राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय ने दीनबंधु छोटूराम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मुरथल के 625 छात्र-छात्राओं को डिग्रियां प्रदान करते हुए जीवन के नये पड़ाव की सफलता के लिए शुभकामनाएं दी
चण्डीगढ़, 29 अप्रैल। हरियाणा के राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय ने दीनबंधु छोटूराम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मुरथल के 625 छात्र-छात्राओं को डिग्रियां प्रदान करते हुए जीवन के नये पड़ाव की सफलता के लिए शुभकामनाएं दी।
शुक्रवार को डीसीआरयूएसटी का 7वां दीक्षांत समारोह सफलतापूर्वक आयोजित किया गया, जिसका शुभारंभ राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने दीप प्रज्वलित करके किया। उन्होंने डिग्री लेने वाले विद्यार्थियों को बधाई देते हुए नई शिक्षा नीति के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति से स्व-रोजगार को बढ़ावा मिलेगा, जिससे बेरोजगारी की समस्या दूर होगी। उन्होंने कहा कि पहले देश में सीमित स्टार्ट अप होते थे, जिनकी संख्या अब करीब 60 हजार पहुंच गई है। युवाओं को उद्यमी बनने की दिशा में कदम बढ़ाने होंगे, जिससे वे स्वयं रोजगारदाता बनेंगे।
राज्यपाल दत्तात्रेय ने कहा कि खुशी की बात है कि विश्वविद्यालय के दीक्षान्त समारोह में सत्तर स्वर्ण पदक सहित 625 छात्र-छात्राओं को डिग्रियां प्रदान की गई। इन डिग्रीधारकों में लगभग आधी लड़कियां हैं। और भी खुशी की बात यह है कि स्नातकोत्तर और पीएचडी की डिगी प्राप्त करने वाली लड़कियों की संख्या लडक़ों से कहीं अधिक है। इससे प्रमाणित होता है कि लड़कियां आज हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही है। विद्यार्थियों ने अपनी शिक्षा के दौरान जो ज्ञान, कौशल और नैतिक मूल्यों का आत्मसात किया है, यह राष्ट्र की प्रगति व समृद्धि के लिए व अपने कैरियर में उत्कृष्टता प्राप्त करने में मद्दगार साबित होगा। उन्होंने कहा कि देश और समाज को युवा वर्ग से बहुत सारी अपेक्षाएं हैं क्योंकि आपके पास भविष्य की आवश्यकताओं के अनुकूल नए विचार और अभिनव दृष्टिकोण हैं।
राज्यपाल ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति, डिजिटल प्रणाली, नई टेक्नोलॉजी, सोशल मीडिया और शिक्षा के नए साधनों के चलते शिक्षा, सेवा और शासन में एक बदलाव का दौर है। इस दौर में हमें विशेष रूप से शिक्षा में डिजिटल व टेक्नोलॉजी प्रणाली को अपनाकर आगे बढ़ना है, तभी नई शिक्षा व्यवस्था का आधार मजबूत होगा।
राज्पाल दत्तात्रेय ने कहा कि आज प्रौद्योगिकी और डिजीटलाईजेशन के युग में आर्टिफिसियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, ब्लॉक चेन, स्मार्ट बोर्ड, हस्त संचालित कंप्यूटिंग उपकरण, एडेप्टिव कंप्यूटर टेस्टिंग, और अन्य साईबर सेवाओं, साईबर सुरक्षा व अन्य क्षेत्रों में रोजगार की अपार सभावनाएं हैं। इन्हीं संभावनाओं का लाभ लेने के लिए केन्द्रीय बजट में प्रौद्योगिकी क्षेत्र के लिए 80 हजार करोड़ रूपये खर्च करने का भी प्रावधान किया गया है। इस वित्त व्यवस्था से नई टैक्नोलॉजी को और बढ़ावा मिलेगा।
