श्री कप्तान सिंह सोलंकी
माननीय प्रोफेसर कप्तान सिंह सोलंकी का जन्म 1 जुलाई 1939 को गढ़पारा, मध्य प्रदेश में हुआ था। उन्होंने अंग्रेजी मंन स्नातकोत्तर और विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन और जीवाजी विश्वविद्यालय, ग्वालियर से बीएड किया। अध्यापन के उनके जुनून ने उन्हें 1958 से 1965 तक बनमोर सीमेंट वर्क्स स्कूल, जिला मुरैना में शिक्षक बनने के लिए प्रेरित किया। ज्ञान फैलाने के अपने मिशन को आगे बढ़ाने के लिए प्रो0 सोलंकी ने 1965 से 1966 तक ग्वालियर के विद्यालोक मंदिर सीनियर सेकेंडरी स्कूल में एक शिक्षक के रूप में भी काम किया और फिर 1966 से 2000 तक ग्वालियर के पीजीवी कॉलेज में प्रोफेसर बने। उनके वक्तृत्व कौशल और ज्ञान ने राजनीति में रुचि जगाई। उनके ज्ञान और सेवा के जुनून के परिणामस्वरूप 2002 से 2006 तक मध्य प्रदेश में महासचिव, भाजपा का पद और फिर 2007 से 2010 तक राज्य संयोजक, महाराष्ट्र और 2010 से 2014 तक राजस्थान के राज्य संयोजक भाजपा बने। अगस्त 2009 में वे राज्यसभा के लिए चुने गए। मातृभूमि की सेवा करने के उनके उत्साह ने उन्हें अगस्त 2009 में खाद्य, उपभोक्ता मामले और सार्वजनिक वितरण समिति जैसी विभिन्न समितियों में सदस्य बना दिया। जुलाई 2010 में उन्हें युवा मामले और खेल मंत्रालय की सलाहकार समिति का सदस्य बनाया गया। अप्रैल 2012 में प्रो0 सोलंकी राज्यसभा के लिए फिर से चुने गए। फिर उन्हें विद्युत मंत्रालय, भारत क्यूबा संसदीय मैत्री समूह और भारत बोस्निया और हर्जेगोविना संसदीय मित्रता समूह की सलाहकार समिति के सदस्य के पद पर पदोन्नत किया गया। उनके निरंतर और स्थिर विकास के परिणामस्वरूप 27 जुलाई 2014 को हरियाणा के राज्यपाल का पद मिला। बाद में उन्होंने 21 जनवरी 2015 से 21 अगस्त, 2016 तक पंजाब के राज्यपाल और केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ के प्रशासक का अतिरिक्त प्रभार भी ग्रहण किया। उन्होंने 17 जुलाई, 2018 से 2 अगस्त 2018 तक हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल के पद का अतिरिक्त प्रभार भी ग्रहण किया। राजनीति के अलावा प्रो0 सोलंकी ने मध्य प्रदेश में सरस्वती विद्या प्रतिष्ठान में राज्य अध्यक्ष के रूप में कार्य किया; म0प्र0 में सरस्वती शिक्षा परिषद् में एक क्षेत्रीय प्रतिनिधि के रूप में कार्य किया; कार्यकारी निदेशक के रूप में ‘सवदेश‘ समाचार पत्र, ग्वालियर; महासचिव, विद्यालोक शिक्षण समिति, ग्वालियरय सदस्य, मध्य भारतीय हिंदी साहित्य सभा, ग्वालियर प्रांत कार्यवाह, मध्य भारत राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ; प्रांत प्रचारक, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ 1998-2002 और क्षेत्रीय संपर्क प्रमुख, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ।