नई टैक्नोलोजी लैब और नवाचार कौशल स्कूल मॉडल का उद्घाटन, श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय, पलवल
विश्वविद्यालय के कुलपति, प्रो0 राज नेहरू जी,
कुलसचिव प्रो0 आर.एस.राठौर जी,
विश्वविद्यालय के सभी प्राध्यापकगण, अध्यापकगण, पदाधिकारी, उपस्थित साहेबान तथा प्यारे विद्यार्थिओं!
आज आपके विश्वविद्यालय में नई सोलर टैक्नोलोजी लैब और नवाचार कौशल स्कूल माॅडल (New Solar Technology Labs and Innovative Skill School Model) का उद्घाटन हुआ है। इसके लिए मैं पूरे विश्वविद्यालय परिवार को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं देता हूं। यह पूरे देश में अपनी तरह की नई टैक्नोलोजी लैब और नवाचार कौशल स्कूल माॅडल है। आज आपने समय की मांग को पहचान कर ये परियोजनाएं स्थापित की हैं, जो छात्रों के भविष्य को उज्जवल बनाने में सार्थक सिद्ध होगी।
आज कौशलता का युग है जिस देश के पास स्किल युवा होगें वही देश आगे बढ़ेगा और तरक्की करेगा। इसी को मद्देनजर रखते हुए मेरी सरकार ने भगवान विश्वकर्मा के नाम से एक हजार (1000) करोड़ रूपए की लागत से इस विश्वविद्यालय की स्थापना की है। इसके लिए मुख्यमंत्री व उनकी टीम बधाई की पात्र है।
मुझे विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों का दौरा कर लैब, टैक्नोलोजी सेंटर व अन्य सुविधाओं का जायजा लेने का अवसर मिला। मैं पूरी तरह आश्वस्त हूं कि देश में अपनी तरह के इस स्किल कौशल विश्वविद्यालय ने रफतार पकड़ ली है और वह दिन दूर नही जब यहां से शिक्षा प्राप्त कर छात्र विभिन्न क्षेत्रों में देश का नाम रोशन करेगें।
विश्वविद्यालय में नई टैक्नोलोजी की एडवांस इलैक्ट्रिकल लैब, सी.एन.सी सिमुलेशन लैब तथा सोलर एनर्जी लैब स्थापित की गई हैं। विश्वविद्यालय में इन आधुनिक किस्म की लैबों से शोधार्थी/छात्र बेहतर शोध कार्य कर पाएगें, जिससे स्किल डेवलपमैंट को बढ़ावा मिलेगा। अब युवा पीढ़ी नौकरी खोजने वाली नही बल्कि रोजगार सृजन करने वाली बनेगी।
मुझे बताया गया है कि विश्वविद्यालय में इको-विलेज भी विकसित किया जा रहा है। जिसके माध्यम से छात्र पर्यावरण सरक्षण से संबंधित कौशल प्राप्त करेगें। इस इको-विलेज में Eco house/Mud house, Mushroom farm, Medicinal Plants farm, Poly house for vegetables, Greenhouse for vegetables, Organic farming, Agroforestry, Hydroponic farming, Dairy farm, Bee keeping, Composting and vermicomposting units जे स्थापित होंगे। जिससे छात्र कृषि व्यवसाय से जुड़े व्यवसाय व अन्य व्यवसायों का प्रशिक्षण प्राप्त कर स्टार्ट-अप शुरू कर पाएगें।
आपके विश्वविद्यालय में तीन दर्जन के लगभग रेगुलर कोर्सिस शुरू किए गए हैं। इसके अतिरिक्त 22 शार्ट-टर्म कोर्स शुरू है, जो सारे के सारे स्किल डेवलपमैंट से जुड़े हैं। इसलिए यह समझना आवश्यक है कि दुनिया स्किल एज्युकेशन का डिजिटल प्लेटफॉर्म है और आपका विश्वविद्यालय एक हब है। इसमंे अपने आपको स्किल्ड, मोर स्किल्ड करने की आवश्यकता है।
केन्द्र सरकार द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में आमूलचूल परिवर्तन लाया जा रहा है। देश में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को पूरे देश में दो हजार तीस (2030) तक लागू करने का लक्ष्य रखा है। इसमें कौशल शिक्षा पर नैतिक मूल्यों पर बल दिया गया है, जिससे बच्चों में तकनीकी ज्ञान तथा रोजगार सृजन की शिक्षा भी शामिल है।
मुझे लगता है आपके विश्वविद्यालय ने पहले से ही नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के मानकों को पहचान कर ढांचागत सुविधाएं तैयार कर ली है। यह सभी विश्वविद्यालय के लिए एक उदाहरण है।
हमें नई शिक्षा नीति को हू-ब-हू अमल में लाकर हमारे शिक्षण संस्थानों को विद्यार्थियों के मन में उद्यमशीलता व कौशलता के बीजों को ठीक प्रकार से अंकुरित करना है। इसके लिए विश्वविद्यालयों के साथ-साथ सभी शिक्षण संस्थाओं में उच्च स्तर की प्रयोगशालाएं (LAB), इनोवेशन सेंटर, इक्यूबेशन सेंटर स्थापित कर शोध कार्यों को बढ़ाना है। आज शिक्षा का स्तर रिसर्च, इनोवेशन, थिसिस की गुणवत्ता के आधार पर ही आंका जाता है। इसलिए शिक्षक विश्वविद्यालयों में रिसर्च पोलिसी बनाकर विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करें। देश को आत्म निर्भरता की ओर ले जाने के लिए हमें महिला शिक्षा पर बल देना होगा ताकि महिलाओं की भी राष्ट्र निर्माण में बराबरी की भागीदारी हो।
इसके साथ ही नई शिक्षा नीति में आपको अब एक ही समय में Multi Entry, Multi Exit Degree तथा शार्ट-टर्म कोर्सिस की सुविधा भी है। यह सभी सुविधाएं देने वाला हरियाणा देश का पहला राज्य बन गया है।
मेरी आप सभी से अपील है कि विश्वविद्यालय में स्थानीय मांग अनुसार और पाठ्यक्रम शुरू किए जाएं तथा सभी विश्वविद्यालय में प्लेसमैंट सैल पूरी तरह प्रभावी हो, जिससे युवाओं को रोजगार के अवसरों व उनकी सही जानकारी प्राप्त हो सके।
अंत में मैं यही कहना चाहूंगा कि आपको अपने क्षेत्र में काम करने के लिए कड़ी मेहनत और सही दिशा की आवश्यकता है। इसके लिए शिक्षकों और विद्यार्थियों को सीखने और सीखाने की प्रक्रिया पर बल देना होगा। मुझे आशा है कि वह दिन दूर नहीं होगा, जब आपके विद्यार्थी देश में ही नही बल्कि दुनिया में अपना नाम रोशन करेंगे। इसके लिए मेरी शुभकामनाएं आपके साथ है।
जय हिन्द!