महाराणा प्रताप जयंती
चण्डीगढ़, 9 मई- हरियाणा के राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि महाराणा प्रताप वीरता, शोर्य, त्याग, पराक्रम और दृढ संकल्प व्यक्तिव के धनी थे। इन्होंने जीवन-पर्यन्त देश धर्म और जनता के अधिकारों की स्वतंत्रता के लिए संघर्ष किया और कई बार मुगलों से लड़ाईयां लड़ी। ऐसे वीर योद्धा को वे बार-बार नमन करते हैं। श्री दत्तात्रेय ने सोमवार को उनकी जयंती पर राजभवन में महाराणा प्रताप की मूर्ति पर माल्यार्पण कर श्रद्धा सुमन अर्पित किए।
उन्होंने कहा कि महाराणा प्रताप की देश, समाज व हर समूदाय के प्रति समग्र सोच थी। उनकी सेना में भील सेना के सरदारों के साथ-साथ मुस्लिम सरदार हकीम खानं सूरी भी थे। इससे पता चलता है कि महाराणा प्रताप का सभी वर्गों, समुदायों, धर्मों के प्रति अटूट प्रेम था। इसी सोच और धारणा से ही महाराणा प्रताप ने हल्दीघाटी के युद्ध में मुगलों की बड़ी सेना को पीछे हटने पर मजबूर किया। महाराणा प्रताप की सेना के साथ-साथ उनके दरबार में भी सभी समूदाय के लोग थे जिन पर वे अटूट विश्वास करते थे। इसीलिए महाराणा प्रताप को सर्वश्रेष्ठ राजा और बहादूरी, पराक्रम, चारित्रय, धर्मनिष्ठा और त्याग के लिए जाना जाता है। सभी समुदायों के आदर सम्मान के लिए ही उन्हें सामाजिक समरसता व राष्ट्रीयता के महान प्रणेता कहा गया है।
राज्यपाल श्री दत्तात्रेय ने कहा कि आज की युवा पीढ़ी को राष्ट्र की एकता, अखंडता के लिए महाराणा प्रताप के जीवन चरित्र, शोर्य, धर्मनिष्ठा व त्याग की भावना को अपनाने की जरूरत है। युवा जब वीर शहीदों, ऐतिहासिक योद्धाओं के विचारों को अपने जीवन में समावेश करेगें तो हर व्यक्ति में राष्ट्रीय की भावना प्रबल होगी और एक मजबूत भारत का निर्माण होगा। इस अवसर पर राज्यपाल के सचिव श्री अतुल द्विवेदी, राज्यपाल के आई.टी सहालकार श्री भानू.बी.शंकर, राज्यपाल के विशेष कार्य अधिकारी श्री बखविंदर सिंह, संयुक्त सचिव श्री अमरजीत सिंह व अन्य पदाधिकारीगण मौजूद थे।