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    बदलते परिदृश्य के अनुसार लालन-पालन, शिक्षा, सरंक्षण कर हमारा नैतिक दायित्व- बंडारू दतात्रेय

    Publish Date: जून 12, 2024
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    बच्चे हमारे राष्ट्र के भावि कर्णधार – राज्यपाल
    देश में बाल श्रमिक प्रथा का उन्मूलन होना चाहिए
    चंडीगढ़ 12 जून- हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दतात्रेय ने कहा कि बच्चे हमारे राष्ट्र के भावि कर्णधार है, जिनका तेजी से बदलते परिदृश्य के अनुसार सही लालन-पालन, शिक्षा, संरक्षण कर हमारा नैतिक दायित्व है। इसलिए हर अभिभावक को बेहतरीन ढंग से बच्चों की देखरेख करनी चाहिए।
    राज्यपाल आज इन्द्रधनुष ऑडिटोरियम सैक्टर 5 में हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद् द्वारा आयोजित राज्य स्तरीय पुरस्कार वितरण समारोह में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने प्रदेश भर के सभी जिलों में बाल दिवस के अवसर पर आयोजित विभिन्न प्रकार की 18 प्रतियोगिताओं में अव्वल रहने वाले 383 बच्चों को सम्मानित किया। इनमें 303 लड़कियां शामिल रही।
    राज्यपाल ने कहा कि आप सबके बीच आकर बेहद खुशी की अनुभूती हो रही है। पुरस्कार ग्रहण करने वाले प्रिय बच्चों को अपनी ओर से बधाई, आशिर्वाद एवं उनके उज्जवल भविष्य के लिए शुभकामनाएं प्रदान की। इन पुरस्कारों के लिए हरियाणा बाल कल्याण परिषद ने प्रदेश भर के उन बच्चों का चयन किया है, जिन्होंने क्विज, ऑन स्कैचिंग द स्पॉट, रंगोली, पोस्टर मेकिंग, फन गेम, सोलो सोंग, सोलो डांस, क्ले मॉडलिंग, फैंसी ड्रेस सहित अनेक राज्यस्तरीय प्रतियोगिताओं में अव्वल स्थान हासिल किया है। इसके अलावा बाल भवन द्वारा चलाए जा रहे दत्तक एवं स्पेशल एडॉप्शन कार्यक्रम, प्रारंभिक कक्षाएं, सांयकालीन कक्षाएं तथा स्पेशल बच्चों के लिए प्रयास स्कूल, नशा मुक्ति केंद्र, परिवार परामर्श केंद्र व अन्य कार्यक्रम भी चलाए जा रहे हैं।
    उन्होंने कहा कि गरीब एवं जरूरतमंद बच्चों के लिए ओपन शेल्टर होम, कोचिंग एवं मार्गदर्शक कक्षाएं भी चलाना भविष्य के लिए अच्छा संकेत है। बाल कल्याण परिषद् के अधिकारियों को चाहिए कि वे बच्चों को नैतिकता एवं स्वावलम्बन की न केवल शिक्षा प्रदान करें बल्कि उन्हें स्वावलम्बी बनने में सहयोग भी करे। बच्चों की रूची समझकर उन्हें भविष्य का मार्ग दिखाए ताकि वे बड़े होकर एक शिक्षित और सुव्यवस्थित होकर उच्च कोटि का नागरिक बन सके। बाल कल्याण परिषद् द्वारा बच्चों के कल्याण के लिए हमेशा नए सृजनात्मक कार्यक्रमों को शामिल करते रहना चाहिए ताकि उनका उज्जवल भविष्य एवं जीवन सार्थक बन सके।
    14 साल से कम आयु के बच्चों के लिए बाल निषेध कानून
    विश्व बाल निषेध दिवस पर अपने विचार व्यक्त करते हुए राज्यपाल ने कहा कि जब वे केन्द्र में श्रम मंत्री थे तब उन्होंने 14 साल से कम आयु के बच्चों के लिए किसी भी कार्य में लगाने पर निषेध कानून बनाया था। बाल श्रम करवाना महापाप है। इसके लिए जागरूकता लाकर बच्चों के अधिकारों को सुरक्षित रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि सभी नागरिकों के सहयोग से बाल श्रम को समाप्त किया जा सकता है। देश में बाल श्रमिक प्रथा का उन्मूलन होना चाहिए। बच्चे भगवान का रूप होते हैं। इसलिए उनके उत्थान एवं सर्वांगीण विकास के लिए प्रदेश के 22 जिलों एवं 25 लघु बाल भवनों में विभिन्न प्रकल्पों मेें प्रशिक्षण देकर स्वावलम्बी बनाने की दिशा में बेहतर कार्य किया जा रहा है। इसके अलावा प्रदेश की लड़कियां हर क्षेत्र में आगे बढ़़ रही हैं। इसके लिए अभिभावकों को अच्छा वातावरण एवं माहौल देना चाहिए और पोष्टिक आहार भी प्रदान करना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार ने नई शिक्षा नीति में कक्षा दस जमा दो तक वोकेशनल शिक्षा प्रदान करने का निर्णय लिया है जो बहुत ही कारगर साबित होगा।
    इंद्रधनुष ऑडिटोरियम सेक्टर 5 पंचकूला में हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद द्वारा आयोजित कार्यक्रम में जन्मदिन के अवसर पर राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने बच्चों के साथ केक काटकर जन्मदिन की खुशियों को बांटा। राज्यपाल को हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष श्री ज्ञानचंद गुप्ता ने केक खिला कर जन्मदिन की शुभकामनाएं दी। महिला एवं बाल कल्याण मंत्री श्री असीम गोयल, श्रीमती अमित पी कुमार ने भी जन्मदिन की शुभकामनाएं दी।
    इस मौके पर महिला एवं बाल विकास विभाग की आयुक्त एवं सचिव श्रीमती अमनीत पी कुमार, निदेशक महिला एवं बाल कल्याण मोनिका मलिक, हरियाणा बाल कल्याण परिषद् की उपाध्यक्ष श्रीमती परीशा शर्मा, मेयर श्री कुलभुषन गोयल, उपायुक्त डा0 यश गर्ग, पुलिस आयुक्त हिमाद्रि कौशिक, उपप्रधान राज्य रैडक्रास सुषमा गुप्ता, डा. मुकेश अग्रवाल, बाल कल्याण अधिकारी कमलेश शास्त्री, भगत सिंह दलाल, सहित प्रदेश भर से आए बाल कल्याण अधिकारी भी मौजूद रहे।