राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय ने कारगिल-विजय की 22वीं वर्षगांठ पर कारगिल योद्धाओं को नमन किया
चण्डीगढ़ 26 जुलाई- हरियाणा के राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय ने कारगिल-विजय की 22वीं वर्षगांठ पर कारगिल योद्धाओं को नमन किया है। उन्होंने कहा कि भारतीय सैनिक देश और देशवासियों के प्यार के लिए अपने जीवन के सर्वोच्च हेतु सदैव तत्पर रहता है। सैनिकों का यह जज्बा हर भारतवासी को गौरवान्वित करता है।
श्री दत्तात्रेय ने कहा कारगिल की विजय का महत्व देश के साथ-साथ हरियाणावासियों के लिए और अधिक बढ़ जाता है। कारगिल आॅपरेशन के दौरान हरियाणा प्रदेश के 100 से भी अधिक वीरों ने अपनी शहादत दी थी, जबकि सेना के कुल 500 से अधिक जवान शहीद हुए थे। कारगिल युद्ध में प्रदेश के सैनिकों की शहादत के लिए सैनिक परिवारों को भी नमन है।
उन्होंने कहा कि हरियाणा प्रदेश वीरों की भूमि है। हरियाणा प्रदेश की वीर भूमि में राज्यपाल के पद पर नियुक्त होने पर वे अत्यंत प्रसन्नता महसूस कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इससे पहले उन्हें देव भूमि (हिमाचल) पर सेवा करने का मौका मिला। वहां भी उन्होंने पूरी तन्मयता के साथ कार्य करने का मौका मिला।
राज्यपाल ने कहा कि हरियाणा प्रदेश का इतिहास वीरों की शहादत से भरा पड़ा है। बात चाहे महाभारत काल की हो, अंग्रेजी शासन काल की हो या पूर्व में हुए 1962, 1965 ,1971 के युद्धों की हो भारतीय सैनिकों ने सदैव दुश्मन का डटकर मुकाबला किया है और देश का माथा उंचा किया है।
श्री दत्तोत्रय ने कहा कि वर्तमान में भी भारतीय सेना में दस प्रतिशत से भी अधिक सैनिक हरियाणा प्रदेश से हैं, जबकि हरियाणा का क्षेत्र देश के क्षेत्र का मात्र 2 प्रतिशत है। इससे पता चलता है कि हरियाणा के हर युवा में देश प्रेम और राष्ट्रभक्ति का जज्बा कूट-कूट कर भरा हुआ है। राज्य सरकार भी सैनिक और अर्द्धसैनिक बलों के कल्याण के लिए पूरी तरह संवेदनशील है।
राज्यपाल ने सैनिकों के लिए शुरू की गई सरकार की योजनाओं की सराहना करते हुए कहा कि राज्य सरकार द्वारा 60 वर्ष से या इससे अधिक आयु के भूतपूर्व सैनिक व उनकी विद्वाओं, भूतपूर्व सैनिक के अनाथ बच्चों, 1962, 1965 तथा 1971 की युद्ध विद्वाओं की आर्थिक सहायता बढ़ाकर 4600 रूपये मासिक कर दिया है। इसके साथ-साथ दिव्यांग नेत्रहीन, पैराप्लेजिक, टैटराप्लेजिक और हैमियाप्लेजिक भूतपूर्व सैनिकों को दी जाने वाली आर्थिक सहायता बढ़ाकर भी 4600 रूपये मासिक की गई। राज्य सरकार द्वारा शहीद सैन्य/अर्द्धसैनिक बलों के 41 आश्रितों को अनुकम्पा के आधार पर नौकरी देकर प्रोत्साहित किया है। अब सरकारी नौकरी पाने वालों की संख्या बढ़कर 341 हो गई है। राज्य सरकार की कल्याणकारी और प्रोत्साहित करने वाली योजनाओं से निश्चित रूप से प्रदेश को युवाओं में भारतीय सेना में सेवा करने का जज्बा और बढ़ा है।