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    चौधरी देवी लाल विश्वविद्यालय, सिरसा का दौरा व इंटरैक्शन कार्यक्रम

    Publish Date: अक्टूबर 4, 2021

    चौधरी देवी लाल विश्वविद्यालय, सिरसा के कुलपति प्रो0 अजमेर सिंह मलिक जी–
    उपायुक्त श्री अनीश यादव जी-
    कुलसचिव श्री राकेश वधवा जी–

    सभी सम्मानित प्राध्यापकगण, अध्यापकगण, प्रशासनिक अधिकारीगण, प्रिय छात्रों तथा पत्रकार एवं छायाकार बंधुओं।

    चौधरी देवी लाल विश्वविद्यालय, सिरसा में पहुंचकर मैं अत्यंत गौरव का अनुभव कर रहा हूँ। यह विश्वविद्यालय हरियाणा के ऐसे छोर पर स्थित है जहां से हरियाणा शुरू होता है। सिरसा जिले में तीन राज्यों हरियाणा, पंजाब व राजस्थान की संस्कृतियों का समावेश है। इसलिए इसे त्रिवेणी भी कहा गया है। आज मुझे खुशी है कि विश्वविद्यालय की ‘‘त्रिवेणी’’ नामक स्मारिका का भी लोकापर्ण हो रहा है। इसके लिए मैं विश्वविद्यालय परिवार को शुभकामनाएं देता हूँ।
    चौधरी देवी लाल के नाम से बना यह विश्वविद्यालय क्षेत्र के छात्रों के लिए शिक्षा का प्रतिष्ठित केन्द्र है। मैं इस अवसर पर चौधरी देवी लाल को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ।
    मुझे विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों में दौरा करने का अवसर प्राप्त हुआ है और विश्वविद्यालय के अध्यापकों और छात्रों से बातचीत की है। विश्वविद्यालय में स्थापित आधुनिक किस्म की सभी सुविधाओं को देखकर अत्यंत प्रसन्नता हुई है।
    आज स्वतंत्रता के 75वें वर्ष में देश आजादी का अमृत का महोत्सव मना रहा है। आपके विश्वविद्यालय में अमृत महोत्सव से जुड़े कार्यक्रमों की भी झलक दिखाई दी। इससे लगता है कि विश्वविद्यालय के शिक्षक व छात्र अमृत महोत्सव से सराबोर हैं।
    जैसा की आप सबको पता है आज कौशलता, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी का युग है। इसी आधार पर शिक्षा पाकर ही देश व युवा पीढ़ी को आत्मनिर्भर बनाया जा सकता है। शिक्षा के क्षेत्र में कौशलता, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के बढ़ावा देने के लिए देश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू की गई है, जो शिक्षा के क्षेत्र में गेम चेंजर साबित होगी और एक नए युग की शुरूआत होगी।
    मेरी सभी शिक्षकों और छात्रों से अपील है कि वे नई शिक्षा नीति के लिए अपने आपको इसी अनुरूप तैयार करें ताकि शिक्षा की बदली हुई तस्वीर के सकारात्मक परिणाम दिखें। इसके लिए शिक्षण संस्थाओं को कौशल विकास एवं कौशल शिक्षा पर जोर देना होगा साथ ही प्रायोगिक शिक्षा का समय बढ़ाकर दो तिहाई करना होगा। जिससे छात्र अधिक से अधिक प्रैक्टिकल के माध्यम से शिक्षा अर्जित कर पाएंगे।
    मुझे पता चला है कि सिरसा विश्वविद्यालय में यूनिवर्सिटी स्कूल फोर ग्रेजुएट्स स्टडीज शुरू किया गया है। जिसमें 9 जॉब ओरियेंटिड कोर्स भी शुरू किए गए हैं। यह राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप शुरू किया गया है। यह देश का अपनी तरह का पहला स्कूल है। इसी प्रकार से मुझे पता चला है कि विश्वविद्यालय परिसर में न्दपअमतेपजल ब्मदजतम व िव्नजतमंबी च्तवहतंउउम ंदक म्गजमदेपवद भी शुरू किया गया है जिसमें कौशल विकास के शॉर्ट ट्रम कोर्सिस शुरू किए गए हैं। इसके लिए मैं कुलपति श्री अजमेर सिंह मलिक व उनकी पूरी टीम को बधाई देता हूँ।
    कौशलता के मामले में आज विश्व के कई देश हमसे कहीं आगे हैं। इग्लैंड की 61 प्रतिशत, जर्मनी में 70 प्रतिशत, जापान में 75 प्रतिशत तथा साउथ कोरिया में 91 प्रतिशत लोग किसी न किसी कार्य में कुशल हैं। जब कि भारत में केवल 4 प्रतिशत लोग ही कुशल कारीगर हैं। इसके लिए हमें कौशल शिक्षा को बढ़ावा देना है।
    यहां मैं बताना चाहूंगा कि महिलाओं में कौशलता प्राप्त करने की प्रतिभा पुरूषों से ज्यादा है, इसलिए महिलाओं को विभिन्न कोर्सों, डिग्रियों व कार्यक्रमों में दाखिला देकर अधिक से अधिक कुशल बनाना है। केवल मात्र कौशलता से ही देश से बेरोजगारी की समस्या को खत्म किया जा सकता है।
    आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर आप सभी संकल्प ले कि शिक्षा से अर्जित ज्ञान व कौशलता का उपयोग न केवल नौकरी पाने के लिए बल्कि नौकरी देने के लिए करेंगे। आप नौकरी पाने वाले नहीं नौकरी देने वाले बनें।
    इसके लिए आपको उद्यमिता के क्षेत्र में उतरना होगा। सरकार आपके साथ है। केन्द्र व राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ उठाकर अपने स्टार्ट-अप स्थापित कर सकते हैं। सरकार इसके लिए उसे 5 करोड़ रूपये तक का ऋण बहुत कम ब्याज पर सरलता से उपलब्ध करवाती है।

