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    डॉ. बी.आर. अम्बेडकर राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय, सोनीपत के डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन अकैडमिक ब्लॉक का उद्घाटन

    Publish Date: सितम्बर 7, 2021

    आदरणीय प्रो0 बृज किशोर कुठियाला जी, चैयरमेन, हरियाणा राज्य उच्चतर शिक्षा परिषद्।
    प्रो0 विनय कपूर मेहरा जी, कुलपति, डा0 बी.आर. अम्बेडकर राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय, सोनीपत।
    डा0 अमित कम्बोज जी, कुल-सचिव, उपस्थित माननीय सभी प्राध्यापकगण, अध्यापकगण, प्रशासनिक अधिकारी, प्रिय छात्रों तथा पत्रकार एवं छायाकार बन्धुओं।

    डा0 बी.आर. अम्बेडकर राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय के डा0 सर्वपल्ली राधाकृष्णन अकैडमिक ब्लॉक के उद्घाटन समारोह में उपस्थित होकर अत्यंत ही सम्मानित महसूस कर रहा हूं। विश्वविद्यालय को नया भवन मिलने पर मैं आप सबको बधाई एवं शुभकामनाएं देता हूं।
    यह बहुत गर्व की बात है कि हम भारत के पूर्व राष्ट्रपति भारत रत्न डा0 सर्वपल्ली राधाकृष्णन की 132वीं जयंती मना रहे हैं। डा0 राधाकृष्णन जो एक महान शिक्षक, दार्शनिक और आदर्श राजनयिक थे, उन्होंने हमेशा शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्टता को बढ़ावा दिया। उनके जन्म दिवस व शिक्षक दिवस पर आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं।
    आज उनके नाम पर डा0 बी.आर. अम्बेडकर राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय में 30 करोड़ रुपये की लागत से अकैडमिक ब्लॉक का उद्घाटन किया गया है। यह ब्लॉक स्मार्ट कक्षाओं के साथ-साथ आधुनिक सुविधाओं से लैस होगा, जिसमें शिक्षण और सीखने की प्रक्रिया सुचारू रूप से चलेगी।
    पता चला है कि यह भवन रिकार्ड अवधि में बनाया गया है। इसके लिए मैं विश्वविद्यालय परिवार व इसके निर्माण कार्य में लगे लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को बधाई देता हूं।
    यह गर्व व सम्मान की बात है कि इस विश्वविद्यालय का नाम देश के महान कानूनविद, दार्शनिक और सच्चे राष्ट्रवादी व संविधान निर्माता बाबा साहेब भीमराव रामजी अंबेडकर जी के नाम पर रखा गया है। वर्तमान में इस विश्वविद्यालय में 45 प्रतिशत से अधिक छात्र लड़कियां हैं। यह इंगित करता है कि बाबा साहेब का सामाजिक व्यवस्था में परिवर्तन लाने का मिशन पूरा हो रहा है।
    मेरा मानना है कि युवा किसी भी देश की असली संपत्ति होते हैं। भारत का सौभाग्य है कि उसके पास यह संपत्ति बहुतायत में है। मुझे लगता है कि युवा दिमाग ही भारत को एक वास्तविक विश्वगुरु बनाने में सक्षम हैं।
    भारत के प्रधानमंत्री माननीय श्री नरेन्द्र मोदी जी ने देश में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 लागू कर एक क्रांतिकारी कदम उठाया है। यह शिक्षा नीति-2020 जो भारत-केंद्रित शिक्षा, उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रणाली की कल्पना करती है।
