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    इंडियन आॅयल पानीपत रिफाइनरी एम्पलाईज यूनियन, पानीपत

    Publish Date: अक्टूबर 15, 2022

    आदरणीय श्री अशोक कुमार जी, स्टेट प्रेसिडेंट, भारतीय मजदूर संघ
    आदरणीय श्री राजेन्द्र शर्मा जी, आॅयल सैक्टर इंचार्ज, इंडियन आॅयल पानीपत रिफाइनरी,
    आदरणीय श्री एस. के गुप्ता जी, इंडियन आॅयल पानीपत रिफाइनरी एम्पलाईज यूनियन
    उपस्थित यूनियन के सभी पदाधिकारी, कर्मचारी भाईयों व बहनों, महानुभाव व मीडिया के बन्धुओं !

    आज इंडियन आॅयल पानीपत रिफाइनरी एम्पलाईज यूनियन अपनी स्थापना की ‘रजत जयंती‘ मना रहा है। इसी उपलक्ष में यह कार्यक्रम आयोजित किया गया है। इस शुभ अवसर पर मैं अपनी तरफ से सभी कर्मचारियों को हार्दिक बधाई व शुभकामनाएॅं देता हूॅ।
    भाईयों व बहनों!
    किसी भी विभाग, संगठन व संस्था की सफलता की जिम्मेवारी उस संस्था के कर्मचारियों, अधिकारियों की प्रतिबद्धता पर निर्भर करती है। आज रिफाइनरी के रूप में आपकी संस्था ने भी अपनी स्थापना के सफलतापूर्वक पच्चीस वर्ष पूरे किए हंै। इसके लिए भी मैं प्रदेशवासियों और आप सभी को शुभकामनाएॅ देता हूॅ।
    कर्मचारी किसी भी संगठन की रीढ़ होते है। अगर यह रीढ़ मजबूत होगी तो संस्था की सफलता निश्चित है। संस्था और कर्मचारी यूनियन में बेहतर समन्वय से ही संस्था तरक्की करती है और उसमें कर्मचारी व परिवार भी समृद्ध होते हैं। आज रिफाइनरी से दस (10) हजार से भी ज्यादा परिवार प्रत्यक्ष रूप से और हजारों परिवार अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े हुए हैं।
    केन्द्र सरकार रिफाइनरी का विस्तार करने व आधुनिक रूप देने के लिए निकट भविष्य में लगभग पचास हजार (50000) करोड़ रूपए के अन्य कई प्रोजेक्ट्स स्थापित करने जा रही है, जिससे पंद्रह हजार (15000) से भी ज्यादा संगठित व असंगठित कर्मचारी व मजदूरों को रोजगार मिलेगा। अभी पिछले दिनों देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने लगभग नौ सौ (900) करोड़ रूपए की लागत की इथेनाॅल बायो रिफाइनरी का उद्घाटन किया था, जिससे रोजगार बढ़ा है। इसी प्रकार अन्य कई प्रोजेक्ट स्थापित होगें।
    देश में उत्पादकता को बढ़ाने में कर्मचारी संगठनों का अहम योगदान होता है। आज हमारे पास विश्व में सबसे अधिक पेंसठ प्रतिशत युवा शक्ति है। लेकिन दुर्भाग्य की बात यह है कि हमारे यहां कुशल जनसंख्या की कमी है। विकसित देशों में जहां सत्तर से नब्बे प्रतिशत कुशल आबादी है। हमें कौशल और प्रशिक्षण पर आगे बढ़कर काम करना है और कर्मचारी हितों को प्राथमिकता देते हुए उनके परिवारों के कल्याण के प्रति संवेदनशील रहना है।

    भाईयों-बहनों!
    जब मैं 2014 से 2017 तक केन्द्र में श्रम और रोजगार मंत्री था तो कर्मचारियों के हितों के बहुत से काम हुए, जिनसे मजदूरांे और कर्मचारियों को एक नई पहचान मिली। डोमेस्टिक वर्कर (घरों में काम करने वाले) को म्ैप् के दायरे में लाया गया। 4 वेज बनाने की शुरूआत भी उसी समय हुई थी।
    बाल श्रम रोकने के लिए बाल श्रम (निषेध और विनियमन) संशोधन अधिनियम-2016 के तहत सात हजार (7000) फैक्ट्री मालिकों पर मुकदमे करवाये गए और चाइल्ड लेबर का शोषण होने से रोका गया। इसी अधिनियम के तहत विगत् आठ वर्षों में, भारत बाल श्रम रोकने में काफी हद तक सफल रहा है।
    इस दिशा में यह अधिनियम एक मील का पत्थर साबित हुआ है। मेरे केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्री के कार्यकाल में बाल श्रम उन्मुलन की दिशा में एक आशा की किरण दिखाई दी और यह अधिनियम तैयार किया गया। अधिनियम के तहत 14 वर्ष से कम आयू वाले बच्चों को किसी भी व्यवसायिक प्रक्रिया में नियोजित करने की अनुमति नहीं है। 14 से 18 वर्ष के आयू वाले बच्चों को खतरनाक व्यवसायों में नहीं लगाया जा सकता है। हालांकि, यह अधिनियम एक बच्चे को अपने परिवार या पारिवारिक व्यवसाय में मदद करने की छूट देता है बशर्ते कि वह खतरे का व्यवसाय न हो और बच्चे की स्कूली शिक्षा में व्यवधान न हो। बचपन में मैं भी स्कूल समय के बाद अपनी मां ईश्वरम्मा की मदद करता था, जो एक अस्थाई दुकान में प्याज बेचने का कार्य करती थी। यह भी 2016 के बाल श्रम (निषेध और विनियमन) संशोधन अधिनियम से पहले एक दंडनीय अधिनियम था।
    2014 से 2017 तक देश में 4.5 करोड़ मजदुरों को छत भी मुहैया करवाई गई।
    आज भी केन्द्र सरकार द्वारा कर्मचारी व श्रम कल्याण की अनेक योजनाएं क्रियान्वित की जा रही है। इनमें प्रधानमंत्री श्रम मान धन योजना, ग्रामीण कौशल जैसी योजनाएं शामिल है।
    खुशी की बात है कि इस समय केंद्रिय सरकार द्वारा असगंठित क्षेत्र के बयालिस (42) करोड़ मजदूरों को सोशल सिक्योरिटी के दायरे में लाया गया, जिससे उनके जीवन में काफी सुधार आया और इन सभी को प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत स्वास्थ्य योजना का लाभ भी दिया गया।
    हरियाणा में भी केन्द्रीय व राज्य की योजनाओं को प्रभावी रूप दिया गया है। हरियाणा में पंजीकृत श्रमिकों के बेटे की शादी में दी जाने वाली राशि को ग्यारह हजार (11,000) से बढ़ाकर ईक्कीस हजार (21,000) रूपये कर दिया गया है। लड़की की शादी के प्रबंध के लिए पचास हजार (50,000) रूपयें की वित्तिय सहायता तथा कन्यादान के लिए ईकावन हजार (51,000) रूपये की राशि पंजीकृत श्रमिकों को दी जा रही है। इस प्रकार से लड़की की शादी पर एक लाख एक हजार (1,01,000) रूपये शादी से पूर्व देने का प्रावधान किया गया है।
    ‘‘मुख्यमंत्री श्रम पुरस्कार योजना‘‘ में पुरस्कार की राशि बढ़ाकर ईकावन हजार (51) रुपये से 2 लाख रुपये तक निर्धारित करते हुए वेतन सीमा को भी पच्चीस हजार (25) रूपये तक कर दिया गया है। मेरी सरकार कर्मचारी और श्रमिकों के कल्याण के लिए वचनबद्ध है। कर्मचारियों और श्रमिकों के परिवार खुशहाल होगें तो देश व प्रदेश में खुशहाली आएगी।
    एक बार पुनः कर्मचारी भाईयों को यूनियन के स्थापना के पच्चीस वर्ष पूरे होने पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं देता हूं। इसके साथ-साथ आप सभी से अपील है कि आप सभी संगठित होकर देश के नव निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दें, जिससे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का आत्म निर्भर भारत का सपना साकार होगा।
    जय हिन्द!