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    गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, हिसार प्रदेश की उन्नति के लिए शोध करें शोधार्थी : बंडारू दत्तात्रेय

    Publish Date: नवम्बर 24, 2023
    गुजविप्रौवि हिसार में राज्यपाल माननीय श्री बंडारू दत्तात्रेय को सम्मानित करते कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई

    सत्य को प्राप्त करने के लिए किया जाता है शोध : बंडारू दत्तात्रेय
    स्थानीय आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए करें शोध : बंडारू दत्तात्रेय
    माननीय राज्यपाल ने गुजविप्रौवि हिसार में शोधार्थियों के साथ किया विमर्श

    चंडीगढ़, नवम्बर 24, 2023 —- हरियाणा के राज्यपाल एवं गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, हिसार के कुलाधिपति माननीय श्री बंडारू दत्तात्रेय ने शुक्रवार को विश्वविद्यालय के शोधार्थियों से ‘राष्ट्र के विकास और प्रगति में शोध की भूमिका’ विषय पर विमर्श किया। उन्होंने शोधार्थियों से उनके शोध की सामाजिक उपयोगिताओं को जाना तथा उन्हें समाज उपयोगी शोध के लिए प्रेरित किया। माननीय राज्यपाल ने शोधार्थियों से शोध के दौरान आने वाली चुनौतियों व समस्याओं के बारे में भी विस्तार से जानकारी ली। उन्होंने यह जानने व समझाने का प्रयास किया कि शोध को और अधिक समाज उपयोगी किस प्रकार से बनाया जाए। यह विश्वविद्यालय के चौधरी रणबीर सिंह सभागार के सेमिनार हॉल-1 में हुए इस कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने की। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. विनोद छोकर उपस्थित रहे।

    माननीय राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय ने कहा है कि शोध सत्य को प्राप्त करने के लिए किया जाना चाहिए। हरियाणा प्रदेश के शोधार्थियों को ऐसा शोध करना चाहिए जो प्रदेश के लिए सर्वाधिक उपयोगी हो। स्थानीय आवश्यकताओं को पूरा करने में सक्षम हो। शोध कार्य के दौरान मिलने वाली विफलताओं से विचलित न हों। कार्य पूरे होने तक दृढ़ विश्वास के साथ शोध करते रहें।
    हरियाणा के राज्यपाल माननीय श्री बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि देश के पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने ‘जय जवान जय किसान’ का नारा दिया था। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने ‘जय जवान जय किसान जय विज्ञान’ का नारा दिया। देश के वर्तमान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नया नारा ‘जय जवान जय किसान जय विज्ञान जय अनुसंधान’ का नारा दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत को आत्मनिर्भर बनाने का संकल्प लिया है। आप सब भी भारत को विश्व गुरु बनाने में लगे हुए हैं। उन्होंने खुशी व्यक्त की कि शोधार्थियों में ज्यादातर महिला शोधार्थी हैं। कोई देश तभी आगे बढ़ सकता है, जब उस देश की महिलाएं आगे बढ़ेंगी।

    शोधार्थियों को सम्बोधित करते हुए माननीय राज्यपाल ने कहा कि धन की कमी से शोध कार्य में कोई भी बाधा नहीं आने दी जाएगी। विश्वविद्यालय के कुलपति शोध के दौरान आने वाली हर समस्या का समाधान करेंगे। कुलाधिपति महोदय ने शोधार्थियों के साथ संवाद करते हुए कहा कि शोध के प्रति गहन जिज्ञासा होनी चाहिए। जिज्ञासा से ही शोध के लिए प्रेरणा मिलती है। उन्होंने कहा कि शोध का उद्देश्य नौकरी पाने वाले की बजाय नौकरी देने वाला बनना होना चाहिए। अपने स्वयं के अनुभव साझा करते हुए उन्होंने बताया कि उन्हें आरंभ में एक बैंक में नौकरी मिली थी, लेकिन उन्होंने नौकरी की बजाए समाज सेवा को चुना। शोधार्थी में समाज सेवा की भावना होनी चाहिए। समाज सेवा की भावना से उच्च ज्ञान प्राप्त होता है और कार्य में कोई बाधा नहीं आती। माननीय राज्यपाल ने शोधार्थियों को नई तकनीकों से अवगत रहने के लिए भी कहा उन्होंने कहा कि वे जितना कौशलयुक्त होंगे उन्हें उतना बेहतर कार्य मिलेगा।

    कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने अपने स्वागत सम्बोधन में राज्यपाल महोदय को विश्वविद्यालय की उपलब्धियों व विकास यात्रा की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि आदि पर्यावरणविद् एवं संत गुरु जम्भेश्वर जी महाराज के नाम पर स्थापित यह विश्वविद्यालय गत 28 सालों से गुरु जी के पर्यावरण संरक्षण तथा अन्य सिद्धांतों की स्थापना करते हुए प्रगति के नए आयाम छू रहा है। 372 एकड़ में फैले इस विश्वविद्यालय में 4000 से अधिक पेड़ हैं। विश्वविद्यालय की एपीजे अब्दुल कलाम सेंट्रल इंस्ट्रूमेंटेशन लैब हरियाणा तथा आस-पास के राज्यों को भी प्रायोगिक सुविधाएं उपलब्ध करवा रही है।

    कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने कहा कि एनआईआरएफ रैंकिंग में विश्वविद्यालय का देश में उच्च स्थान है। विश्वविद्यालय को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग से कई क्षेत्रों में स्वायत्तता मिली हुई है। विश्वविद्यालय में शोध को बढ़ावा देने के लिए मेरिट फैलोशिप की प्रति विभाग संख्या दो कर की गई है। फैलोशिप की राशि भी तीन गुणा बढ़ाई गई है। साथ ही गुरु जम्भेश्वर जी महाराज के नाम पर 50 नई फेलोशिप शुरू की गई हैं। दस यूजी कोर्स तथा दस पीजी कोर्स नई शिक्षा नीति के तहत शुरू किए गए हैं। पांच नए विभाग भी इसी वर्ष स्थापित किए गए हैं। इसके अतिरिक्त शैक्षणिक तथा शोध सुविधाओं को बढ़ाने के लिए लगातार कार्य किए जा रहे हैं। कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय का उद्देश्य कौशलयुक्त मानव संसाधन तैयार करना तथा देश की उम्मीदों पर खरा उतरना है।

    विमर्श के दौरान शोधार्थियों ने माननीय कुलाधिपति महोदय ने शोधार्थियों से व्यक्तिगत रूप से भी संवाद किया तथा शोध विषयों के बारे में जानकारी ली। विभिन्न विभागों से आए शोधार्थियों ने राज्यपाल महोदय के समक्ष विश्वविद्यालय की शोध व्यवस्थाओं का वर्णन भी किया। राज्यपाल महोदय ने खुशी जाहिर की कि गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में अच्छा शोध कार्य चल रहा है। विमर्श सत्र का संचालन डीन ऑफ कॉलेजिज प्रो. संजीव कुमार ने किया।