छत्रपति शिवाजी महाराज एक पराक्रमी योद्धा होने के साथ राष्ट्र भक्ति, कर्तव्य परायणता, धर्म संस्कृति के संवाहक थे – राज्यपाल
चंडीगढ़, 19 फरवरी —– छत्रपति शिवाजी महाराज एक पराक्रमी योद्धा होने के साथ राष्ट्र भक्ति, कर्तव्य परायणता, धर्म संस्कृति के संवाहक थे। उन्होंने अपने संघर्षमयी जीवन में देश और धर्म की रक्षा के लिए मुगल शासकों से लड़ाईयां लड़ी। यह बात हरियाणा के राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय ने शिवाजी महाराज के जन्मदिवस पर उन्हें याद करते हुए कही। उन्होंने कहा कि ऐसे प्रतापी योद्धा को नमन करते हुए उन्हें गर्व हो रहा है। देश स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ के रूप में इस वर्ष आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। शिवाजी महाराज जैसे योद्धाओं के बलिदान की बदौलत आज हम आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं।
श्री दत्तात्रेय ने कहा कि शिवाजी महाराज ने अपने शासनकाल में गरीबों, वंचितों और महिलाओं के कल्याण के लिए कार्य किया। वह किसी भी धर्म के विरोधी नहीं थे। अपने शासनकाल में उन्होंने समभाव का वातावरण तैयार किया। शिवाजी महाराज की जीवन शैली , चरित्र व उनकी शिक्षाएं आज भी प्रासंगिक है। युवा पीढ़ी आज उनकी शिक्षाओं व देशभक्ति के जज्बे को अपने जीवन में अपनाएं यही शिवाजी महाराज को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।