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सामाजिक न्याय की राह की बाधाओं को दूर कर नए...
सामाजिक न्याय हमारे सामूहिक संकल्प और कार्रवाई के मूल में है ताकि बिना किसी को पीछे छोड़ते हुए अंतिम मील तक संपूर्ण विकास हासिल किया जा सके। 20 फरवरी, 2023 का दिन विश्व सामाजिक न्याय दिवस के रूप से ‘सामाजिक न्याय की राह में आने वाली बाधाओं को दूर कर नए अवसरों के सृजन‘ के रूप में मनाया जा रहा है। यह सभी जरूरतमंदों के साथ संवाद कायम कर वैश्विक प्रयासों के अनुरूप समावेशी सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक व्यवस्था स्थापित करने के संकल्प के लिए अति उत्तम अवसर है। इस समावेशन के माध्यम से समाज के सभी वर्गों का सशक्तिकरण सुनिश्चित करना होगा। यद्यपि प्राचीन काल से बिना किसी भेदभाव के एक समान मानवीय विकास सामाजिक विमर्श का एक अभिन्न अंग रहा है, परंतु समकालीन वर्षों के आर्थिक और सामाजिक संकटों को देखते हुए सामाजिक न्याय की आवश्यकता बहुत अधिक महसूस की जा रही है। विशेषज्ञ इस बात पर लगभग एकमत हैं कि दलितों के सशक्तिकरण के बिना समाज का सतत विकास संभव नहीं है। चुनौती न केवल लोगों की…

स्वामी विवेकानंदः युवाओं के लिए सच्चे आदर्श और मार्ग दर्शक
भारत में 19वी सदी में अंग्रेजी शासन का बोल-बाला था और दूनिया हमें हेय दृष्टि से देखती थी। उस समय भारत माता ने एक ऐसे लाल को 12 जनवरी 1863 में जन्म दिया, जिसने भारत के लोगांे का ही नहीं पूरी मानवता का गौरव बढ़ाया। माता-पिता ने बालक का नाम नरेन्द्र रखा। इसके बाद वे आध्यात्म से सरोबोर होकर स्वामी विवेकानंद कहलाए। स्वामी विवेकानंद पश्चिमी दर्शन सहित विभिन्न विषयों के ज्ञाता होने के साथ-साथ एक बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे। वह भारत के पहले हिंदू सन्यासी थे, जिन्होंने हिंदू धर्म और सनातन धर्म का संदेश विश्व भर में फैलाया। उन्होंने विश्व में सनातन मूल्यों, हिन्दू धर्म और भारतीय संस्कृति की सर्वाेच्चता स्थापित की। योगिक स्वभाव से परिपूर्ण, वे बचपन से ही ध्यान का अभ्यास करते थे। श्री रामकृष्ण परमहंस के संपर्क में आने के बाद उनके जीवन में एक बड़ा बदलाव आया। इनका सम्बन्ध गुरु-शिष्य संबंध के रूप में विकसित हुआ। उन्होंने नवंबर 1881 में एक दिन श्री रामकृष्ण परमहंस से पूछा, सर, क्या आपने भगवान को देखा है? उन्हांेने…

सुशासन के पैरोकार अटल बिहारी वाजपेयी
दिनांक 25.12.2022 आज क्रिसमस का पवित्र पर्व है – इस दिन ईसा मसीह का जन्म हुआ था। प्रेम, प्यार, शांति, करुणा, दया, विश्वास और भाईचारे की भावना ही उनका मानवता के लिए संदेश है। मैं देश और प्रदेशवासियों को क्रिसमस की बधाई और शुभकामनाएं देता हूं। यह भी एक बड़ा संयोग है कि हमारे पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्वर्गीय श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी का जन्म भी इसी पवित्र दिन 1924 में मध्य प्रदेश के ग्वालियर में एक आदर्श शिक्षक के परिवार में हुआ। वाजपेयी जी ने अपने पूरे जीवन में शांति, सह-अस्तित्व, करुणा, समानता, न्याय और बंधुत्व के आदर्शों का पालन किया। अटल बिहारी वाजपेयी एक कवि, लेखक, पत्रकार, राजनेता, स्वतंत्रता सेनानी और दूरदर्शी व बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे। वह एक सच्चे राष्ट्रवादी थे और हमेशा राष्ट्रीय हित के लिए दलगत राजनीति से ऊँचे विचार रखते थे। वे चाहे सत्ता में रहे हों या विपक्ष में वे राष्ट्र हित के लिए सभी को साथ लेकर चलने में विश्वास रखते थे। इसीलिए उन्हें भारतीय राजनीति का अजातशत्रु भी कहा…

