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    दीक्षांत समारोह, लाला लाजपत राय पशु चिकित्सा और पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, हिसार

    Publish Date: जनवरी 28, 2023

    आज के दीक्षांत समारोह के शुभ अवसर पर मैं
    डॉ0 संजीव कुमार बाल्यान जी, पशुपालन और डेयरी राज्यमंत्री, भारत सरकार
    श्री जयप्रकाश दलाल जी, कृषि और किसान कल्याण मंत्री, हरियाणा
    डॉ0 कमल गुप्ता जी, शहरी स्थानीय निकाय मंत्री, हरियाणा
    श्री बृजेंद्र सिंह जी, सांसद, हिसार
    ले0 जनरल डी0 पी0 वत्स जी, राज्य सभा सांसद
    विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 विनोद कुमार वर्मा जी
    उपस्थित अभिभावकगण, शिक्षकगण, जिले के प्रशासनिक अधिकारीगण, प्रिय विद्यार्थियों व मीडिया के बंधुओं!
    आप इस बात से भलिभांति परिचत है कि शिक्षा के आदान-प्रदान से न केवल ज्ञान का समावेश होता है अपितु इससे एक भव्य समाज की आधारशिला रखी जाती है। ज्ञान व शिक्षा रूपी इस शिवालय से एक और जहां डिग्री व मेडल प्राप्त होते हैं वहीं दूसरी और हमें एक जिम्मेदार नागरिक बनने की प्रेरणा मिलती है।
    इस विश्वविद्यालय को महान स्वतंत्रता सेनानी लाला लाजपत राय जी की स्नेहमयी स्मृति में स्थापित किया गया है। जैसा कि सभी को विदित है कि लाला लाजपत राय जी एक महान स्वतंत्रता सेनानी थे, उनके त्याग और सम्पर्ण को मैं नमन करता हूं। वह उन अग्रणी सेनानियों में से एक थे, जिन्होंने ‘यंग इंडिया‘ के माध्यम से भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में विश्व समुदायों को समर्थन के लिए प्रेरित किया।
    आज के दीक्षांत समारोह में लाला जी को याद करना, युवाओं में नव-ऊर्जा का संचार करता है। आज का दिन प्रत्येक छात्र के जीवन में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है और इस दिन का प्रत्येक विद्यार्थी हमेशा इंतजार करते हैं। विद्यार्थी की कड़ी मेहनत, समर्पण और आपके त्याग को पुरस्कृृत होने का यह सुनहरा अवसर होता है। ऐसा समारोह किसी भी छात्र के संपूर्ण शैक्षिक अनुभव का परिचय देता है। इसके लिए मैं सभी विद्यार्थियों को शुभकामनाएं देता हूं।
    आज आपके विश्वविद्यालय के इस दूसरे दीक्षांत समारोह में वर्ष 2015 से 2022 तक विभिन्न स्नातक, स्नातकोतर व पीएचडी पूरी करने वाले कुल 901 विद्यार्थियों को डिग्री प्रदान की जा रही है।
    यह हर्ष का विषय है कि इनमें जहां 627 पुरुष छात्र हैं वहीं 274 महिला विद्यार्थियों ने भी पशुपालन विज्ञान में पढ़ाई पूरी की हैं।
    इन छात्रों में 473 BVSc. व A.H. 270 MVSc. 102 Ph.D और 56 B.Tech विद्यार्थियों ने डेयरी टेक्नोलॉजी की शिक्षा पूरी की है।
    इसके साथ-साथ कुल 19 छात्रों को प्रतिष्ठित स्वर्ण पदकों से भी नवाजा जा रहा है।
    इस समारोह में तीन संकाय सदस्यों को भी सर्वश्रेष्ठ शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित किया जा रहा है। इसके लिए मैं पुरस्कार प्राप्त कर रहे सभी संकायों के सदस्यों और कर्मचारियों को शुभकामनाएं प्रदान करता हूं, जिन्होंने विश्वविद्यालय की प्रगति में अहम भूमिका अदा की है।
