी से बचाया है बल्कि दवाओं और अन्य संसाधनों के निर्यात द्वारा अपने व्यापार में बढ़ोतरी की।
    इससे पूर्व कोरोना काल में भी भारत ने अपने दम पर घरेलू वैक्सीन कोविड शील्ड द्वारा न केवल अपने नागरिकों का टीकाकरण किया वे विश्वभर में भी इसकी आपूर्ति कर वैश्विक पटल पर कोरोना माहामारी से लोगों को बचाया और अपनी धाक जमाई।
    यह सभी परिस्थितियां भारतीय व्यापार, कृषि, उद्यमों और रोजगार के लिए बेहद अनुकूल है। ऐसी परिस्थितियों और परिदृश्यों का लाभ उठाने के लिए हमने नई शिक्षा नीति-दो हजार बीस लागू की है। ऐसे में शिक्षण संस्थानों को निरंतर अपडेट रहने की जरूरत है ताकि विद्यार्थियों को अवसर के अनुसार प्रशिक्षिण प्रदान किया जा सके।
    इन्हीं परिस्थितियों से निकली एक और समस्या की ओर भी मैं निजी शैक्षणिक संस्थानों का ध्यान दिलाना चाहूंगा कि रूस और यूक्रेन के बीच चलने वाले इस युद्ध की वजह से हमारे हजारों मेडिकल की शिक्षा प्राप्त कर रहे विद्यार्थियों को पढ़ाई बीच में छोड़कर आना पड़ा। यह हमारे लिए बड़ी चुनौती के साथ एक अवसर भी है। सरकार ने मेडिकल की पढ़ाई पर काफी ध्यान दिया है परंतु फिर भी हमे और अधिक मेडिकल संस्थानों की जरूरत है। मैं इन निजी संस्थानों से अनुरोध करता हूं कि वे भारत में मेडिकल की पढ़ाई को कम बजट में विद्यार्थियों को उपलब्ध करवाएं ताकि उन्हें इस तरह समस्या का सामना न करना पड़े।
    मुझे खुशी है कि हरियाणा में भी सरकार ने गुणात्मक शिक्षा प्रदान करने के लिए समय की मांग के अनुरूप शिक्षा पद्धति में पर्याप्त सुधार किए हैं। शिक्षण संस्थानों के मामले में हरियाणा काफी आगे है। राज्य में आज शिक्षा के त्रेसठ बड़े संस्थान और विश्वविद्यालय स्थापित हो चुके हैं जिनमंे अन्तर्राष्ट्रीय स्तर की उच्च शिक्षा प्रदान की जा रही है।
    आज हरियाणा में कला, वाणिज्य, विज्ञान, तकनीक, प्रबंधन, विधि, चिकित्सा, पशु चिकित्सा, फाइन आर्टस, फैशन व डिजाइनिंग, फिल्म व टेलीविजन, सूचना प्रौद्योगिकी आदि हर क्षेत्र में विश्व स्तरीय व्यावसायिक व रोजगारपरक शिक्षा उपलब्ध करवाने के लिए उच्च कोटि के संस्थान खुल गए हैं तथा यह सिलसिला जारी है। आपके संस्थान भी उन्हीं में शामिल हैं।
    एक सुदृढ़ शिक्षा तंत्र अपनी जड़ों से जुड़ी रहने वाली मूल्य आधारित शिक्षा व्यवस्था स्वामी विवेकानन्द, महर्षि अरबिन्द, सरदार पटेल आदि कई भारतीय महापुरुषों का स्वप्न रही है। हमें उनके स्वप्न को साकार करने की ओर हमेशा तत्पर रहना चाहिए।
    हमारी जड़ों से जुड़े रहने से उनका तात्पर्य रामायण, महाभारत और वैदिक कालीन तथा मौर्य काल के चंद्रगुप्त मौर्य, गुप्त काल के समुद्रगुप्त, चोल काल के राजेन्द्र चोल और विजयनगरम के कृष्ण देवराय जैसे मजबूत सम्राटों के नेतृत्व में हमारे देश की मजबूत सांस्कृतिक, नैतिक, आर्थिक और सामरिक बौद्धिकता से है। उस समय का भारत वैश्विक व्यापार और समस्त गतिविधियों का केन्द्र बिंदु रहा और इसी वजह से भारत को सोने की चिड़िया भी कहा जाता था। वर्तमान में भारत का वही गौरव पुनः लौट रहा है।
    अन्त मंे, मैं इस दीक्षांत समारोह पर उपाधियां प्राप्त करने वाले सभी विद्यार्थियों को पुनः बधाई देता हूं तथा आपके संस्थान के उज्ज्वल भविष्य की कामना करता हूं। आप दृढ़ आत्मविश्वास, पक्के इरादे और सत्त परिश्रम के साथ आगे बढं़े, सफलता निश्चित रूप से आपके चरण चूमेगी। मुझे विश्वास है कि आप वैश्वीकरण के इस युग मंे सफल विश्व नागरिक बनकर उभरेंगे। मेरा आशीर्वाद और शुभकामनाएं हर कदम पर आप के साथ रहेंगे।
    जय हिन्द!