Close

    दीक्षान्त समारोह, केन्द्रीय विश्वविद्यालय (महेन्द्रगढ़)

    Publish Date: फ़रवरी 27, 2022

    आदरणीय प्रो0 के के अग्रवाल जी,
    प्रो टंकेश्वर कुमार जी, कुलपति केन्द्रीय विश्वविद्यालय महेन्द्रगढ़
    उपस्थित पदाधिकारीगण, प्रोफेसर साहेबान, अतिथिगण, प्रिय छात्रों, अभिभावकगण तथा पत्रकार एवं छायाकार बन्धुओं।
    मैं हरियाणा के केंद्रीय विश्वविद्यालय के आठवें दीक्षान्त समारोह में आपके बीच में पहुंचकर अत्यंत सम्मानित महसूस कर रहा हूं।
    आज का दिन उन शिक्षकों, अभिभावकों और छात्रों के लिए एक यादगार दिन है जो अपनी शैक्षणिक सफलता का जश्न मना रहे हैं। मैं प्रदेश के इस प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय के सभी छात्रों, डिग्रीधारकों व उनके शिक्षकों तथा अभिभावकों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं देता हूं।
    हम सबके लिए आज और अधिक खुशी की बात है कि इस दीक्षान्त समारोह में कुल 1078 डिग्रीधारकों में लगभग आधी लड़कियां डिग्रीधारक हैं। इससे प्रमाणित होता है कि लड़कियां आज हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही है।
    प्रिय छात्रों ! आपने विश्वविद्यालयों में जो ज्ञान, कौशल और नैतिक मूल्यों का आत्मसात किया है, वह राष्ट्र की समृद्धि के लिए व अपने कैरियर में उत्कृष्टता प्राप्त करने में मद्दगार साबित होगा। देश और समाज को आपसे बहुत सारी अपेक्षाएं हैं क्योंकि आपके पास भविष्य की आवश्यकताओं के अनुकूल नए विचार और अभिनव दृष्टिकोण हैं।
    प्रिय छात्रों !
    जैसा कि हम सब जानते हैं कि, राष्ट्रीय शिक्षा नीति और डिजिटल प्रणाली के चलते शिक्षा, सेवा और शासन में एक बदलाव का दौर है। इस दौर में हमें विशेषरूप से शिक्षा में डिजिटल प्रणाली को अपनाकर आगे बढ़ना है। तभी हम नई शिक्षा व्यवस्था का आधार मजबूत कर पाएंगे।
    केन्द्र सरकार ने भी शिक्षा के लिए इस बार केन्द्रीय बजट में एक लाख करोड़ रूपये से भी अधिक की राशि अंवटित की है। इससे कौशलता के नए आयामों को बढ़ावा मिलेगा तथा रोजगार की आपार सम्भावनाएं बढ़ेगी। साथ ही नैशनल स्किल क्वालिफिकेशन फ्रेमवर्क को प्रगतिशील औद्योगिक आवश्यकताओं के अनुरूप बनाने विश्वस्तरीय गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का ढांचा तैयार होगा।
    आज नए प्रौद्योगिकी क्षेत्र जैसे आर्टिफिसियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, ब्लॉक चेन, स्मार्ट बोर्ड, हस्त संचालित कंप्यूटिंग उपकरण, एडेप्टिव कंप्यूटर टेस्टिंग, और अन्य साईबर सेवाओं व अन्य क्षेत्रों में रोजगार की अपार सम्भावनाएं हैं। इन्हीं सम्भावनाओं का लाभ लेने के लिए केन्द्रीय बजट में प्रौद्योगिकी क्षेत्र के लिए बजट में 80 हजार करोड़ रूपये खर्च करने का भी प्रावधान किया गया है।
    देश में प्रधानमंत्री जी द्वारा चलाए जा रहे डिजिटल इण्डिया अभियान जहां आप युवाओं के लिए रोजगार के नए मार्ग खुलेंगे वहीं देश को एक डिजिटल रूप से सशक्त समाज एवं ज्ञान आधारित व्यवस्था में बदलाव लाने में सहायक होगा। मेरी आपसे अपील है कि आप अपनी शिक्षा पूरी करने के पश्चात पेशेवर क्षेत्र में जाकर नए स्टार्ट-अप शुरू कर उद्यमिता के क्षेत्र में उतरें। देश का युवा इस ओर आगे बढ़ चुका है।
    आज देश में 8 दर्जन से भी अधिक यूनिकोर्न स्थापित हो चुके हैं। जिससे देश दुनिया में तीसरे स्थान पर पहुंचा है। इसी प्रकार से देश में युवाओं के जोश से नए स्टार्ट-अप की संख्या 60 हजार से भी अधिक पहुंच गई है।
    हरियाणा में शिक्षा के क्षेत्र में ई-लर्निंग शिक्षा का आधार तैयार किया गया है। इसके साथ-साथ विद्यार्थियों को ई-शिक्षा के सभी मोड में शिक्षा प्रदान की जा रही है। शिक्षा के विस्तार के लिए वर्ष 2020-21 में प्रदेश में 15 नए सरकारी कॉलेज खोले गए। अब प्रदेश में महाविद्यालयों की संख्या बढकर 172 हो गई है। इनमें से वर्तमान सरकार के कार्यकाल में कुल 67 कॉलेज खोले गए हैं, जिनमें से 30 राजकीय महाविद्यालय केवल लड़कियों के लिए हैं। शिक्षा सुविधाओं के चलते स्कूल और कॉलेजों के चलते लड़कियों के पंजीकरण में गुणात्मक हिजाफा हुआ है। यह हम सबके लिए गर्व की बात है।
    डॉ ए.पी.जे. अब्दुल कलाम जी ने कहा है कि, अपने मिशन में सफल होने के लिए नए विचारों व सकारात्मक दृष्टिकोण से आपको अपने लक्ष्य के प्रति एकाग्रचित्त होकर कार्य करना चाहिए।
    आज आपको जो डिग्री प्रदान की गई है वह देश और समाज को सुदृढ़ बनाने के लिए आपके हाथ में एक आवश्यक उपकरण दिया गया है। ये आपकी जिम्मेवारी है कि किस प्रकार से आप इस उपकरण का देश और समाजहित में प्रयोग करेंगे।
    मुझे यह जानकर खुशी हुई कि हरियाणा के बाहर के छात्रों की संख्या काफी मात्रा में है। यानी 54 प्रतिशत छात्र दूसरे राज्यों से हैं। इनमें महिला छात्रों का प्रतिशत लगातार बढ़ रहा है। वर्ष 2020-21 में यहां से नौ सौ उनसठ (959) छात्रों ने फील्ड प्रोजेक्ट, शोध परियोजनाएं तैयार की और इंटर्नशिप करना विश्वविद्यालय की अच्छी रिपोर्ट को प्रदर्शित करता है।
    कोविड-19 के समय सबसे ज्यादा नुकसान हमारी युवा पीढ़ी यानि छात्रों को हुआ है। इस एकेडमिक नुकसान की भरपाई के लिए विश्वविद्यालयों, शिक्षण संस्थाओं, ट्यूटोरियल व एक्सट्रा कक्षाएं लगाई जाने की आवश्यकता है।
    इस महामारी ने शिक्षा के माध्यमों व शैक्षणिक वितरण की गतिशीलता को पूरी तरह बदल दिया है। हमें डिजिटल मोड का प्रयोग करते हुए हर छात्र तक शिक्षा की पहुंच बनानी है।
    मुझे बताया गया है कि विश्वविद्यालय ने महामारी के दौरान शानदार काम किया है। अपनी वेबसाइट के माध्यम से टेली-काउंसलिंग प्रदान करने वाला यह प्रमुख विश्वविद्यालय है। इसके लिए मैं कुलपति प्रो0 टंकेश्वर कुमार व उनकी पूरी टीम को साधुवाद देता हूँ।
    प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को प्रभावी रूप से लागु करने में सबसे अधिक जिम्मेवारी व जवाबदेही हमारे विश्वविद्यालयों की है। इस विश्वविद्यालय ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को चरणबद्ध तरीके से लागू करने में अनुकरणीय कार्य किया है।
