मंथन-स्कूल लीडरशिप समिट-2021
आदरणीय डॉ0 कुलभूषण जी, प्रेजिडेन्ट, नेशनल इंडिपेंडेंट स्कूल अलायंस ;निसाद्ध
श्री आनंद जी, फाउंडर, सुपर-30
प्रो0 गीता जी, सीईओ, सिटी मोंटेसरी स्कूल, लखनऊ
श्री बलदेव सैनी जी, महासचिव, फेडरेशन ऑफ प्राइवेट स्कूल वेलफेयर एसोसिएशन
श्री अमित मेहता जी, वाइस चीफ, एफ0पी0एस0डब्ल्यू0ए
श्री विजय टिटोली जी, मुख्य संरक्षक, एफ0पी0एस0डब्ल्यू0ए
श्री तरसेम जिंदल जी, संरक्षक, एफ0पी0एस0डब्ल्यू0ए
श्री मधुसूदन जी, उपाध्यक्ष, एडवोकेसी, ;निसाद्ध
श्री हरपाल सिंह जी, प्रखंड अध्यक्ष, एफ0पी0एस0डब्ल्यू0ए
श्री विक्रांत जी, प्रखंड अध्यक्ष, नारायणगढ़, एफ0पी0एस0डब्ल्यू0ए
उपस्थित अधिकारीगण, गणमान्य व्यक्तिगण, देवियांे-सज्जनों पत्रकार एवं छायाकार बन्धुओं।
मैं नेशनल इंडिपेंडेंट स्कूल्स अलायंस ;निसाद्ध द्वारा आयोजित मंथन-स्कूल लीडरशिप समिट के कार्यक्रम में शामिल होकर बहुत खुशी का अनुभव कर रहा हूॅ ।
मेरे खुश होने का एक बड़ा कारण यह है कि एन0आई0एस0ए ;निसाद्ध समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के बच्चों के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की प्रदान करने तथा सामर्थ्य और गुणवत्ता में सुधार के लिए एक महत्वपूर्ण कार्य कर रहा है ।
आज पूरी दूनिया कोविड महामारी से जूझ रही है। हालांकि कोविड -19 प्रेरित महामारी ने हमें शिक्षा में प्रौद्योगिकी के महत्व का एहसास कराया। लेकिन गरीब व दूर-दराज क्षेत्र के बच्चें कोविड महामारी के दौरान शिक्षा ग्रहण करने से वंचित रहें है।
इस महामारी में बच्चों की शिक्षा में विपरित प्रभाव पड़ा है। एक सर्वे में पाया गया है कि 40 प्रतिशत बच्चें ही आनलाईन शिक्षा ग्रहण कर पाए हैं। ऐसे में बच्चांे की शिक्षा क्षतिपूर्ति के लिए हमें सिलेबस को दोहराने की आवश्यकता है । इसके लिए टयूटोरियल कक्षांए शुरू करने की जरूरत है।
मुझे यह कहते हुए खुशी हो रही है कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में मूल्य आधारित शिक्षा, कौशल व व्यवसायिक शिक्षा तथा बच्चों के समग्र विकास पर काफी जोर दिया गया है।
नई शिक्षा नीति में यह भी प्रावधान किया गया है कि बच्चों को प्राईमरी व उच्च शिक्षा से ही उनकी रूचि अनुसार कौशल शिक्षा दी जाए ताकि ये बच्चे बड़े होकर नौकरी ढुंढने वाले नहीं बल्कि नौकरी देने वाले बनें ।
मैं यहां स्पष्ट कर दूं कि स्वास्थ्य और शिक्षा पैसे कमाने के लिए नहीं हैं। ये मानव संसाधन विकास के दो महत्वपूर्ण स्तंभ हैं, जिनसे न तो समझौता किया जा सकता है और न ही व्यापार किया जा सकता है।
आज कम्पीटीशन का युग है। ऐसे में अंग्रेजी के मंहगे स्कूलो में पढ़े हुए बच्चे आगे निकल जाते है। और ग्रामीण बच्चे अंग्रेजी न आने से हीन भावना का शिकार हो जाते है।
70 साल में पहली बार प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में तैयार की गई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में मातृभाषा को बढ़ावा दिया गया है। इससे ग्रामीण क्षेत्र के बच्चे सभी प्रकार की शिक्षा अपनी मातृभाषा में ग्रहण कर काम्पीटिशन में आगे निकल पाएगें ।
हरियाणा सरकार ने गुणवता की शिक्षा के साथ बच्चों की खेल गतिविधियों पर फोकस किया है। हरियाणा राज्य में ग्यारह सौ से अधिक सरकारी प्ले स्कूल कार्यरत हैं। बच्चों को गुणवत्ता की शिक्षा देने के लिए सरकार द्वारा एक सौ सैंतीस संस्कृति मॉडल स्कूल खोले हैं।
सुपर-100 कार्यक्रम के तहत गरीब मेधावी छात्रों को जेईई-नीट परीक्षा के लिए निःशुल्क कोचिंग दी जा रही है। इस साल सुपर-100 के 26 छात्रों को आईआईटी में दाखिले के लिए चुना गया है। यह हम सब के लिए गर्व की बात है।
देवियो और सज्जनो,
कल ही हमने अपना संविधान दिवस मनाया है। मुझे उम्मीद है कि ;निसाद्ध ने अपने बच्चों को संविधान की प्रस्तावना पढ़ने के लिए सुनिश्चित किया होगा। सभी स्कूलों में एक पीरीयड ;कक्षाद्ध ऐसी होनी चाहिए जिसमें सवैधानिक, मूल्यों, देशभक्ति, समानता, न्याय, बंधुत्व और स्वतंत्रता के बारे छात्रों को शिक्षा दी जाए ताकि हमारे स्कूल आदर्श नागरिक बना सकें ।
हमें बच्चो का पूरी तरह पोषण करना चाहिए ताकि ये बड़े होकर जिम्मेवार और सशक्त नागरिक बने। बच्चों में शुरू से ही मूल्यों, अनुशासन, व्यवहारिक शिष्टाचार और देश के प्रति प्रेम का झुकाव होना चाहिए। हमंे बच्चों का नेशन फर्स्ट की भावना के साथ सर्वागींण विकास करना है।
प्रत्येक बच्चे को स्काउट्स एनसीसी, एनएसएस, खेल और कई अन्य रचनात्मक गतिविधियों में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करें, जिसके लिए हमारे स्कूल परिसर में एक आधरभूत तंत्र की आवश्यकता है।
मैं एन0आई0एस0ए ;निसाद्ध से यह सुनिश्चित करने का आह्वान करता हूं कि सभी सदस्य स्कूलों कोएनईपी-2020 को लागू करने के लिए तिमाही, अर्धवाषिक और वार्षिक शेड्यूल तैयार करना चाहिए।
विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति के रूप में, मैंने उन्हें एनईपी-2020 के कार्यान्वयन के लिए त्रैमासिक, अर्धवार्षिक व वार्षिक कार्यक्रम बनाने के लिए कहा है।
मैं ;निसाद्ध को यह महत्वपूर्ण समिट आयोजित करने पर हार्दिक बधाई व शुभकामनांए प्रदान करता है। मेरा मानना है कि यह समिट शिक्षा के सुधार में एक मील का पत्थर साबित होगी ।
जय हिन्द ! जय हरियाणा