Close

    गुरू जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, हिसार के टिचिंग तथा सिविल इंजीनियरिंग ब्लॉक का शिलान्यास

    Publish Date: अक्टूबर 5, 2021

    हरियाणा विधानसभा के उपाध्यक्ष, आदरणीय श्री रणबीर गंगवा जी–
    गुरू जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय हिसार के कुलपति श्री बी.आर.काम्बोज जी–
    कुल-सचिव, प्रो. अवनेश वर्मा जी,
    आदरणीय श्री डी.पी. भारद्वाज जी-
    उपस्थित सम्माननीय प्रो0 साहेबान, सभी प्राध्यापकगण, अध्यापकगण, प्रशासनिक अधिकारीगण, प्रिय छात्रों।
    गुरू जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय हिसार में पहुंचकर मैं अत्यंत गौरव का अनुभव कर रहा हूँ। विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों में दौरा करने का अवसर प्राप्त हुआ है और विश्वविद्यालय के अध्यापकों और छात्रों से बातचीत की है। विश्वविद्यालय में स्थापित आधुनिक किस्म की सभी सुविधाओं को देखकर अत्यंत प्रसन्नता हुई है।
    साथ ही विश्वविद्यालय के शैक्षणिक खण्ड के तृतीय तल व सिविल इंजीनियरिंग खण्ड का शिलान्यास करने का सुअवसर प्राप्त हुआ है। इसके लिए मैं पूरे विश्वविद्यालय परिवार को बधाई एवं शुभकामनाएं देता हूं।

    ये दोनों ब्लॉक स्मार्ट कक्षाओं के साथ-साथ आधुनिक सुविधाओं से लैस होंगे, जिसमें शिक्षण और सीखने की प्रक्रिया सुचारू रूप से चलेगी। मुझे खुशी है कि यह हरियाणा का विज्ञान एवं प्रौद्योगिक क्षेत्र का पहला विश्वविद्यालय है। इसलिए यह कहा जा सकता है, कि यह विश्वविद्यालय शिक्षा के नवाचार के लिए पहले से ही कार्य कर रहा है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने आज विश्वविद्यालय की परिचायिका को हिन्दी में तैयार कर विमोचन करवाया है। यह अपने में एक गौरवान्वित करने वाला पल है।
    जैसा की आप सबको पता है आज कौशलता, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी का युग है। इसी पर आधारित पर शिक्षा पाकर ही देश व युवा पीढ़ी को आत्मनिर्भर बनाया जा सकता है। शिक्षा के क्षेत्र में कौशलता, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के बढ़ावा देने के लिए देश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू की गई है, जो शिक्षा के क्षेत्र में गेम चेंजर साबित होगी और एक नए युग की शुरूआत होगी।
    मेरी सभी शिक्षकों और छात्रों से अपील है कि वे नई शिक्षा प्रणाली के लिए अपने आपको इसी अनुरूप तैयार करें ताकि शिक्षा की बदली हुई तस्वीर के सकारात्मक परिणाम दिखें। इसके लिए शिक्षण संस्थाओ को कौशल शिक्षा पर जोर देना होगा साथ ही प्रायोगिक शिक्षा का समय बढ़ाकर दो तिहाई करना होगा। जिससे छात्र अधिक से अधिक प्रैक्टिकल के माध्यम से शिक्षा अर्जित कर पाएंगे।
    कौशलता के मामले में आज विश्व के कई देश हमसे कहीं आगे हैं। इग्लैंड की 61 प्रतिशत, जर्मनी में 70 प्रतिशत, जापान में 75 प्रतिशत तथा साउथ कोरिया में 91 प्रतिशत लोग किसी न किसी कार्य में कुशल हैं। जब कि भारत में केवल 4 प्रतिशत लोग ही कुशल कारीगर हैं। इसके लिए हमें कौशल शिक्षा को बढ़ावा देना है।
    यहां मैं बताना चाहूंगा कि महिलाओं में कौशलता प्राप्त करने की प्रतिभा पुरूषों से ज्यादा है, इसलिए महिलाओं को विभिन्न कोर्सों, डिग्रियों व कार्यक्रमों में दाखिला देकर अधिक से अधिक कुशल बनाना है। केवल मात्र कौशलता से ही देश से बेरोजगारी की समस्या को खत्म किया जा सकता है और देश आत्म निर्भर बन सकता है।

    आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर आप सभी संकल्प ले कि शिक्षा से अर्जित ज्ञान व कौशलता का उपयोग न केवल नौकरी पाने के लिए बल्कि नौकरी देने के लिए करेंगे। आप नौकरी पाने वाले नहीं नौकरी देने वाले बनें।
    इसके लिए आपको उद्यमिता के क्षेत्र में उतरना होगा। सरकार आपके साथ है। केन्द्र व राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ उठाकर अपने स्टार्ट-अप स्थापित कर सकते हैं। सरकार इसके लिए उसे 5 करोड़ रूपये तक का ऋण बहुत कम ब्याज पर सरलता से उपलब्ध करवाती है।

    मेरा सभी शिक्षकों से आग्रह है कि विश्वविद्यालय में रोजगार एवं कौशल विकास से जुड़े कार्यक्रम शुरू करके अनुसंधान गतिविधियों को बढ़ावा दें। इसके साथ-साथ विदेशी व देश के अन्य प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों से एम.ओ.यू करें, ताकि विद्यार्थी विश्वस्तरीय नई शोध व अनुसंधानों से रू-ब-रू हों। अनुसंधान कार्यों का उपयोग भी आमजन व समाज के लिए हो।
    मेरी विश्वविद्यालय के शिक्षकों व पदाधिकारियों से अपील है कि वे स्थानीय मांग व वर्तमान की आवश्यकताओं पर आधारित कौशल प्रशिक्षण के ज्यादा से ज्यादा कोर्स शुरू करें। इसके साथ-साथ सरकार व प्रशासन से समन्वय कर ग्रामीण स्तर पर कलस्टर स्थापित कर गरीब वर्ग के युवाओं को प्रशिक्षण दें। इसके लिए लोकल मार्केट अनुसार प्लम्बर, डेरी, हथकरघा व कृषि आधारित कार्यों पर जोर देने की आवश्यकता है।
    आपका विश्वविद्यालय प्रदेश का ऐसा अनूठा विश्वविद्यालय है जो ‘लोकल फार वोकल‘ के आधार पर प्रशिक्षण कार्यक्रमों को लागू कर देश में अपनी पहचान कायम कर सकता है।
    विश्व में आपको अपनी व देश की पहचान बनाने के लिए आधुनिक, रोजगारोन्मुखी शिक्षा के साथ नैतिक शिक्षा का भी पाठ पढ़ाना होगा, जो हमारी संस्कृति का मूल तत्व है, क्योंकि नैतिक शिक्षा के बिना आधुनिक शिक्षा का कोई अर्थ नहीं है। मेरी सभी शिक्षकों को सलाह है कि युवा शक्ति का प्रयोग पौधारोपण, सामाजिक कुरितियों के खिलाफ जागरूकता फैलाने, समाज कल्याण व प्रर्यावरण संरक्षण तथा प्रदेश को नशा मुक्त व अपराध मुक्त कार्यों के लिए करें।

    इस विश्वविद्यालय का नाम महान पर्यावरणविद श्री गुरू जम्भेश्वर के नाम से रखा गया है। इसलिए हम सबकी यह भी जिम्मेवारी बन जाती है कि अपने इस विश्वविद्यालय को पर्यावरण संरक्षण के मामले में देश का ही नहीं बल्कि विश्व का एक नम्बर का विश्वविद्यालय बनाएं ।इन सबके लिए छात्रों को प्रशिक्षित भी करना होगा।

    मुझे यह जानकर खुशी हुई है कि इस विश्वविद्यालय को राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद् द्वारा लगातार तीन बार ‘ए’ ग्रेड के तकनीकी विश्वविद्यालय का दर्जा प्रदान किया गया है। विश्वविद्यालय में इस समय लगभग पांच दर्जन कोर्स चलाए जा रहे हैं। जो किसी भी विश्वविद्यालय के लिए गर्व का विषय है। अपने 25 वर्ष के शैक्षिक इतिहास में इस विशिष्ट संस्थान ने जिन बुलंदियों को छुआ है, इसके लिए पूरा विश्वविद्यालय परिवार बधाई का पात्र है।

    आज मुझे प्रदेश के इस प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय में आने का मौका मिला है। आप सभी से बात करके बहुत ही प्रसन्नता हुई मुझे विश्वास है कि सभी शिक्षक व छात्र और अधिक मेहनत से कार्य कर विश्वविद्यालय का नाम रोशन करेंगे। आप सभी को विशेष बधाई एवं शुभकामनाएं।

    जय हिन्द! जय हरियाणा।