समाज सुधारक, सामाजिक न्याय के चैंपियन महात्मा ज्योतिबा फुले
महात्मा ज्योतिबा गोविंदराव फुले शिक्षा और सामाजिक सुधार के माध्यम से दलितोत्थान के लिए हमेशा हमारे दिलों में रहेंगे! बहुत ही कठिन परिस्थितियों में जब उन्होंने अपनी पत्नी सावित्रीबाई फुले की मदद से समाज के कमजोर वर्गों, विशेष रूप से महिलाओं को शिक्षा प्रदान करके उन्हें सशक्त बनाने का बीड़ा उठाया। सभी बाधाओं, चुनौतियों और कठिनाइयों का सामना करते हुए, वे एससी, एसटी, ओबीसी और हाशिए पर रहे अन्य वर्गों के साथ हो रहे क्रूर अन्याय के खिलाफ मजबूती से खड़े हुए। एक विशाल व्यक्तित्व, महात्मा फुले ने सामाजिक न्याय, समानता और महिला सशक्तिकरण के लिए शिक्षा रूपी सबसे शक्तिशाली उपकरण को इस्तेमाल किया और गरीब, वंचित, पिछड़े व दलितों की आशा की किरण बने। इन वर्गों के लोगों को उस समय उनकी जाति के आधार पर प्रताड़ित किया जा रहा था। निःस्वार्थ तरीके से दलितों की सेवा और उत्थान करने की उनकी प्रतिबद्धता लोगों को इतनी प्रेरक लगी कि लोगों ने उन्हें महात्मा के रूप में प्रतिष्ठित किया! दलित अत्याचारों के खिलाफ खड़े होने के लिए महात्मा फुले का…

आत्मनिर्भर, आदर्श, समृद्ध एवं सुशासित हरियाणा
– लेखक- श्री बंडारू दत्तात्रेय द्वारा माननीय राज्यपाल, हरियाणा अपने हरियाणा के बारे में विचारों को साझा करने के लिए मेरे लिए एक नवंबर से बेहतर कोई दिन नहीं हो सकता। आज हरियाणा दिवस है, और सांस्कृतिक रूप से इतने समृद्ध और विविधता वाले इस प्रगतिशील राज्य के लोगों को मैं हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं देता। पूरे देश में हरियाणा की एक आत्मनिर्भर, आदर्श, समृद्ध एवं सुशासित हरियाणा की पहचान बनी है। 15 जुलाई 2021 को मैंने हरियाणा के 18वें राज्यपाल के रूप में शपथ ली। आज मैं भावनात्मक रूप से राज्य और लोगों से जुड़ा हूं। यहां के लोग अपनी समृद्ध संस्कृति, सामाजिक और आध्यात्मिक विरासत की बखुबी सहेज रहे हैं। हरियाणा के लोग मिलनसार, विनम्र, सीधे और सरल स्वभाव के हैं। 5000 वर्ष पूर्व कुरुक्षेत्र में महाभारत युद्ध के दौरान भगवान श्री कृष्ण द्वारा पवित्र गीता का महान दिव्य संदेश दिया गया था। कई बार कुरुक्षेत्र यात्रा का अवसर मिला है और ब्रह्म सरोवर की आरती में भाग लेते हुए उस स्थान की दिव्यता को महसूस किया है।…