Close

    कस्तूरबा बालिका विद्यालय, दिल्ली का 80वां वार्षिकोत्सव कार्यक्रम

    Publish Date: अप्रैल 5, 2023

    भारत के पूर्व राष्ट्रपति माननीय श्री राम नाथ कोविंद जी,
    श्री शंकर कुमार सान्याल, अध्यक्ष, हरिजन सेवक संघ
    श्री भरत ऋषभ दास, ट्रस्टी, अक्षय पात्रा संस्थान
    सुश्री स्वाति कोविंद, अध्यक्ष, सहयोग संस्थान
    श्री श्याम सूरी, प्रबन्धक, कस्तूरबा बालिका विद्यालय
    कार्यक्रम में मौजूद कस्तूरबा बालिका विद्यालय के सम्मानित सदस्यगण, प्रतिष्ठित अतिथिगण, विद्यार्थीगण, कर्मचारीगण, प्रेस के सदस्यगण, देवियों और सज्जनों!
    आज कस्तूरबा बालिका विद्यालय के अस्सीवें वार्षिकोत्सव समारोह में आप सभी के बीच उपस्थित होकर मुझे अपार हर्ष का अनुभव हो रहा है। विद्यालय की इस सफलता में सभी सहयोगी व प्रेरक अध्यापकों, अभिभावकों तथा विद्यालय के अन्य सभी सदस्यों को भी मैं बधाई और साधुवाद देता हूं।
    मुझे खुशी है कि आज इस वार्षिकोत्सव समारोह में होनहार विद्यार्थियों को उनकी उत्कृष्ट उपलब्धियों के लिए पुरस्कारों से सम्मानित किया जा रहा है। मैं पुरस्कार पाने वाले सभी विद्यार्थियों के भविष्य के लिए शुभकामनाएं देता हूं।
    ‘वार्षिकोत्सव’ अपने आप में एक अविस्मरणीय क्षण होता है, विशेषकर विद्यार्थियों के लिए यह अति प्रसन्नता का क्षण होता है, क्योंकि इस दिन विद्यालय गौरान्वित करने वाली वर्ष भर की उपलब्धियों को आप के समक्ष प्रस्तुत करता है। आपको कठोर परिश्रम का फल प्राप्त होता है और आप अपने जीवन के महत्वपूर्ण नये चरण में प्रवेश करते हैं।
    राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की धर्मपत्नी श्रीमती कस्तूरबा गांधी जी के नाम पर इस विद्यालय की स्थापना हरिजन सेवक संघ द्वारा समाज के वंचित वर्गों, विशेषकर बालिकाओं को शिक्षित करने के लिए एक छोटे स्तर पर की गई। महात्मा गांधी की प्रेरणा से श्री चक्रवर्ती राजगोपालाचारी की उपस्थिती में इसकी शुरूआत हुई। दक्षिणी दिल्ली में अढाई एकड़ के विशाल भूखंड पर भव्य इमारत के रूप में आज यह विद्यालय बाहरवीं कक्षा तक ग्यारह सौ बालिकाओं को शिक्षा प्रदान कर रहा है। विद्यालय में बालिकाओं को नए जमाने की सूचना प्रौद्योगिकी के अनुसार प्रशिक्षण देने के लिए कम्प्यूटर की शिक्षा प्रदान की जा रही है और कम्प्यूटर एप्लीकेशन सभी छात्रों के लिए एक अनिवार्य विषय है। इतना ही नहीं, बल्कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेन्स की तकनीकों को सिखाने के लिए एक रोबोटिक लैब भी कार्यरत है।
    विद्यालय के संचालकों ने मुझे जानकरी दी है कि कक्षा नौ से बाहरवीं तक की सभी बालिकाओं को विद्यालय की ओर से लैपटाप भी वितरित किए गए है और मुझे यह भी बताया गया है कि विद्यालय में कक्षा दो से कक्षा आठ तक की बालिकाओं को कम्प्यूटर टैबलेट भी दिए गए है। विद्यालय में बियासी किलोवाट बिजली की क्षमता वाला सौर उपकरण भी कार्यरत है जिसे एक सौ बत्तीस किलोवाट तक ले जाने पर कार्य चल रहा है।
    यह एक धर्मार्थ विद्यालय है जिसमें छात्राओं से कोई भी शुल्क वसूल नहीं किया जाता। लड़कियों के लिए छात्रावास में रहना भी निशुल्क है। विद्यालय के प्रबन्धन में विद्यालय की प्रबन्धकीय समिति के साथ ही हरिजन सेवक संघ, सुश्री स्वाति कोविंद की सहयोग और इस्कान की अक्षय पात्रा जैसी स्वंयसेवी संस्थाओं का बेहतरीन तालमेल देखने को मिलता है। इस विद्यालय में आकर पता चलता है कि एक मजबूत टीम भावना से समाज सेवा में अप्रत्याशित परिणाम देखने को मिलते हैं।
    हमें ऐसी समाज सेवी संस्थाओं की और अधिक आवश्यकता है। विद्यालय की प्रबन्धन समिति और इन सभी संस्थाओं के परिश्रम के परिणामस्वरूप सार्वजनिक तथा निजी क्षेत्र की कम्पनियों के सी.एस.आर. फंड से विद्यालय को समय-समय पर बहुमूल्य आर्थिक सहायता प्राप्त होती है जिस से वंचित वर्ग की इन बालिकाओं के जीवन को संवारा जाता है।
    सुश्री स्वाति कोविंद अपनी संस्था सहयोग के माध्यम से “हर बच्चा एक पूर्ण बचपन“ के मुख्य उद्देश्य से वंचित बच्चों, विशेषकर बालिकाओं को एक समग्र बचपन प्रदान करने की दिशा में कार्य कर रही हैं।
    इसी तरह से इस्कान का अक्षय पात्रा संस्थान देश के बारह राज्यों में चौदह हजार सात सौ दो स्कूलों में लगभग सत्रह लाख स्कूली छात्रों को निःशुल्क भोजन उपलब्ध करवाता है। इसके लिए मैं अक्षय पात्रा संस्थान को धन्यवाद देता हूं।
    इसी प्रकार हरिजन सेवक संघ जिसका नाम पहले अस्पृश्यता निवारण संघ रखा गया था और बाद में सन् उन्नीस सौ तेतीस मे हरिजन सेवक संघ नाम दिया गया, इसके प्रथम अध्यक्ष प्रसिद्ध उद्योगपति घनश्यामदास बिड़ला तथा सचिव अमृतलाल विट्ठलदास ठक्कर हुए। वर्तमान में अपने अध्यक्ष श्री शंकर कुमार सान्याल के नेतृत्व में यह संघ वंचित वर्गों की भलाई और समता मूलक समाज की स्थापना के लिए जी जान से जुटा हुआ है।
    जैसा कि आप सभी जानते है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी महिलाओं और बालिकाओं के उत्थान के लिए अत्यन्त समर्पित भाव से कार्य करते हैं। उन्होनें अपने कार्यकाल के प्रारम्भिक दौर में ही बाईस जनवरी दो हजार पन्द्रह को बालिका शिक्षा को सुनिश्चित करने के लिए बेटी बचाओं-बेटी पढ़ाओ अभियान की शुरूआत की। केन्द्र सरकार की इस योजना द्वारा बेटियों के प्रति समाज में होने वाले नकारात्मक रवैये के प्रति जागरूकता फैलाना व भविष्य को प्रगतिशील बनाने के लिए उनके कल्याण के लिए तमाम योजनाओं को क्रियान्वित करना है।
    बेटियां हर एक क्षेत्र में बराबर की सहभागिता निभा रही हैं। लेकिन फिर भी समाज के कुछ क्षेत्रों में जागरूकता की कमी के कारण उन्हें वे अधिकार नहीं मिल पाते जो उन्हें मिलने चाहिए। सरकार द्वारा इसके लिए ही बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ जागरूकता अभियान निरन्तर चलाया जा रहा है।
    आप सभी विद्यार्थी भाग्यशाली हैं कि आप को एक कुशल प्रबन्धकीय समिति के अन्तर्गत शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिल रहा है जो आप को आधुनिक शिक्षा के लिए जरूरी हर साधन उपलब्ध करवा रहे हैं। मैं आप सभी का आह्वान करता हूं कि अपने लक्षय की प्राप्ति के लिए जीवन में आने वाली कठिनाईयों से कभी विचलित नहीं होना।
    बाबा साहेब डा. भीम राव अम्बेडर, पूर्व राष्ट्रपति श्री ए.पी.जे. अब्दुल कलाम, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, नेता जी सुभाष चन्द्र बोस व स्वामी विवेकानन्द आदि के व्यक्तित्व के बारे में जानने से जीवन में आगे बढ़ने की सीख मिलती है। बाबा साहेब डा. भीम राव अम्बेडकर ने अपने जीवन में विभिन्न चुनौतियों का सामना करते हुए ज्ञान प्राप्ति के लक्षय को नहीं छोड़ा। दुनिया के तीन श्रेष्ठ विश्वविद्यालयों से उन्हांेने डाक्टरेट की डिग्री हासिल की।
    ऐसा नहीं है कि महान विभूतियां केवल इतिहास में ही मिलती हैं बल्कि समकालीन दौर में भी हमारे सम्मुख ऐसे अनुसरणीय उदाहरण उपलब्ध हैं। उन्हीं में से एक हमारे पूर्व राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविंद जी हैं। बेहद साधारण पृष्ठभूमि से आने वाले श्री कोविंद जी ने असाधारण प्रतिभा का प्रदर्शन करते हुए देश के सर्वोच्च पद को प्राप्त किया। आप उनके जीवन से बहुत कुछ सीख सकते हैं। इसी प्रकार से प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का जीवन भी संर्घषों से भरा रहा। मैं सभी विद्यार्थियों से आग्रह करता हूं कि वे इन महान विभूतियों को अपना आदर्श बनाएं।
    अंत में, मैं एक बार फिर सबको विद्यालय के अस्सीवें वार्षिकोत्सव की हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं देता हूं। इस पावन अवसर पर मैं आयोजकों के प्रति अपना हार्दिक आभार प्रकट करता हूॅ की उन्होंने इस समारोह में मुझे आमन्त्रित किया व अपने विचार प्रकट करने का सुनहरी अवसर प्रदान किया।
    जय हिन्द!