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    श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय, पलवल में दीक्षांत समारोह

    Publish Date: सितम्बर 17, 2021

    1. दीक्षांत समारोह के मुख्य अतिथि माननीय श्री मूलचंद शर्मा जी, कौशल विकास और औद्योगिक प्रशिक्षण मंत्री, हरियाणा सरकार—
    2. श्री राज नेहरू जी, कुलपति, श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय, पलवल—
    3. प्रो0 रणधीर सिंह राठौर जी, कुलसचिव, सभी सम्मानित प्राध्यापकगण एवं अध्यापकगण, प्रिय उपाधि प्राप्तकर्ताआंे, प्यारे छात्रों तथा पत्रकार एवं छायाकार बंधुओं।
    मुझे श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय, दूधौला, पलवल में प्रथम दीक्षांत समारोह में उपस्थित होकर अपार हर्ष हो रहा है। ऐसा इसलिए कि यह विश्वविद्यालय देश का पहला अपनी तरह का कौशल विश्वविद्यालय जहां विश्वविद्यालय का पहला ही दीक्षांत समारोह आयोजित किया गया है।
    आज भगवान श्री विश्वकर्मा जी की जयंती है साथ ही देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का जन्मदिन है। मैं इन अवसरों के लिए प्रदेशवासियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं देता हूं। भगवान श्री विश्वकर्मा को निर्माण व सृजन का देवता माना जाता है। वहीं वर्तमान में प्रधानमंत्री जी ने देश के नव-निर्माण का अभियान शुरू किया है। इसी कड़ी में उन्होंने देश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 लागू की है। यह शिक्षा नीति शिक्षा जगत के लिए क्रांतिकारी कदम है और इससे एक नए युग की शुरूआत हुई है। नई शिक्षा नीति के उद्देश्यों के अनुरूप यह विश्वविद्यालय युवा पीढ़ी के भविष्य का कायापलट का वाहक होगा।
    प्रिय उपाधि प्राप्तकर्ताओ! आज देश में आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है। 75 वर्षों की भारत की स्वतंत्रता के बाद कृषि, विज्ञान, कला, कौशल, संस्कृति एवं सामाजिक क्षेत्रों में वर्तमान मांग के अनुसार युवा पीढ़ी के सपनों को साकार करने का समय है। इन सपनों को कौशल शिक्षा के माध्यम से ही साकार किया जा सकता है। हमें गर्व होता है कि आज हमारे पास वर्तमान मांग के अनुरूप एक ऐसी नई शिक्षा नीति है।
    आज कौशल शिक्षा, प्रौद्योगिकी विकास, रोजगारोन्मुखी शिक्षा प्रक्रिया के नए ‘एक्शन प्लान’ की नितांत आवश्यकता है। नई शिक्षा नीति में कौशल एवं प्रौद्योगिक शिक्षा पर बल दिया गया है। अब शिक्षण संस्थानों में प्रायोगिकी शिक्षा के लिए दो तिहाई समय तय किया गया है, जबकि पहले यह समय केवल मात्र एक तिहाई ही था।

