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    सरकार ने बागवानी किसानों को प्रदान की 40 करोड़ की राशि – बंडारू दत्तात्रेय

    Publish Date: जुलाई 14, 2024

    आम की सामान्य खेती पर 25500 तथा आम की सघन खेती पर 43000 रुपये प्रति एकड़ सहायता

    आम केसरी और आम रत्न से किसानों को पुरस्कार प्रदान किए

    चंडीगढ़, 14 जुलाई – हरियाणा के राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि मुख्यमंत्री बागवानी बीमा योजना के तहत सरकार ने वर्ष 2023-24 में किसानों को 40 करोड़ रूपये की सहायता दी गई है।इस योजना में बागवानी की 46 फसलें शामिल है। उन्होंने कहा कि योजना के अर्न्तगत किसान को 40 हजार रूपये प्रति एकड़ तक फलों पर व 30 हजार रूपये प्रति एकड़ सब्जी व मसालों पर मुआवजा राशि दी जा रही है।

    राज्यपाल 31 वें मैंगो मेले के समापन पर किसानों को संबोधित कर रहे थे। राज्यपाल ने छ्छरौली के किसान भारत शेरसिंह, अमदलपुर के श्रीमती बेअंतकौर यमुनानगर के प्रकाश रानी, कालेसर के जगमाल सिंह, नरेंद्र गोयल, अंबाला के रजत कुमार, सत्यवाली के जगदीश शर्मा को आम रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इसमें 5100 रुपए की राशि और ट्राफी प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया। इसी प्रकार सहारनपुर से अहजाद अहमद, मोहम्मद उस्मान, तब्दील अहमद, लखनऊ से शाहबाद अली, तौफीक अहमद आम केसरी पुरस्कार से नवाजा गया। इसमें 11 हजार रुपए, प्रसति पत्र और ट्राफी भेंट की गई। उन्होंने आम प्रदर्शनी का अवलोकन किया।

    राज्यपाल ने कहा कि आम की सामान्य खेती पर 25500 रूपये प्रति एकड़ तथा आम की सघन खेती पर 43000 रूपये प्रति एकड़ की दर से अनुदान राशि तीन वर्षों में प्रदान की जाती है।

    उन्होंने कहा कि हरियाणा पर्यटन निगम तथा राज्य के बागवानी विभाग द्वारा आयोजित ‘‘31वें मैंगो मेले’’ के समापन समारोह में आकर तथा आम उत्पादकों और विक्रेताओं से मिलकर बड़ी खुशी हुई । बडे़ हर्ष की बात है कि हर साल इस ‘‘आम मेले’’ के माध्यम से आम उत्पादकों को आम की अधिक से अधिक फसल लेने के लिए और इस फल की गुणवत्ता में वृद्धि करने के लिए बाग़वानी की आधुनिक तकनीकों से अवगत कराया जाता है। इससे किसान अपने उद्यानों में अच्छी से अच्छी किस्म के आमों का उत्पादन करके राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय बाज़ारों में अपनी फसल का अच्छा मूल्य प्राप्त कर सकते हैं। मेले का उद्देश्य उपभोकताओं और फल उत्पादकों को आम की विभिन्न किस्मों के बारे में आवश्यक जानकारी देना भी है। इसलिए आम मेले का हर साल आयोजन करने के लिए हरियाणा पर्यटन निगम और बागवानी विभाग बधाई के पात्र हैं।

    राज्यपाल ने कहा कि मेले में लगातार इकतीस साल पूरे कर चुके इस भव्य आयोजन का हिस्सा बनना सम्मान की बात है। यह क्षेत्र के सबसे अनोखे आयोजनों में से एक है और फलों के राजा और इसकी आकर्षक किस्मों का जश्न मना रहा है। यह सभी के लिए उत्सव और मनोरंजन का एक स्रोत भी है। उन्होंने कहा कि फलों के राजा के नाम से विख्यात आम की फसल न केवल हरियाणा बल्कि देशभर में उगाई जाती है। हरियाणा की तरह ही उत्तर प्रदेश, आन्ध्र प्रदेश, तामिलनाडू, कर्नाटक, उत्तराखण्ड़, छतीसगढ़ तथा अन्य राज्यों द्वारा भी समय-समय पर इस तरह के ‘‘आम मेलों’’ का आयोजन किया जाता है। हरियाणा में कुल फल उत्पादन क्षेत्र के पचीस प्रतिशत भाग में आम की फसल उगाई जाती है। राज्य में पैदा किये जाने वाले आमों में दशहरी, लंगड़ा, चौसा, आम्रपाली और मल्लिका की किस्में विशेष रूप से शामिल हैं।

    राज्यपाल ने कहा कि आम हमारे अच्छे स्वास्थय के लिए भी बेहद जरूरी है। इससे हमे विटामिन ए, विटामिन सी, विटामिन के, पोटैशियम, बीटा-कैरोटीन, मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्व प्राप्त होते है। आम के पेड़ का केवल फल ही नहीं बल्कि उसकी लकड़ी और पत्ते को भी भारतीय संस्कृति में महतवपूर्ण स्थान दिया गया है। हम जानते है कि आम की लकड़ी और पत्ते घर की पूजा-पाठ और हवन में प्रयोग किये जाते है। इसी प्रकार घर में शुभ कार्य के दौरान आम के पत्तों से बनी झालर को भी घर के मुख्य द्वार पर लगाया जाता है।