    कौशलता के इस युग में युवाओं व छात्रों को व्यवसायों के लिए प्रशिक्षण, प्रोत्साहन व कौशलता का विकास करके ही हम स्टार्ट-अप के लिए तैयार कर सकते हैं।
    इन सब के लिए औद्योगिक इकाईयों व दूसरे विश्वविद्यालयों से एम.ओ.यू. साईन करना और विश्वविद््यालयों में इनक्यूबेशन सैन्टरों की स्थापना की जानी जरूरी है।
    मेरी विश्वविद्यालय प्रशासन से अपील है कि जोब-प्लेसमैंट के लिए पूर्व छात्रों (एल्यूमनाई) का भरपूर सहयोग लें।
    इसके साथ छात्रों को एलुमनाई के पास भेजे जिससे छात्र को अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद पेशेवर दुनिया में बेझिझक होकर उतर पाएंगे।
    सभी विश्वविद्यालयों को नई टैक्नोलोजी के साथ रिसर्च वर्क को आगे बढ़ाना होगा। इनके लिए आधुनिक लैब की सुविधा के साथ-साथ स्किल व प्रशिक्षण केन्द्र स्थापित करने होंगे। आप अपने द्वारा किए गए अनुसंधान के उत्पादों को पेटेंट करवाएं, जिससे आत्मनिर्भर भारत अभियान व वोकल फॉर लोकल अभियान को बल मिलेगा।
    सभी विश्वविद्यालय अपने सम्बन्धित महाविद्यालयों में स्थानीय मांग के आधार पर छात्रों को प्रशिक्षण देने के लिए कलस्टर स्थापित करें और वहां विशेषज्ञों से छात्रों की बातचीत करवाने के साथ-साथ उन्हें सम्बन्धित कार्यों का प्रशिक्षण दें।
    मुझे बताया गया है कि विश्वविद्यालय ने पण्डित दीनदयाल उपाध्याय कौशल केंद्र और स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के तहत व्यावसायिक और इंजीनियरिंग कार्यक्रमों के माध्यम से व्यावसायिक और तकनीकी कौशल पर सराहनीय कार्य किया है।
    विश्वविद्यालय समाज का एक हिस्सा हैं और समाज के प्रति इन संस्थाओं की एक जिम्मेदारी है। विश्वविद्यालयों से जुड़ी युवा शक्ति का समाज निर्माण में बेहतर उपयोग के लिए सामुदायिक जागरूकता कार्यक्रमों, रक्तदान शिविरों, पोषण और कानूनी जागरूकता कार्यक्रमों, महिला सशक्तिकरण अभियान, स्वच्छता अभियान आदि में छात्रों की भागीदारी सुनिश्चित करनी होगी।
    इस युवा शक्ति के सहयोग से ही एक अपराध मुक्त, नशा मुक्त आदर्श समाज की स्थापना होगी। आज जिन छात्रों को डिग्री प्रदान की गई है वे पेशेवर दुनिया में कार्य करने के लिए तैयार हैं। आप सबके लिए नए अवसर आपकी प्रतीक्षा कर रहे हैं।
    आप अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर दुनिया के युवाओं के साथ प्रतिस्पर्धा करेंगे। यहां, मैं छात्रों से आग्रह करूंगा कि आप अपनी पेशेवर यात्रा को जोश और उत्साह के साथ मानवीय मूल्यों को ध्यान में रखकर शुरू करें,
    मैं एक बार फिर डिग्रीधारकों, स्वर्ण पदक विजेताओं, माता-पिता और शिक्षकों को इस दिन को साकार करने में उनके अटूट प्रयासों के लिए बधाई देता हूं। मैं प्रो. टंकेश्वर कुमार, कुलपति और पूरे विश्वविद्यालय परिवार को उनकी प्रतिबद्धता के लिए हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं देता हूँ और हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय तथा सभी छात्रों के उज्जवल भविष्य की कामना करता हूँ।
    जय हिन्द-जय हरियाणा!