देश के सच्चे एवं अच्छे नागरिक बनाने के लिए बच्चों का बाल्यकाल से ही शिक्षा, अनुशासन, खेल व स्वास्थ्य की तरफ पैदा करें रुझान: महामहिम राज्यपाल प्रो. अशीम कुमार घोष
-महामहिम राज्यपाल प्रो.अशीम कुमार घोष ने जींद जिला के स्कूलों व स्वास्थ्य केंद्र का दौरा कर लिया व्यवस्थाओं का जायजा
-राज्यपाल प्रो.अशीम कुमार घोष तथा उनकी धर्मपत्नी मित्रा घोष कक्षाओं में जाकर बच्चों मिले, दुलार कर दिए चॉकलेट
-दोनों स्कूलों के विकास कार्यों के लिए 60-60 हजार रूपए देने की करी घोषणा
जींद, 19 अगस्त । हरियाणा प्रदेश के महामहिम राज्यपाल प्रो.अशीम कुमार घोष ने कहा कि देश के सच्चे एवं अच्छे नागरिक बनाने के लिए बच्चों का बाल्य काल से ही पढ़ाई, खेल, स्वास्थ्य व अनुशासन की ओर रूझान पैदा करना चाहिए। इसके साथ-साथ उनकों अच्छे संस्कार भी देने चाहिए।
महामहिम राज्यपाल प्रो.अशीम कुमार घोष ने मंगलवार को जींद जिले के दो दिवसीय दौरे के दौरान झांझ कलां व जीतगढ़ गांव के प्राथमिक पाठशाला में आयोजित कार्यक्रमों को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर महामहिम राज्यपाल प्रो. 3 अशीम कुमार घोष की धर्मपत्नी मित्रा घोष, हरियाणा विधानसभा के उपाध्यक्ष डाॅ कृष्णलाल मिढा,डीसी मोहम्मद इमरान रजा, पुलिस अधीक्षक कुलदीप सिंह, सीआरएसयू के कुलगुरू रामपाल सैनी मौजूद रहे।
उन्होंने अपने संबोधन में आगे कहा कि जींद जिले का दौरा कर विशेष कर बच्चों के बीच पहुंच काफी खुशी महसूस हो रही है। उन्होंने कहा कि बच्चे देश का भविष्य है और सबसे कीमती संपत्ति है। इन्हें शिक्षा के साथ-साथ संस्कारवान भी बनाएं। बच्चों का खेलों की और भी रुझान बनाएं ताकि नशे से दूर रहकर राष्ट्र की प्रगति में अपना सक्रिय योगदान दे सकें। खेलों से शारीरिक व मानसिक ताकत प्राप्त होती है। उन्होंने अभिभावकों से कहा बच्चों को अपना समय देना चाहिए और यह ध्यान रखें की उनका रुझान किस क्षेत्र की ओर बढ़ रहा है। बच्चों की रुचि के अनुरूप उन्हें अपना क्षेत्र चुनने की आजादी देनी चाहिए। ऐसा करने से बच्चों को सही दिशा में प्रतिभा दिखाने के अवसर मिलेंगे और निश्चित रूप से वह सफलता की नई उचाइंयों को छूएंगें। सरकार की ओर से भी शिक्षा व खेलों की ओर बढ़ावा दिया जा रहा है। विगत वर्षों से इन क्षेत्रों में हरियाणा प्रदेश में काफी तरक्की देखने को मिल रही है।
महामहिम राज्यपाल प्रो.अशीम कुमार घोष ने इस दौरान दोनों विद्यालयों में व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया। उन्होंने साफ-सफाई, रसोईघर, शौचालय, पुस्तकालय इत्यादि का निरीक्षण किया। उन्होंने क्लास रूम में जाकर बच्चों से बातचीत की, उन्होंने बच्चों को दुलार करते हुए आशीर्वाद व चॉकलेट दी। उन्होंने बच्चों से सवाल भी पूछे। सवालों के जवाब में बच्चों ने कहा कि मिड-डे मील में अच्छा भोजन मिल रहा है। महामहिम राज्यपाल ने अधिकारियों को निर्देश दिए की सभी कक्षाओं के कमरों में प्रयाप्त मात्रा में पंखे लगाना सुनिश्चित करें। उन्होंने इस व्यवस्था के लिए झांझ कला तथा जीतगढ़ विद्यालय को 60-60 हजार रुपये की राशि देने की भी घोषणा की। उन्होंने जीतगढ़ गांव के प्राईमरी स्कूल में स्कूल प्रबंधक कमेटी को स्कूल में व्यवस्थाओं को और बेहतर बनाने के निर्देश दिए और उन्होंने कहा कि एसएमसी के सदस्य समय-समय पर स्कूल का दौरा करते रहें और ध्यान रखें बच्चों को पोष्टिक एवं गुणवत्ता पूर्वक मिड-डे मिल मिले। इस मौके पर स्कूली विद्यार्थियों ने देशभक्ति व हरियाणवी संस्कृति से ओत-प्रोत सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए।
-प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, रामराय का दौरा स्वास्थ्य सुविधाओं का लिया जायजा:
राज्यपाल ने रामराये गांव स्थित प्राइमरी स्वास्थ्य केंद्र का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने उपचाराधीन मरीजों का का हाल-चाल जाना और फल भेंट किए। उन्होंने प्रयोगशाला, दवाई संग्रहण कक्ष, कोल्ड चेन रूम सहित तमाम व्यवस्थाओं का जायजा लिया। उन्होंने स्वास्थ्य केन्द्र में दवाई के रिकॉर्ड को चैक किया तथा पीएचसी में आमजन को दी जाने वाली सभी स्वास्थ्य सेवाओं की फीडबैक ली। इस दौरान राम राय गांव निवासी फूल कुमार शास्त्री ने महामहिम राज्यपाल को राम राय गांव के इतिहास के संबंध में जानकारी दी।
-राज्यपाल ने पौधारोपण कर दिया पर्यावरण संरक्षण का संदेशः
महामहिम राज्यपाल प्रो. अशीम कुमार घोष ने प्राथमिक पाठशाला जीतगढ़ तथा रामराय गांव के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र परिसर में पौधारोपण कर लोगों को पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति को न केवल पौधारोपण करना चाहिए बल्कि रोपण के बाद उसकी देखभाल भी करनी चाहिए। उन्होंने सरकार द्वारा चलाए जा रहे अभियान को सफल बनाने के लिए अधिक से अधिक पौधे लगाने का आह्वान किया।
इस अवसर पर झांझ कलां के सरपंच सुनील कुमार,जीतगढ सरपंच ममता, टेकराम कंडेला,सुरेन्द्र शर्मा, सूरज,संजय, विजेन्द्र फोजी, तेलूराम ,बलजीत सिंह, हरस्वरूप,पूनम, सुदेश,आशु आदि मौजूद रहे।