    अब यह हमारे उच्च शिक्षा संस्थानों की जिम्मेदारी है कि वे इसे पूरी प्रतिबद्धता के साथ हू-बहू लागू करें। मुझे विश्वास है कि डा0 बी.आर. अम्बेडकर राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय नई शिक्षा नीति में निर्धारित उद्देश्यों की प्राप्ति में अग्रणी भूमिका निभाएगा।
    नई शिक्षा नीति जहां युवाओं के लिए रोजगार के नए द्वार खोलेगी, वहीं वर्तमान मांग के अनुसार उच्च गुणवत्ता के शिक्षक तैयार करने में कारगर होगी। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को देश में सफलतापूर्वक रूप से लागू करने में विद्यालयों, महाविद्यालयों व विश्वविद्यालयों की महत्वपूर्ण भूमिका होगी।
    विश्वविद्यालयों व शिक्षण संस्थानों में अनुसंधान व रिसर्च के आधार पर नए रोजगारोन्मुखी पाठ्यक्रम लागू किए जाने हैं। मुझे खुशी है कि कई विश्वविद्यालयों ने इस पर पहले से ही कार्य शुरू कर दिया है। इसके लिए आप सभी बधाई के पात्र हैं।
    समानता, न्याय, बंधुत्व, समान शिक्षा-सबको शिक्षा मिशन के लिए और राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 सबसे महत्वपूर्ण उपकरण है जिससे आत्मनिर्भर भारत का सपना साकार होगा। हमारे शिक्षक इस महान कायापलट के वाहक होंगे।
    अध्यापक देश व समाज के ऐसे शिल्पकार हैं जो राष्ट्र के भविष्य के कर्णधार बच्चों को तराशने का कार्य करते हैं। शिक्षक एक मजबूत राष्ट्र के लिए फव्वारे के रूप में काम करता है, जो अपना ज्ञान चारों ओर फैलाता है।
    जैसा कि विदित है, यह विश्वविद्यालय अपने नवोदित चरण में है, लेकिन जब मैं विश्वविद्यालय की उपलब्धियों को देखता हूं तो मुझे खुशी होती है कि हमने दो साल की छोटी सी अवधि में इतना कुछ हासिल किया है।
    मुझे खुशी है कि दो वर्ष पूर्व किराए के परिसर में शुरू किया गया विश्वविद्यालय अब 25 एकड़ में फैले अपने अत्याधुनिक परिसर में है। विश्वविद्यालय अपनी शोध और गतिविधियों के लिए जाने जाते हैं। विश्वविद्यालयों में हो रहे शोधकार्यों का उपयोग मानव कल्याण व समाज कल्याण के लिए होना चाहिए। सभी विश्वविद्यालयों को इस दिशा में प्रभावी कार्य करने की जरूरत है।
    मुझे विश्वास है कि यह विश्वविद्यालय शोधकार्यों में और आगे बढ़ कर काम करेगा। मैं विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. (डॉ.) विनय कपूर मेहरा के नेतृत्व वाली पूरी टीम व विश्वविद्यालय परिवार को अकादमिक उत्कृष्टता और अनुसंधान के लिए हाल ही में किए गए समझौतों (एम.ओ.यू) के लिए बधाई देता हूं।
    मैं कुलपति महोदया से भी आग्रह करता हूं कि आने वाले वर्षों में पीजी कक्षाएं और अनुसंधान कार्यक्रम शुरू करके विश्वविद्यालय में अनुसंधान गतिविधियों को बढ़ावा दें। इसके साथ-साथ विदेशी व देश के अन्य विश्वविद्यालयों से एम.ओ.यू करें, ताकि विद्यार्थी विश्वस्तरीय नई शोध व अनुसंधानों से रू-ब-रू हों।
    इसके साथ ही मैं एक बार फिर पूरे विश्वविद्यालय परिवार को शुभकामनाएं देता हूं और आशा करता हूं कि भविष्य में इस प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय के शिक्षक व छात्र शोधकार्यों के साथ-साथ शिक्षा, खेल व सांस्कृतिक क्षेत्र में और कड़ी मेहनत से आगे बढ़ेगें। मेरा आशीर्वाद सदैव आपके साथ है। इसी के साथ-साथ आप सभी को बहुत-बहुत शुभकामनाएं।
    जय हिन्द! जय हरियाणा।