कोविड -19 का मुकाबला करने में सरकार व कोरोना योद्वाओं की जबरदस्त प्रतिबद्धता
विशेषज्ञों ने दो सप्ताह पहले ही भविष्यवाणी की थी कि कोविड -19 की तीसरी लहर में एक दिन में अधिकतम लगभग साढ़े तीन लाख से कम मामले सामने आएंगे। उन्होंने निर्धारित किया था कि 23 जनवरी को सबसे अधिक कोरोना पोजिटिव मामले आएंगे । उनकी यह भविष्यवाणी सच हुई और 22 जनवरी को अधिकतम 3.33 लाख मामले सामने आए । उसके बाद लगातार मामले कम हुए और 29 जनवरी को 2.34 लाख मामले सामने आए। इसके बाद से सरकार के बेहतर प्रबन्धन से लगातार कोरोना का डाउनफाॅल है। इसी कारण से विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने भारत को खतरे से बाहर रखा है।
जब कोविड -19 की दूसरी लहर 30 अप्रैल, 2021 को अपने चरम पर थी, तब 3.86 लाख सामने आए थे। तब टीका लगवाने वालों लोगों का अनुपात सिर्फ दो प्रतिशत था। राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान के तहत अब तक 166 करोड़ टीकों की खुराक दी जा चुकी है। 15-18 आयु वर्ग के साढ़े चार करोड़ से अधिक यानी 60 प्रतिशत युवाओं को टीके की पहली खुराक दी जा चुकी है। इसी प्रकार से देश में मात्र चार सप्ताह में एक करोड़ से भी अधिक लोग बुस्टर डोज ले चुके है।
परिणास्वरूप कोविड-19 की तीसरी लहर की गंभीरता काफी कम हुई है। घबराने की जरूरत नहीं है । बल्कि अभी भी सावधानियां बरतने की जरूरत है। कोविड-19 को हराने के लिए मास्क लगाना, सैनिटाइजर का प्रयोग, सोशल डिस्टेंसिंग बरतना और भीड़-भाड़ वाली जगहों से बचना कुछ ऐसी सावधानियां हैं जिन्हें अपना कर हम स्वयं को सुरक्षित रख सकते है।
चूंकि मजबूत प्रतिरक्षा प्रणाली कोरोनावायरस से ठीक से लड़ने में बेहद कारगर है। इसलिए पौष्टिक आहार और व्यायाम अत्यधिक जरूरी है। हमें स्वस्थ और प्रतिरोगात्मक आहार लेना चाहिए।
कोरोना पर पार पाने के लिए केन्द्र और राज्य सरकारो, कोरोना योद्धाओं, डॉक्टरों, पैरामेडिकल स्टाफ, नागरिक प्रशासन, गैर सरकारी संगठनों, सशस्त्र बलों ने भारत को कोविड -19 के खतरे से लड़ने में प्रतिबद्धंता दिखाई पूरी दूनिया में एक उदाहरण स्थापित किया।
इस कारण से विश्वभर ने कोरोनोवायरस महामारी जैसी चुनौती से निपटने के लिए हमारी कुशल रणनीति का एहसास किया। तकनीकी प्लेटफॉर्म के उपयोग से लेकर वैक्सीन आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करने तक, भारत आज कोविड-19 के खिलाफ अपनी लड़ाई में मानवता के लिए आशा का केंद्र बना है।
हमने दुनिया को दिखाया है भारत प्राकृतिक आपदा की हर स्थिति का सामना करने में सक्षम है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और दूरदृष्टि ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के सामने साबित कर दिया कि भारत इस चुनौती पर पार पाने में पूरी तरह सक्षम है । देश आक्रामक टीकाकरण अभियान की बदौलत कोविड -19 की तीसरी लहर को कुशलता से संभालने में सक्षम रहा है।
देश में अभी भी प्रत्येक पात्र व्यक्ति को बूस्टर खुराक लेने की आवश्यकता है। जो इस समय बुजुर्गों और अन्य पात्र व्यक्तियों को दी जा रही है। हमारे कोरोना योद्धाओं को सैल्युट है, जो विभिन्न बाधाओं और चुनौतियों का मुकाबला करते हुए देश के कोने-कोने में दुर्गम स्थानों पर भी पहुंचकर लोगों का टीकाकरण कर रहे हैं। उन्होने टीकाकरण अभियान को सुचारू और निर्बाध जारी रखने के लिए अंधविश्वास से सम्बन्धित भी सभी बाधाओं को पार किया है।
देश में सात वैक्सीन निर्माता – सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया, भारत बायोटेक, डॉ रेड्डीज लैबोरेटरीज, जायडस कैडिला, बायोलॉजिकल ई, जेनोवा बायोफार्मा और पैनासिया बायोटेक भी प्रशंसा के पात्र हैं। उन्होंने विश्व स्तर पर अपनी नेतृत्व क्षमता साबित की है। इन वैक्सीन निर्माताओं के सहयोग से भारत विश्व के सैंकड़ो देशों में वैक्सीन पहुॅंचा पाया है। इससे दूनिया में भारत का गौरव बढ़ा है। अभी भी देश व अन्य राज्यों में पर्याप्त मात्रा में वैक्ससीन उपलब्ध है।
हरियाणा भी कोविड-19 प्रबंधन और टीकाकरण अभियान में एक रोल मॉडल के रूप में उभरा है। लोगों को कोविड-19 के हमले से बचाने के लिए अब तक लगभग चार करोड़ टीकों की खुराक दी जा चुकी है। इस प्रकार से हरियाणा में शत प्रति वयस्क लोगों को पहली डोज लगाई जा चुकी है। राज्य सरकार व कोरोना योद्धाओं के प्रयास से हम निरन्तर कोरोना महामारी पर जीत की ओर अग्रसर है। हम सभी को अभी प्रतिबद्वता और ढृढ संकल्प अपनाने की जरूरत है जिससे निश्चित रूप से कोरोना हारेगा और हम जीतेंगें।