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    गैलेन्ट्री अवार्डी अभिनन्द समारोह

    Publish Date: अगस्त 10, 2021

    मैं अम्बाला की ऐतिहासिक धरती पर सेना द्वारा आयोजित इस गैलेन्ट्री अवार्डी सम्मान समारोह में पहुंचकर स्वयं बहुत ही गौरवान्वित महसूस कर रहा हूँ।
    यह अम्बाला की वह धरती है जहां से 10 मई 1857 को प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की शुरूआत हुई। इसके बाद 90 वर्ष की लम्बी जद्दोजहद के बाद 15 अगस्त 1947 को देश को स्वतंत्रता प्राप्त हुई।
    मैं आज सम्मानित किए जाने वाले सभी 25 गैलेन्ट्री अवार्डी को हार्दिक शुभकामनाएं देता हूँ। इन अवार्डी में 10 अधिकारी व जवान जो अभी सेवा में हैं और देश की सीमाओं की रक्षा कर रहे हैं। 10 अधिकारी सेवानिवृत हो चुके हैं और इनमें 5 युद्ध विधवाएं हैं, इन युद्ध विधवाओं के सुहाग ने अपना बलिदान देकर देश की रक्षा की है। मैं इन सब शौर्य पदक विजेताओं का हृद्य से धन्यवाद करता हूँ।
    सेना में कार्यरत जवानों के जज्बे को मद्देनजर रखते हुए आज केन्द्र के साथ-साथ राज्य सरकार भी सैनिकों, भूतपूर्व सैनिकों और परिवार के कल्याण के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। केन्द्र सरकार द्वारा सैनिकों के लिए सातवां वेतन आयोग लागू किया गया है जिससे युद्ध में हताहत सैनिकों के परिवारों को चार गुणा मुआवजा मिल पाऐगा। इसके साथ-साथ केन्द्र सरकार द्वारा सेना युद्ध हताहत कल्याण भी स्थापित किया गया है।
    जैसा कि हम सबको पता है पूरे विश्व में हरियाणा को वीर भूमि के नाम से जाना जाता है। इतिहास इस बात का साक्षी है कि जब-जब भी देश को बलिदान की जरूरत पड़ी है हरियाणा के जवानों ने सदैव देश की रक्षा की है। आज भी भारतीय सेना में 10 प्रतिशत से अधिक जवान हरियाणा की इस वीर भूमि से हैं, जबकि देश में हरियाणा का क्षेत्रफल केवल मात्र दो प्रतिशत है।

    हरियाणा प्रदेश के लोगों के देश प्रेम के जज्बे को देखते हुए राज्य सरकार ने भी सैनिकों और उनके परवारों के लिए आगे बढ़कर काम किया है। राज्य सरकार द्वारा 60 वर्ष या इससे अधिक आयु के भूतपर्व सैनिक या उनकी विधवाओं तथा भूतपूर्व सैनिकों के बच्चों के साथ-साथ विभिन्न युद्ध विधवाओं की आर्थिक सहायता को बढ़ाकर 4600 रूपये तक कर दिया गया है। इसी तरह से दिव्यांग, नेत्रहीन पैराप्लेजिक टैटराप्लेजिक और हैमियाप्लेजिक भूतपर्व सैनिकों को भी दी जाने वाले आर्थिक सहायता को भी बढ़ाया गया है।
    अन्त में मैं आज सम्मानित हुए गैलेन्ट्री अवार्डी को हार्दिक शुभकामनाएं देता हूँ और सभी सेना के अधिकारियों को धन्यवाद देता हूँ जिन्होंने मुझे आज इस समारोह में आने का मौका दिया।
    धन्यवाद
    जयहिन्द!