    कृषि एवं पशुपालन के क्षेत्र में इक्कीस वीं सदी एशिया की मानी गई है और हम इसको भारत की सदी बनाना चाहते है। हमें इस महान लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सभी क्षेत्रों में योजनाबद्ध तरीके से काम करना होगा ताकि वांछित परिणाम प्राप्त हो सके। इसके लिए गुणवत्तापरक शिक्षा के साथ नई टैक्नोलोजी, इनोवेशन, अनुसंधान के साथ भारतीय नैतिक मूल्यों के संकलन एवं कौशलता की आवश्यकता है।
    साथियों, अपने वक्तव्य में आगे जाने से पहले सर्वप्रथम मैं यह व्यक्त करना चाहूंगा कि आज पशुपालन व इससे जुड़े क्षेत्रों में वैश्विक स्तर पर बड़ा बदलाव आया है। जहां डेनमार्क, अमेरिका, न्यूजीलैंड जैसे देशों ने प्रति व्यक्ति दूध उत्पाद से अपनी अर्थ व्यवस्था को सुदृढ़ किया है। वहीं न्यूजीलैंड व आस्ट्रेलिया ने ऊन के क्षेत्र में प्रति व्यक्ति आय को बढ़ाने में महारथ हासिल की है।
    मैं यह मानता हूं कि डिग्री मिलने के पश्चात नौकरी ढूंढना हम सभी का लक्ष्य होता है। परंतु मैं आप सभी से अनुरोध करता हूं कि पशुपालन व इससे जुड़े क्षेत्रों से उद्यमों की स्थापना करें व यहां उपस्थित हर एक विद्यार्थी कम से कम 20 लोगों के रोजगार का कारण बनें व अपनी आर्थिक खुशहाली सुनिश्चित करें।
    माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम (एनएडीसीपी) द्वारा सितंबर, 2019 में खुरपका और मुंहपका रोग और रुसेलोसिस के नियंत्रण के लिए 100 प्रतिशत मवेशियों, भैंस, भेड़, बकरी और सुअर की आबादी को एफएमडी के लिए शुरू की गई एक प्रमुख योजना है। सरकार द्वारा पांच साल (2019-20 से 2023-24) के लिए 13 हजार करोड़ रुपए से भी अधिक के कुल परिव्यय किया जा रहा है।
    पशुधन स्वास्थ्य और रोग नियंत्रण योजना का समग्र उद्देश्य की पूर्ति के लिए पशुधन और कुक्कुट (मूर्गा) के विभिन्न रोगों के खिलाफ रोगनिरोधी टीकाकरण कार्यक्रमों के कार्यान्वयन, क्षमता निर्माण, रोग निगरानी और पशु चिकित्सा के क्षेत्र में बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए कार्य किया जा रहा है।
    राष्ट्रीय गोकुल मिशन (आरजीएम) को दिसंबर 2014 से स्वदेशी गोजातीय नस्लों के विकास और संरक्षण के लिए लागू किया गया है। यह योजना दूध की बढ़ती मांग को पूरा करने और ग्रामीण किसानों के लिए डेयरी को और अधिक लाभकारी बनाने हेतू दुग्ध उत्पादन और गोवंश की उत्पादकता बढ़ाने में महत्वपूर्ण है।
    हरियाणा सरकार द्वारा इन योजनाओं को पूरा करने के साथ-साथ मवेशियों की सुरक्षा और संरक्षण हेतू अन्य योजनाएं क्रियान्वित की जा रही हैं, जिनका लाभ किसानों को मिल रहा है।
    हमारे कृषि प्रदान देश की अधिकांश आबादी अभी भी कृषि, पशुपालन और इनसे जुड़े व्यवसायों पर निर्भर करती है। इसलिए विकास का लक्ष्य हासिल करने के लिए हमें इन क्षेत्रों को और समृद्ध करना होगा। केन्द्र सरकार द्वारा अन्य व्यवसायों की भांति कृषि एवं पशुपालन क्षेत्र को मजबुती प्रदान करने के लिए सॉयल हेल्थ कार्ड, नीम कोटिड युरिया, पीएम कृषि सिंचाई जैसी महत्वपूर्ण योजना शुरू की है। प्राणिमात्र के लिए जैविक खेती अति महत्वपूर्ण है। देश में इसको बढ़ावा देने के उद्देश्य से परम्परागत कृषि विकास योजना लागू की जा रही है।