राज्यपाल ने विद्यार्थियों से अपील की कि आप अपनी शिक्षा पूरी करने के पश्चात पेशेवर क्षेत्र में जाकर नए स्टार्ट-अप शुरू कर उद्यमिता के क्षेत्र में उतरें। देश का युवा इस ओर आगे बढ़ चुका है। कौशलता के इस युग में युवाओं व छात्रों को व्यवसायों के लिए प्रशिक्षण व कौशलता में पारंगत करके ही स्टार्ट-अप के लिए तैयार कर सकते हैं। इन सब के लिए औद्योगिक इकाईयों व दूसरे विश्वविद्यालयों से एम.ओ.यू. साईन करना और विश्वविद्यालयों में इनक्यूबेशन, इनोवेशन, कैरियर काउंसलिंग सेंटर की स्थापना की जानी जरूरी है।
उन्होंने विश्वविद्यालय प्रशासन से कहा है कि जोब-प्लेसमैंट के लिए पूर्व छात्रों (एल्यूमनाई) का भरपूर सहयोग लें। इसके साथ छात्रों को एलुमनाई के पास भेजे जिससे छात्रों को अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद पेशेवर दुनिया में बेझिझक होकर उतर पाएंगे। सभी विश्वविद्यालयों को नई टैक्नोलोजी के साथ रिसर्च वर्क को आगे बढ़ाना होगा। इनके लिए आधुनिक लैब की सुविधा के साथ-साथ स्किल व प्रशिक्षण केन्द्र स्थापित करने होंगे। आप अपने द्वारा किए गए अनुसंधान के उत्पादों को पेटेंट करवाएं, जिससे आत्मनिर्भर भारत अभियान व लोकल फॉर वोकल अभियान को बल मिलेगा।
हरियाणा में शिक्षा के क्षेत्र में ई-लर्निंग शिक्षा का आधार तैयार किया गया है। इसके साथ-साथ विद्यार्थियों को ई-शिक्षा के सभी मोड में शिक्षा प्रदान की जा रही है। शिक्षा के विस्तार के लिए वर्ष 2020-21 में प्रदेश में एक दर्जन से भी अधिक नए सरकारी कॉलेज खोले गए हैं। इस समय प्रदेश में तीस राजकीय महाविद्यालय केवल लड़कियों के लिए हैं।
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय समाज का एक हिस्सा हैं और समाज के प्रति इन संस्थाओं की एक जिम्मेदारी है। विश्वविद्यालयों से जुड़ी युवा शक्ति का समाज निर्माण में बेहतर उपयोग के लिए सामुदायिक जागरूकता कार्यक्रमों, रक्तदान शिविरों, पोषण और कानूनी जागरूकता कार्यक्रमों, महिला सशक्तिकरण अभियान, स्वच्छता अभियान आदि में छात्रों की भागीदारी सुनिश्चित करनी होगी।
इनसे पहले उच्चतर एवं तकनीकी शिक्षा विभाग के एसीसी आनंद मोहन शरण ने डिग्री हासिल करने वाले छात्र-छात्राओं को बधाई देते हुए विश्वविद्यालय की शोधकार्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए मुक्त कंठ से प्रशंसा की।
सांसद रमेश कौशिक ने 7वें दीक्षांत समारोह की बधाई देते हुए कहा कि 2006 में विश्वविद्यालय को स्थापित किया गया था, जो कि पहले एक कॉलेज होता था।
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राजेंद्र कुमार अनायत ने राज्यपाल सहित सभी अतिथियों का अभिनंदन करते हुए विश्वविद्यालय की उपलब्धियों का संक्षिप्त ब्यौरा दिया। साथ ही उन्होंने बताया कि पहले सीमित संख्या में मुरथल के विद्यार्थियों को विश्वविद्यालय में दाखिल मिलता था।
इस अवसर पर राई हल्का के विधायक श्री मोहन लाल बड़ोली, गन्नौर की विधायिका श्रीमती निर्मल चैधरी व उपायुक्त ललित सिवाच सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।