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    विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए हमें मिलकर कड़ा परिश्रम करना होगा- राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय

    Publish Date: दिसम्बर 11, 2023
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    प्विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए हमें मिलकर कड़ा परिश्रम करना होगा, जिसके लिए हमारे पास 24 वर्ष हैं – राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय
    प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विकसित भारत@2047 आइडियाज पोर्टल लॉन्च करते समय भारत को वर्ष 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने का लक्ष्य दिया
    राज्यपाल आज हरियाणा राजभवन चंडीगढ़ में विकसित भारत@2047 विषय पर आयोजित सेमिनार में उपस्थित प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों व रजिस्ट्रार, संकाय सदस्यों को संबोधित कर रहे थे।

    चंडीगढ़, 11 दिसंबर- हरियाणा के राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने विकसित भारत@2047 आइडियाज पोर्टल लॉन्च करते समय भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने का लक्ष्य दिया है, जिसे साकार करने के लिए पूरे समपर्ण और अटूट प्रतिबद्धता के साथ काम करने के लिए 24 वर्ष हैं। हमें लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए मिलकर कड़ा परिश्रम करना होगा।
    श्री दत्तात्रेय ने यह बात आज हरियाणा राजभवन चंडीगढ़ में विकसित भारत@2047 विषय पर आयोजित सेमिनार में उपस्थित प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों, रजिस्ट्रार व संकाय सदस्यों को कही। इस दौरान हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष श्री ज्ञान चंद गुप्ता भी कार्यशाला में मौजूद रहे।
    उन्होंने कहा कि वर्ष 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र के रूप में नया भारत बनाने का लक्ष्य एक महत्वाकांक्षी उद्देश्य है, जो देश के नागरिकों और नेतृत्व की सामूहिक आकांक्षाओं को दर्शाता है। यह एक ऐसे भविष्य की कल्पना करता है, जहां राष्ट्र अपनी वर्तमान चुनौतियों को पार कर व्यापक सामाजिक-आर्थिक प्रगति हासिल करेगा।
    राज्यपाल ने सभी वीसी को कहा कि सभी अपने प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों में एक विजन @2047 सेल बनाएं, जो विशेष रूप से आज की अति महत्वपूर्ण कार्यशाला के लिए समर्पित हो। विकसित भारत पोर्टल तक सीधी पहुंच के लिए अपने विश्वविद्यालय की आधिकारिक वेबसाइट पर क्यूआर कोड डालें। हमें राष्ट्र के भावी कर्णधारों यानि अपने छात्रों को विकसित भारत के दृष्टिकोण पर अपने विचार साझा करने के लिए प्रोत्साहित करने की भी आवश्यकता है। इसके लिए उन्हें वर्ष 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने में सक्रिय भागीदार के लिए एक सोशल मीडिया अभियान शुरू किया जाना चाहिए। श्री बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि सभी को अपने कॉलेज में प्रतिदिन की शुरुआत विकसित भारत पर विचार-विमर्श-मंथन के लिए दस मिनट का समय सुनिश्चित करना चाहिए। मुझे विश्वास है कि आप छात्रों से फीडबैक एकत्र करने के लिए एक समर्पित कक्ष बनाएंगे, जो, 11 दिसंबर से 25 दिसंबर की अवधि के लिए फीडबैक देंगे। हम छात्रों को चर्चा और संवाद में शामिल करके विकसित भारत उत्सव के लिए एक रोडमैप की शीघ्र योजना बनाएं तथा एनसीसी कैडेटों, एनएसएस स्वयंसेवकों और अन्य संगठनों के युवाओं को विकसित भारत उत्सव में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करें।
    उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी विश्वविद्यालय और कॉलेज न केवल शिक्षण के मामले में उत्कृष्टता का केंद्र बनें, बल्कि देश की समावेशी विकास प्रक्रिया के एक मजबूत संचालक भी बनें हैं, जिससे वर्ष 2047 तक पोषित लक्ष्य की पूर्ति सुनिश्चित हो सके। सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि छात्रों को विकसित भारत@2047 अभियान के लिए उनके विचारों का उद्देश्य स्पष्ट रूप से बताते हुए ईमेल भेजे जाएं और उनसे इस पर अपने महत्वपूर्ण सुझाव देने के लिए उन्हें प्रेरित किया जाए।
    राज्यपाल ने कहा कि कुलपतियों के साथ एक मसौदा ईमेल साझा किया जा रहा है। इसमें वेब पेज लिंक और क्यूआर कोड होगा। कुलपतियों को इस विश्वविद्यालयों के रिकॉर्ड में उपलब्ध छात्रों के ईमेल पर भेजना होगा। छात्रों को लिंक पर क्लिक करने और पोर्टल पर दिए विभिन्न मुद्दों पर अपने विचार देने के लिए प्रोत्साहित करें। सभी कुलपतियों द्वारा सामान्य हैशटैग यानी आइडियाज फार विकसित भारत का उदारतापूर्वक उपयोग किया जाना चाहिए। साथ ही नीति आयोग अपने सोशल मीडिया हैंडल पर इन्फोग्राफिक्स पोस्ट करेगा। इनमें विचार देने के लिए वेब पेज और क्यूआर कोड के लिए एम्बेडेड लिंक होंगे। हमारे विश्वविद्यालयों और कॉलेजों को इन पोस्टों को री-ट्वीट और पुनः साझा करना चाहिए। वे नीति आयोग और आइडियाज फार विकसित भारत को टैग कर सकते हैं।
    उन्होंने कहा कि हमारी नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति विकसित भारत@2047 के दृष्टिकोण से काफी मिलती-जुलती है। कौशल विकास और उद्यमशीलता पारिस्थितिकी तंत्र नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के दो महत्वपूर्ण स्तंभ हैं, जो वर्ष 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को साकार करने में काफी मदद करेंगे। हमारे पास जापान, जर्मनी, सिंगापुर और दक्षिण कोरिया के उदाहरण हैं, जो अत्यधिक बाधाओं के बावजूद उठे और आर्थिक दिग्गज बनने के लिए अपने निर्णायक मोड़ लाए। अमृत काल में भारत भी ऐसे ही अवसर के शिखर पर है। उन्होंने कहा कि कार्यशाला के दौरान विचार-विमर्श-मंथन में यहां विभिन्न सम्मानित प्रतिभागियों से अनेकों महत्वपूर्ण विचार और सुझाव आएंगे। हमें उन्हें संकलित करने और उन पर आगे चर्चा करने की आवश्यकता है, ताकि अंतिम विचार केंद्र सरकार के साथ साझा कर सकें।
    उन्होंने विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को कहा कि उनका कार्यकाल कितना भी हो, उसे तल्लीनता एवं तनमयता से करें और विद्यार्थियों के साथ संपर्क बनाकर उन्हें लक्ष्य पाने के लिए प्रेरित करें। कुलपति ग्रुप बनाकर विद्यार्थियों से मिलें, ताकि विद्यार्थियों को लगें कि उनकी कुलपति को चिंता है और वे उनसे अपनापन रखते है। प्रधानमंत्री के दृष्टि संकल्प को आगे बढ़ाने के लिए हम सभी को मिलकर काम करना होगा।
    इस अवसर पर सेमिनार में सुशासन और सुरक्षा, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, अर्थव्यवस्था सुदृढ़ करने के लिए, सशक्तिकरण, विश्व में भारत की स्थिति, विचारों में योदगान के लिए युवाओं के साथ जुड़ना आदि विषयों पर विभिन्न विश्वविद्यालयों को कुलपतियों, रजिस्ट्रार और प्रोफेसरों ने विचार-विमर्श एवं मंथन किया और विकसित भारत बनाने के लिए सुझाव दिए।
    इस अवसर पर हरियाणा के मुख्य सचिव श्री संजीव कौशल, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री वी. उमाशंकर, उच्चतर शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री आनंद मोहन शरण, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डा. जी. अनुपमा, युवा सशक्तिकरण एवं उद्यमिता विभाग के प्रधान सचिव श्री विजयेंद्र कुमार, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव डा. अमित अग्रवाल, हरियाणा उच्च शिक्षा परिषद् के अध्यक्ष श्री के.सी. शर्मा, राज्यपाल के सचिव श्री अतुल द्विवेदी सहित अनेक विश्वविद्यालयों के कुलपति, विभिन्न संस्थानों के निदेशक और अध्यक्ष, रजिस्ट्रार, डीन और संकाय सदस्य भी मौजूद रहे।