‘‘नशा मुक्त भारत’’
भारत को युवा देश माना जाता है। हमें युवाओं को नशे से बचाकर युवा शक्ति का राष्ट्र निर्माण में प्रयोग करना है।
आंकड़ो से पता चलता है कि देश में दस करोड़ लोग नशे की गिरफ्त में हैं, जिनमें अधिकतर युवा हैं। यह बहुत ही चिन्तनीय है।
हर वर्ष पच्चीस सौ से तीन हजार युवा नशे की लत के कारण मौत का शिकार हो रहे हैं।
पंजाब बोर्डरिंग स्टेट होने के कारण पाकिस्तान से नशे की तस्करी हो रही है।
नशा तस्करी के कारण हर प्रकार के क्राईम की वृद्धि हो रही है।
समय पर समाचार पत्रों से पता चलता है कि उत्तर भारत में हेरोईन, चरस, गांजा, अफीम तस्करी के मामले सामने आए हैं। यह सब पाकिस्तान की तरफ से तस्कर होता है। पहले पंजाब में प्रभाव ज्यादा होने के कारण हरियाणा के भी आधा दर्जन से भी अधिक जिले नशे की गिरफ्त में हैं।
नशे से बचने के लिए युवाओं को सामाजिक गतिविधियों के साथ-साथ खेलों और राष्ट्र निर्माण की गतिविधियों से जोड़ना होगा।
स्कूल, कॉलेजों, विश्वविद्यालयों में एनसीसी स्काउट्स, एनएसएस तथा रेडक्रॉस की गतिविधियों से जोड़ कर समाज को जागृत करना है।
हमारे विद्यार्थी नशा अभियान में संवाहक का कार्य कर सकते हैं।
तस्करी पर शिकन्जा कसने के लिए पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल, दिल्ली, उत्तराखंड राज्यों की पुलिस की सुपर टीम बनाकर प्रभावी अभियान चलाने की आवश्कता है।
केन्द्र सरकार ने देश में ‘‘नशा मुक्त भारत अभियान’’ की शुरूआत की है। शुरूआती दौर में दो सौ बाहत्तर जिलों में नशा मुक्ति के लिए विशेष कार्य किया जाएगा। इस अभियान के तहत हरियाणा के दस जिले शामिल किए गए हैं।
हालांकि हरियाणा प्रदेश ने सराहनीय कार्य किया है। फिर भी सामाजिक संस्थाओं, शिक्षण संस्थाओं व पंचायती राज तथा स्थानीय निकायों के सहयोग से इस नशे पर काबू पाया जा सकता है।
पता चला है कि हरियाणा राज्य नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो और हरियाणा पुलिस ने तीन हजार से भी अधिक नशीली दवाओं से संबंधित मामले दर्ज किए हैं और चार हजार से भी अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है।