    उन्होंने कहा कि राज्य का बागवानी विभाग अपने स्थापना वर्ष 1991 से ही आम की फसल को उन्नत करने के लिए विशेष ध्यान दे रहा है। इस तरह के मेलों का आयोजन न केवल पिंजौर बल्कि राज्य के अन्य भागों में भी समय-समय पर करना चाहिए। इससे राज्य के किसानों द्वारा पैदा किये गये बागवानी उत्पादों और सब्जियों के उगाने के संबंध में आवश्यक आधुनिक जानकारी मिलती रहेगी। इसके साथ ही उपभोगताओं को गुणवत्तापरक फल एवं सब्जियों की फसलें भी उपलब्ध करवाई जा सकेंगी।

    उन्होंने फल उत्पादकों से भी अनुरोध किया कि वे फलों की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दें। वर्तमान में फलों, सब्जियांे, अनाज व खाने-पीने की अन्य चीजों की सही गुणवत्ता बनाए रखना समय की मांग है। उन्होंने कहा कि यह मेला किसानों की भलाई में योगदान दे रहा है, जिन्हें किसानों के कल्याण के लिए आयोजित सेमिनारों के माध्यम से अपनी उपज की उत्पादकता और गुणवत्ता बढ़ाने के लिए नवीनतम तकनीक अपनाने के लिए प्रोत्साहित करने और मैंगो मेला इस लक्ष्य को हर गुजरते साल के साथ सफलतापूर्वक प्राप्त कर रहा है।

    राज्यपाल ने कहा कि प्रदर्शनी विभिन्न प्रकार के आमों को देखना हमेशा आश्चर्यजनक होता है और यह मेला हजारों आगंतुकों को पहले कभी न देखे गए आमों को देखने और चखने और विभिन्न रंगीन गतिविधियों और रोमांचक कार्यक्रमों का हिस्सा बनने का अवसर प्रदान करता है। इसके अलावा सांस्कृतिक कलाकारों, फूड कोर्ट, शिल्प बाजार और ऊर्जावान शाम के सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने इसे और रंगीन माहौल की तरफ बढ़ा दिया। इतनी बड़ी संख्या में स्कूली बच्चों की उत्साहपूर्ण भागीदारी दिल को छू लेने वाली रही है। उन्होंने हरियाणा पर्यटन एवं बागवानी विभाग, हरियाणा के अधिकारियों को, मेला आयोजकों को और मेले में भाग लेने वाले सभी आम उत्पादक किसानों को अपनी शुभकामनाएं और इसके साथ-साथ इस तीन दिवसीय ‘‘आम मेले’’ के दौरान आयोजित किये गये विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लेने वाले और आम प्रतियोगिताओं में पुरस्कार प्राप्त करने वाले सभी पुरस्कार विजेताओं को हार्दिक बधाई दी। राज्यपाल ने आशा जताई कि वे भविष्य में भी इस तरह के आयोजनों में बढ़चढ़ कर भाग लेते रहेंगें।

    31वें आम मेले में लगभग 300 से अधिक किस्मों की 1000 से अधिक प्रवष्टियों की प्रदर्शनी लगाई गई। बागवानी का क्षेत्रफल राज्य में 6.28 प्रतिशत है जिसको वर्ष 2030 तक 8 प्रतिशत तक बढ़ाने का लक्ष्य है। वर्ष 1966-67 में हरियाणा राज्य के गठन के समय बागवानी का क्षेत्रफल 48,000 एकड़ था। वर्तमान में राज्य में बागवानी का क्षेत्र 10.32 लाख एकड़ व उत्पादन 68.43 लाख मीट्रिक टन है। बीज उत्पादन के तहत वर्ष 2024-25 में 30 हजार एकड़ के अतिरिक्त क्षेत्र में एकीकरण तकनीकों के साथ बागवानी में विविधता लाने के लिए किसानों को सहायता दी जायेगी। इसके साथ ही संरक्षित खेती, वर्टीकल फार्मिंग, जल सरक्षण, फसल कटाई उपरान्त प्रबन्धन तथा बजारीकरण के मदों पर किसानों को 50 से 85 प्रतिशत अनुदान सहायता प्रदान की जा रही है।उन्होंने कहा कि बागवानी में किसानों को बाजार के जोखिम से बचाने के लिए बागवानी भावान्तर भरपाई योजना सरकार द्वारा शुरू की गई है। इस योजना के अन्तर्गत जब मंडी में फलों व सब्जियों का निर्धारित सरक्षित मूल्य से मंडी में भाव थोक मूल्य से कम होता है तो किसानों को भाव के अंतर की भरपाई सरकार द्वारा की जा रही है।
    इस योजना में 21 बागवानी फसलें शामिल की गई है जिसमें 5 फल, 14 सब्जियां व 2 मसाले वाली फसलें कवर किया गया है।

    पर्यटन विभाग के प्रधान सचिव कला राम चंद्रन व महानिदेशक बागवानी विभाग राज नारायण कौशिक ने कहा कि तीन दिनों तक लगभग दो लाख लोगो ने विजिट किया मैंगो मेला में विजिट किया है। इसके साथ ही पड़ोसी राज्यों के किसानों ने भी भाग लिया है। इसके अलावा मेले में भाग लेने पर किसानों का आभार जताया।

    इस अवसर पर पर्यटन विभाग की प्रमुख सचिव श्रीमती कला रामचन्द्रन, उपायुक्त डा. यश गर्ग, एसडीएम कालका लक्षित सरीन, भाजपा की उपाध्यक्ष बंतो कटारिया, पूर्व विधायक लतिका शर्मा कार्यक्रम में उपस्थित अन्य अधिकारीगण मौजूद रहे।