    प्रिय विद्यार्थियो! इस विशेष अवसर पर मुझे आपको बधाई देने में विशेष हर्ष हो रहा है। आपकी मेधा एवं सफलता को पहचान कर आपको डिग्रियां प्रदान की जा रही हैं। जैसा कि आप जानते हैं कि यह डिग्री और डिप्लोमा जीवन के हर क्षण में आपके सच्चे साथी हैं। यह निश्चित रूप से आपको वास्तविक जीवन की परिस्थितियों का निर्वाहन करने में एक संतुलन प्रदान करेगीं। विश्वविद्यालय परिवार को आपकी उपलब्धियों पर गर्व है एवं इससे विश्वविद्यालय का आपके साथ एक मजबूत भावनात्मक लगाव रहेगा। आज से आपके जीवन में नई जिम्मेवारी की शुरूआत हुई है।
    मुझे आशा है कि आप अपनी जिम्मेवारी निभाते हुए राष्ट्र और समाज के निर्माण में योगदान देते रहेगें।
    इस देश का भविष्य आपके हाथों में है और आपको भारत को विश्व में सर्वश्रेष्ठ बनाने के लिए एक वैश्विक दृष्टिकोण विकसित करना होगा। ज्ञान एवं अनुशासन इस वास्तविक दुनिया में हर क्षण आपका मार्गदर्शन करेगा। मैं चाहता हूं कि आप जन-जन तक शिक्षा, पर्यावरण, नीति, सामाजिक समानता, धैर्य एवं न्याय के लिए जागरूकता के सृजन में संलग्न होगें।
    कौशल शिक्षा, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में शोध अब प्रयोगशालाओं से जन सामान्य तक पहुंचना शुरू हो गया है। शोध कार्यों का ज्यादा से ज्यादा लाभ समाज को मिले इसके लिए हमे कार्यशाला से बाहर निकल कर शोधार्थियों को आमजन तक शोध परिणामों की जानकारी पहुंचाने के लिए अधिक प्रयास करने होगें। हम आज कोरोना, टी.बी., मलेरिया, कोढ़, प्लेग, पोलियो आदि जैसी घातक बिमारियों से आसानी से लड़ सकते हैं। यह शोध कार्यों का ही परिणाम है।
    प्रिय उपाधि प्राप्तकर्ताओ! आज के युग में विपरित ‘ब्रेन ड्रेन’ की नितांत आवश्यकता है। ऐसा तभी संभव है जब वैज्ञानिक एवं तकनीकी विशेषज्ञ विकासशील देशों में प्रवास करके वहां के विश्वविद्यालयों को समझें और रोजगार सृजन में अपना योगदान दें। विपरीत ब्रेन ड्रेन की स्थिति देश के विकास, रणनीतियों एवं योजनाओं पर निर्भर करती है। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति इसमें हमारी सहायक सिद्ध होगी।
    शिक्षा में कौशल विकास की लोकप्रियता का हर प्रकार से प्रयास किए जाने चाहिएं ताकि विज्ञान का फल मानव जीवन को श्रेष्ठ से श्रेष्ठतर बनाने में किया जा सके। मैं उन युवाओं को आहवान करना चाहता हूं, जिन्होंने अभी-अभी डिग्री व डिप्लोमा प्राप्त किया है, आप जिस क्षेत्र में पारंगत हुए हैं उसे समाज के अन्य वर्गों तक पहुंचाएं। इससे आमजन कौशलता, उदारीकरण, निजीकरण एवं वैश्विकरण के इस युग में वैश्विक प्रतिस्पर्धा का सफलतापूर्वक लाभ उठा पाएगा।
    वर्ष 2025 तक या उससे पूर्व ही एक विकसित भारत अब एक स्वप्न नहीं वरन् एक मिशन है। कौशल युवा देश के अति महत्वपूर्ण संसाधन हैं। यह संसाधन अन्य संसाधनों से अधिक ताकतवर है, जो विकासशील भारत को विकसित भारत में परिवर्तित करने की क्षमता रखता है। इस दिशा में भारत सरकार के ‘मेक इन इंडिया’, ‘स्किल इंडिया’, ‘डिजीटल इंडिया’ कार्यक्रम अति आशावादी एवं सशक्त हैं, जो विकसित भारत के मिशन को प्राप्त कर सकते हैं।
    ‘मेक इन इंडिया’ को बढ़ावा देने के लिए ‘स्टार्ट अप इंडिया’ अभियान की भी शुरूआत की गई, जिसका लक्ष्य रोजगार सृजन एवं उद्यमिता को प्रोत्साहन देने के लिए बैकिंग फाइनांस को बढ़ावा देना है। इसका उद्देश्य अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ा वर्ग एवं महिलाओं आदि को उद्यमिता के लिए प्रोत्साहित करना है। ‘मेक इन इंडिया’ व ‘स्टार्टअप’ को सहयोग प्रदान करने के लिए ‘स्किल इंडिया’ भारत का ड्रीम प्रोजेक्ट है।
    दीक्षांत समारोह के माध्यम से मेरी विश्वविद्यालय के शिक्षकों व पदाधिकारियों से अपील है कि वे स्थानीय मांग व वर्तमान की आवश्यकताओं पर आधारित कौशल प्रशिक्षण के ज्यादा से ज्यादा कोर्स शुरू करें। इसके साथ-साथ सरकार व प्रशासन से समन्वय कर ग्रामीण स्तर पर कलस्टर स्थापित कर गरीब वर्ग के युवाओं को प्रशिक्षण दें। इसके लिए लोकल मार्केट अनुसार प्लम्बर, डेरी, हथकरघा व कृषि आधारित कार्यों पर जोर देने की आवश्यकता है। श्री विश्वकर्मा विश्वविद्यालय देश का ऐसा अनूठा विश्वविद्यालय है जो ‘लोकल फार वोकल‘ के आधार पर प्रशिक्षण कार्यक्रमों को लागू कर देश में अपनी पहचान कायम कर सकता है।
    मेरी विश्वविद्यालय के शिक्षकों व पदाधिकारियों से अपील है कि वे स्थानीय मांग व वर्तमान की आवश्यकताओं पर आधारित कौशल प्रशिक्षण के ज्यादा से ज्यादा कोर्स शुरू करें। इसके साथ-साथ सरकार व प्रशासन से समन्वय कर ग्रामीण स्तर पर कलस्टर स्थापित कर गरीब वर्ग के युवाओं को प्रशिक्षण दें। इसके लिए लोकल मार्केट अनुसार प्लम्बर, डेरी, हथकरघा व कृषि आधारित कार्यों पर जोर देने की आवश्यकता है। श्री विश्वकर्मा विश्वविद्यालय देश का ऐसा अनूठा विश्वविद्यालय है जो ‘लोकल फार वोकल‘ के आधार पर प्रशिक्षण कार्यक्रमों को लागू कर देश में अपनी पहचान कायम कर सकता है।
    मैं इस दीक्षांत समारोह में पधारे सभी उपाधि प्राप्तकर्ताओं को बधाई देता हूं। मैं आशा करता हूं कि भारत में कौशलता, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी शिक्षा के क्षेत्र में वास्तविक लक्ष्यों को प्राप्त करने में आप सभी का निरन्तर सहयोग मिलता रहेगा।
    अंत में मैं आपके उज्ज्वल भविष्य की मंगल कामना करता हूं। आईए, हम सभी अपने आप को भारत माता एवं यहां के लोगों के विकास में समर्पित कर दें। इस विश्वास के साथ मैं विश्वविद्यालय परिवार का इस प्रथम दीक्षांत समारोह के सफल आयोजन के लिए अभिवादन करता हूं।
    जयहिन्द! जय हरियाणा।