    पशु चिकित्सा विज्ञान भी एक नेक और चुनौतीपूर्ण व्यवसाय है। इसमें हमें मूक जीवों की सेवा का अवसर मिलता है, जोकि अपनी समस्याओं को व्यक्त करने में असमर्थ है। इसके अलावा, इससे जुड़े चिकित्सक और वैज्ञानिक भारत के 20.5 मिलियन लोगों की आजीविका के लिए सहयोग करते हैं। पशुपालन क्षेत्र करीब 120 करोड़ लोगों की खाद्य सुरक्षा का आधार है, जिसमें दूध तथा दूध से बने खाद्य पदार्थ प्रमुख तौर पर शामिल हैं।
    यह आपके लिए बड़े ही सौभाग्य का विषय हैं कि आप ऐसे श्रेष्ठ व्यवसाय से जुड़े हैं, जिससे देश की आर्थिक और शारीरिक स्थिति मजबुत होती है। किसानांे की बेहतरी के लिए नए अनुसंधान, प्रोद्यौगिकी प्रसार, डिजिटल प्रसार, नैदानिक प्रोद्यौगिकी, मवेशी संरक्षण में कम्प्यूटरीकृत मोड्स इत्यादि के लिए एक कुशल कार्यबल तैयार करने के लिए विश्वविद्यालय को बधाई देता हूं। विश्वविद्यालय द्वारा भेड की सिंथेटिक नस्ल हरनाली भेड, पोल्ट्री में नई नस्ल होर्ले, मवेशी संरक्षण में भ्रूण प्रत्यारोपण, ई.टी.टी-आई.वी.एफ तथा मवेशियों के लिए बल्ड बैंक स्थापित करने जैसे कार्य बेहद ही सराहनीय है।
    इसके साथ ही आपने पशुओं की नई नस्लों का विकास कर अविस्मरणीय कार्य किया है। संकर भेड़ की सिंथेटिक नस्ल हरनाली नामक भेड़ विकसित की गई हैं। इस नई क्रॉसब्रेड नस्ल में बेहतर कालीन हेतु ऊन की प्राप्ति होती है। वर्ष 2017 में भारत सरकार के पशुपालन और डेयरी मंत्रालय द्वारा 20.6 किलोग्राम तक दूध देने वाली हरियाना गाय और साहीवाल नस्लों के मवेशियों के संरक्षण और आनुवंशिक सुधार हेतु उत्कृृष्ट योगदान के लिए कामधेनु पुरस्कार-2017 से सम्मानित किया गया है।
    विश्वविद्यालय ने वर्ष 2020 में भ्रूण प्रत्यारोपण, कृत्रिमनिशेचन प्रक्रिया ETT-IVF (ई॰टी॰टी॰-आई॰वी॰एफ॰) प्रयोगशाला स्थापना करना उल्लेखनीय है। आपके द्वारा हरियाणा और दिल्ली राज्य में आर्थिक रूप से विनाशकारी मुॅहखुर रोग की रोकथाम में एक उत्कृृष्ट भूमिका निभाई है, जिससे राज्य के खजाने में हर साल अरबों रूपये से अधिक की बचत हुई है। भारत सरकार द्वारा शुरू किए गए एफ.एम.डी नियंत्रण कार्यक्रम के सफल कार्यान्वयन के साथ हरियाणा को देश का पहला राज्य बनने का गौरव प्राप्त हुआ है।
    विश्वविद्यालय का पशु चिकित्सा लाक्षणिक निदान विभाग (Veterinary Clinical Complex) पशुआंे के उपचार का एक प्रमुख केन्द्र है और हरियाणा और पड़ोसी राज्यों के लिए एक रेफरल पशु चिकित्सा क्लिनिक के रूप में कार्य करता है। यह पशुधन के रोगों के निदान और उपचार के लिए आधुनिक बहु-विशिष्ट बुनियादी ढांचे से युक्त है।
    आज दुनिया डेटा और सूचना से संचालित हो रही है। ग्लोबल इकोनॉमी, ग्लोबल विलेज और इंफॉर्मेशन सुपर हाइवे ऐसे शब्द हैं जिन्हें हम आधुनिक समय में जी रहे हैं। इसलिए आपको अपने दृष्टिकोण में बदलाव करें इसे अंतर्राष्ट्रीय दृष्टिकोण अपनाए व शूक्ष्म लघु उद्यमों को स्थापित कर रोजगारपरक नए स्टार्टअप की सरंचना करें।
    अंत में, मैं फिर से आप सभी डिग्री धारकों और पुरस्कार विजेताओं को बधाई देता हॅू और ईश्वर से आप सभी के कल्याण की कामना करता हूॅ। मुझे विश्वास है कि आप 21वीं सदी के नए भारत निर्माण में कोई कमी नहीं छोडे़गंे।
    जय हिन्द-जय भारत!