राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय ने भारत रत्न डॉ. बीआर अंबेडकर को उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित की
चंडीगढ़, 6 दिसंबर, 2024- हरियाणा के राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय ने शुक्रवार को भारत रत्न डॉ. बीआर अंबेडकर को उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि डॉ. बीआर अंबेडकर भारतीय संविधान के शिल्पकार और एक महान समाज सुधारक थे, जिनकी दूरदर्शिता आज भी राष्ट्र का मार्गदर्शन कर रही है।
श्री दत्तात्रेय ने कहा कि डॉ. बीआर अंबेडकर का जीवन सामाजिक न्याय, समानता और मानवीय गरिमा के प्रति उनकी अटूट प्रतिबद्धता का प्रमाण है। उन्होंने अपना सारा जीवन हाशिए पर पड़े लोगों के अधिकारों की रक्षा करने और एक ऐसे समाज की कल्पना करने के लिए समर्पित कर दिया, जहां हर कोई सम्मान और समान अवसरों के साथ रह सके।
राज्यपाल ने कहा कि भारतीय संविधान के प्रारूपण में डॉ. अंबेडकर के गहन योगदान ने एक लोकतांत्रिक, समावेशी और प्रगतिशील भारत की नींव रखी। उन्होंने कहा कि सामाजिक सुधार, शिक्षा और आर्थिक सशक्तिकरण पर उनके विचार आज भी प्रासंगिक हैं, क्योंकि हम भेदभाव और असमानता से मुक्त समाज बनाने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि डॉ. बीआर अंबेडकर के बहुमुखी योगदान ने एक राष्ट्र निर्माता के रूप में उनकी विरासत को मजबूत किया है, जो एक न्यायपूर्ण और समतापूर्ण भारत को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
उन्होंने कहा, इस महापरिनिर्वाण दिवस पर, हमें न्याय, समानता, बंधुत्व और स्वतंत्रता के उनके आदर्शों को बनाए रखने और बढ़ावा देने की तत्काल आवश्यकता की याद दिलाई जाती है ताकि एक अधिक न्यायपूर्ण, सामंजस्यपूर्ण और समावेशी दुनिया का निर्माण किया जा सके। इस अवसर पर, राज्यपाल श्री दत्तात्रेय ने हरियाणा के लोगों से एकता, सामाजिक सद्भाव और वंचितों के उत्थान की दिशा में काम करके डॉ. अंबेडकर के आदर्शों के प्रति खुद को फिर से समर्पित करने का आग्रह किया।
श्री बंडारू दत्तात्रेय ने कहा, आइए हम समावेशिता व शिक्षा को बढ़ावा देकर और यह सुनिश्चित करके उनकी स्मृति का सम्मान करें कि हमारे संविधान में निहित अधिकार सभी के लिए बरकरार रहें। राज्यपाल ने डॉ. अंबेडकर की विरासत के बारे में भावी पीढ़ियों को शिक्षित करने के महत्व पर भी प्रकाश डाला और कहा कि उनके विचारों और मूल्यों को युवाओं को समर्पण और ईमानदारी के साथ राष्ट्र के विकास में योगदान देने के लिए प्रेरित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि आइये हम मिलकर एक ऐसे समाज का निर्माण करें जो वास्तव में डॉ. अंबेडकर जी द्वारा समर्थित सिद्धांतों और मूल्यों को प्रतिबिंबित करे।