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    सैय्यद मुजफ्फर हुसैन बर्नी

    Shri Burney
    • Designation: Former Governor
    • Duration: 14/06/1984 to 21/02/1988

    श्री बर्नी का जन्म 14 अगस्त 1923 को बुलंदशहर, उत्तर प्रदेश में हुआ था। उन्होंने आईएएस में शामिल होने से पहले अंग्रेजी साहित्य में 1948 में एमए किया था। उन्हें उड़ीसा कैडर में नियुक्त किया गया जहाँ उन्होंने विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया। वह 1979-80 तक उड़ीसा सरकार के मुख्य सचिव और विकास आयुक्त रहे। उन्होंने भारत सरकार के साथ सचिव, सूचना और प्रसारण मंत्रालय (1975-77) और सचिव, गृह मंत्रालय (1980-81) जैसे महत्वपूर्ण कार्यों में भी काम किया। उन्होंने 8 सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के बोर्ड में निदेशक के रूप में कार्य किया। श्री बर्नी ने कई महत्वपूर्ण संयुक्त राष्ट्र सम्मेलनों में भारत का प्रतिनिधित्व किया। उन्होंने केंद्रीय आईएएस एसोसिएशन जैसे सार्वजनिक संस्थानों में महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया; दिल्ली वक्फ बोर्ड और भारतीय लोक प्रशासन संस्थान। वह दिल्ली में विभिन्न सांस्कृतिक और साहित्यिक गतिविधियों से जुड़े थे। वह दिल्ली में ‘‘शाम-ए-गजल‘‘ समूह के अध्यक्ष थे। उन्होंने अंग्रेजी और उर्दू में कई किताबें लिखीं जिनमें ‘‘इकबाल और राष्ट्रीय एकता‘‘, ‘‘मोहब्बे वतनः इकबाल‘‘, ‘‘इकबकलः ए रिवाल्यूशन‘‘, ‘‘इकबकलः मैन एंड पोएट‘‘, ‘‘कलेक्टेड लेटर्स ऑफ इकबाल‘‘, ‘‘इकबाल द पोएट पैट्रियट‘‘ शामिल हैं। भारत का‘‘ और ‘‘वह सब जो मुझे कहने के लिए मिला है‘‘ (श्री बर्नी के भाषणों का संग्रह)। उन्होंने श्रीमती गांधी अंतर्संबंध पर स्मृति व्याख्यान का उद्घाटन भाषण केरल विश्वविद्यालय, त्रिवेंद्रम (1985) में भारत की एकता पर दिया। श्री बर्नी अगस्त 1981 से जून 1984 तक नागालैंड, मणिपुर और त्रिपुरा के राज्यपाल थे। उन्होंने 14 जनवरी 1984 से 21 फरवरी 1988 तक हरियाणा के राज्यपाल के रूप में कार्य किया। उन्होंने दिसंबर 1987 में हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल का अतिरिक्त प्रभार भी संभाला। उसके बाद श्री बर्नी भारत के अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष थे। 2014 के वर्ष में उनका निधन हो गया।.