    मेरा सभी शिक्षकों से आग्रह है कि विश्वविद्यालय में रोजगार एवं कौशल विकास से जुड़े कार्यक्रम शुरू करके अनुसंधान गतिविधियों को बढ़ावा दें। इसके साथ-साथ विदेशी व देश के अन्य प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों से एम.ओ.यू करें, ताकि विद्यार्थी विश्वस्तरीय नई शोध व अनुसंधानों से रू-ब-रू हों। अनुसंधान कार्यों का उपयोग आमजन के सामाजिक उपयोग के लिए हो। आपके विश्वविद्यालय ने डिजिटलकरण को बढ़ावा देने के लिए दूसरे विश्वविद्यालयों से एम.ओ.यू. साईन किए हैं। यह एक सराहनीय कदम है।
    मेरी विश्वविद्यालय के शिक्षकों व पदाधिकारियों से अपील है कि वे स्थानीय मांग व वर्तमान की आवश्यकताओं पर आधारित कौशल प्रशिक्षण के ज्यादा से ज्यादा कोर्स शुरू करें। इसके साथ-साथ सरकार व प्रशासन से समन्वय कर ग्रामीण स्तर पर कलस्टर स्थापित कर गरीब वर्ग के युवाओं को प्रशिक्षण दें। इसके लिए लोकल मार्केट अनुसार प्लम्बर, डेरी, हथकरघा व कृषि आधारित कार्यों पर जोर देने की आवश्यकता है।
    विश्व में आपको अपनी व देश की पहचान बनाने के लिए आधुनिक, रोजगारोन्मुखी शिक्षा के साथ नैतिक शिक्षा का भी पाठ पढ़ाना होगा, जो हमारी संस्कृति का मूल तत्व है, क्योंकि नैतिक शिक्षा के बिना आधुनिक शिक्षा का कोई अर्थ नहीं है। मेरी सभी शिक्षकों को सलाह है कि युवा शक्ति का प्रयोग पौधारोपण, सामाजिक कुरितियों के खिलाफ जागरूकता फैलाने, समाज कल्याण व प्रर्यावरण संरक्षण तथा प्रदेश को नशा मुक्त व अपराध मुक्त कार्यों के लिए करें। इसके लिए छात्रों को प्रशिक्षित भी करें।
    आज मुझे प्रदेश के इस प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय में आने का मौका मिला है। आप सभी से बात करके बहुत ही प्रसन्नता हुई मुझे विश्वास है कि सभी शिक्षक व छात्र और अधिक मेहनत से कार्य कर विश्वविद्यालय का नाम रोशन करेंगे। आप सभी को विशेष बधाई एवं शुभकामनाएं।

    जयहिन्द! जय हरियाणा।