टीबी के मरीजों के उत्तम स्वस्थ्य हेतू चिकित्सकों को दवाई व पोषक खुराक के साथ साथ स्नेह देने की भी आवश्यकता है – राज्यपाल
चंडीगढ़, 17 सितम्बर- हरियाणा के राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि टीबी के मरीजों के उत्तम स्वस्थ्य हेतू चिकित्सकों को दवाई व पोषक खुराक के साथ साथ स्नेह देने की भी आवश्यकता है, जिससे टीबी के मरीज शीघ्र ठीक हो सकेंगे।
राज्यपाल आज स्वास्थ्य विभाग द्वारा पंचकूला में आयोजित प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के शुभारंभ अवसर पर बोल रहे थे।
श्री दत्तात्रेय ने कहा कि टीबी मुक्त हरियाणा होने से टीबी मुक्त भारत बनेगा। इसलिये हमारे प्रदेश के चिकित्सकों को चाहिये कि वो मरीजों की उचित देखरेख करें और अस्पताल को एक मंदिर की भांति स्वच्छ बनाये क्योंकि स्वच्छ घर, आंगन और मन से रोग भी शीघ्र ठीक हो जाते है। उन्होंने कहा कि आज प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के जन्म दिवस पर इस प्रकार का आयोजन आम व्यक्ति को प्रोत्साहन प्रदान करेगा क्योंकि उनके दिखाये गये मार्ग पर ही भारत ने विश्व स्वास्थ्य संगठन के 2030 के लक्ष्य से पहले ही भारत को 2025 तक टीबी मुक्त बनाने का संकल्प लिया है। इस दौरान उन्होंने प्रदेशवासियों को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जन्मदिन की बधाई दी।
राज्यपाल ने कहा कि प्रदेश के चिकित्सकों ने कोविड काल में भी कड़ी मेहनत की और मरीजों को ठीक किया। हरियाणा में करीब 4.50 करोड़ लोगों को कोविड के टीके लगाये है जबकि देश में करीब 216 करोड़ डोज दी गई है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री का कहना है कि जिस देश के नागरिक स्वस्थ होंगे वह देश हमेशा प्रगति करेगा। इसलिये उन्होंने भारत को टीबी मुक्त बनाने का लक्ष्य वर्ष 2025 रखा है। इस लक्ष्य की पूर्ति के लिये निक्षय मित्रों का अह्म योगदान रहेगा। उन्होंने प्रदेश में टीबी के मरीजों की देखभाल के लिये अधिक से अधिक निक्षय मित्र बनने का भी आह्वान किया ताकि उन मरीजों का मनोबल बढ़ाया जा सके।
हरियाणा राजभवन ने आज टीबी के 5 मरीजों को गोद लिया और उन्हें दवाइयों व पोष्टिक आहार की किट उपलब्ध करवाई। इस दौरान उन्होंने विश्वास फांउडेशन, रोटरी क्लब, अलखेर एजुकेशनल ट्रस्ट मेवात सहित अनेक समाज सेवी संस्थाओं तथा लोगों को टीबी के मरीजों की सहायता करने के लिये सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर देश में आयुष्मान भारत योजना शुरू की गई है जोकि दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य सहयोगी योजना है। इस दौरान राज्यपाल ने अस्पताल में टीबी के मरीजों का हाल चाल जाना तथा हार्ट केयर सेंटर व अन्य वार्डों का निरीक्षण भी किया। इसके साथ ही कार्यक्रम स्थल पर लगाई गई प्रदर्शनी का अवलोकन किया।
हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री श्री अनिल विज ने वर्चुअल माध्यम से बोलते हुए कहा कि हमारे पास मरीजों के समुचित उपचार के लिये आधारभूत संरचना, अस्पताल एवं लेबोरेटरिज की उचित व्यवस्था है। इसके साथ ही अंबाला शहर में 100 बैड का टीबी अस्पताल और बनाया जा रहा है जहां मरीजों का उपचार बेहतर ढंग से किया जा सकेगा। हमारी सरकार मरीजों को शीघ्र स्वास्थ्य लाभ प्राप्त कराने में सक्षम है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के टीबी मुक्त भारत के 2025 के लक्ष्य को पूरा करने के लिये हमारे चिकित्सक कड़ी मेहनत से कार्य कर रहे है। उन्होंने सामाजिक, धार्मिक और अन्य संस्थाओं का आह्वान करते हुए कहा कि उन्हें भारत को टीबी मुक्त बनाने में अपना पूरा सहयोग देना चाहिये।
उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के जन्म दिवस पर बधाई देते हुए कहा कि वे एक तपस्वी की भांति दिन रात भारत माता की सेवा कर रहे है, वह हम सब के लिए अनुकरणीय है।
स्वास्थ्य विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव श्रीमती जी अनुपमा ने प्रदेश के उपायुक्तों को कहा कि वे राज्य को टीबी मुक्त बनाने में अपना पूरा सहयोग दें तथा मरीजों को उनकी आवश्यकतानुसार सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाने को प्राथमिकता दें। उन्होंने कहा कि यदि मरीज का मनोबल बढ़ाने के लिये चिकित्सकों व अन्य लोगों का सहयोग मिलता रहेगा तो मरीज शीघ्र स्वस्थ होगा। टीबी की बीमारी कोई लाइलाज बीमारी नहीं है। यदि रोगी 3 से 6 महीने नियमित तौर पर दवाई व खुराक लेता रहेगा तो यह बीमारी हमेशा के लिये चली जाती है।
स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ वीना सिंह ने राज्यपाल का स्वागत करते हुये कहा कि विभाग अपने इस लक्ष्य को 2025 तक पूरा करने के लिये संकल्पबद्ध हैं। इसके लिये हमें राजनैतिक, प्रशासनिक तथा जन समुदाय के पूर्ण सहयोग की आवश्यकता है। स्वास्थ्य महानिदेशक सोनिया त्रिखा ने कहा कि हर साल करीब 70 हजार टीबी के मरीज होते है, जिनमें से लगभग 10 हजार की मौत हो जाती है परंतु सरकार के निर्देशानुसार प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के जन्म दिन 17 सितंबर से 1 अक्तूबर तक टीबी मुक्त पखवाड़ा मनाया जा रहा है, जिसका लक्ष्य नये मरीजों की पहचान, उनकी दवाईयों पर जीरो खर्च तथा मृत्यु दर को 90 प्रतिशत तक कम करना है। इसके लिये हमें मरीजों की जांच, उपचार तथा जन भागीदारी से अपने लक्ष्य को प्राप्त करना होगा।
इस अवसर पर राज्यपाल के सचिव श्री अतुल द्विवेदी, आईटी प्रमुख श्री भानू शिव शंकर, उपायुक्त महावीर कौशिक, पुलिस आयुक्त सुरेंद्र पाल सिंह सहित स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे।